संसद में आज: वायु प्रदूषण से निपटने को 4 साल में जारी किए 9650 करोड़ रुपए

सिमिलिपाल टाइगर रिजर्व में 16 बाघों को दर्ज किया गया था, जिनमें से 10 मेलानिस्टिक या काले बाघ थे
संसद में आज: वायु प्रदूषण से निपटने को 4 साल में जारी किए 9650 करोड़ रुपए
Published on

रोजगार पर कोविड-19 महामारी का प्रभाव

आज लोकसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई जो 22 दिसंबर तक चलनी थी। उससे पहले सदन में उठाए गए एक सवाल के लिखित जवाब में, श्रम और रोजगार राज्य मंत्री रामेश्‍वर तेली ने राज्‍यसभा में वार्षिक आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) रिपोर्ट का हवाला दिया। जिसमें कहा गया है कि देश में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों के लिए सामान्य स्थिति पर रोजगार का संकेत देने वाला अनुमानित श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर) 2022-23 के दौरान भारी बढ़ोतरी के साथ 56.0 फीसदी हो गया है, जबकि  2019-20 के दौरान यह 50.9 फीसदी था।

तेली ने कहा कि दूसरी ओर, देश में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों  के लिए सामान्य स्थिति पर अनुमानित बेरोजगारी दर (यूआर) 2019-20 के दौरान 4.8 फीसदी की तुलना में 2022-23 के दौरान घटकर 3.2 फीसदी हो गई है। आंकड़ों से पता चलता है कि 2022-23 में श्रम बल पूर्व कोविड अवधि से बेहतर हैं।

काले बाघों का संरक्षण

सदन में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में आज, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने राज्यसभा में बताया कि मेलानिस्टिक बाघ केवल ओडिशा के सिमिलिपाल टाइगर रिजर्व में दर्ज किए गए हैं। अखिल भारतीय बाघ अनुमान 2022 के अनुसार, सिमिलिपाल टाइगर रिजर्व में 16 बाघों को दर्ज किया गया था, जिनमें से 10  मेलानिस्टिक या काले बाग थे।

लुप्तप्राय पशु प्रजातियों की स्थिति

देश में लुप्तप्राय पशु प्रजातियों की स्थिति को लेकर सदन में उठाए गए एक सवाल के लिखित जवाब में आज, राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने राज्यसभा में जानकारी देते हुए कहा कि मंत्रालय में पुडुचेरी सहित देश में जानवरों की प्रजातियों के विलुप्त होने के कगार का संकेत देने वाली कोई रिपोर्ट नहीं है। सरकार के ठोस प्रयासों के कारण बाघ, एशियाई शेर, एशियाई हाथी, एक सींग वाले गैंडे, गिद्ध आदि प्रजातियों की आबादी में वृद्धि देखी गई है।

ईंट भट्टों को जिग- जैग प्रौद्योगिकी में परिवर्तित करना

वहीं सदन में सवालों का सिलसिला जारी रहा, एक और प्रश्न के उत्तर में आज, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने राज्यसभा में बताया कि 21 राज्यों और पांच केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को दी गई जानकारी के अनुसार, देश में कुल 12,551 ईंट भट्टे हैं। इनमें से 6,443 ईंट भट्टों को जिग-जैग तकनीक में परिवर्तित कर दिया गया है। महाराष्ट्र राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीसीबी) से प्राप्त जानकारी के अनुसार, कुल 39 हैं, अधिकांश ईंट भट्टे जिग-जैग तकनीक पर आधारित हैं।

वायु प्रदूषण से निपटने के लिए धन आवंटन

सदन में वायु प्रदूषण से निपटने को लेकर उठाए गए एक सवाल के लिखित जवाब में आज, राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने राज्यसभा में कहा कि राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के तहत वित्त वर्ष 2019-20 से वित्त वर्ष 2023-24 (15 दिसंबर तक) तक चिन्हित 131 शहरों को 9650 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।

उन्होंने कहा कि 9650 करोड़ रुपये में से 1292.50 करोड़ रुपये की राशि एनसीएपी के तहत वित्त पोषित शहरों को जारी की गई है, जिसमें से 480.92 करोड़ रुपये का उपयोग किया गया है (15 दिसंबर तक) और 8357.51 करोड़ रुपये उन शहरों को जारी किए गए हैं जो एनसीएपी के तहत वित्त पोषित हैं। पंद्रहवें वित्त आयोग के तहत, जिसमें से 5835.03 करोड़ रुपये (15 दिसंबर तक) का उपयोग वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए किया गया है।

केरल में जंगली जानवरों के कारण जानमाल की हानि

जंगली जानवरों के कारण होने वाले नुकसान को लेकर सदन में प्रश्न पूछा गया जिसके उत्तर में आज, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने राज्यसभा में जानकारी देते हुए कहा कि केरल राज्य से प्राप्त जानकारी के अनुसार वित्तीय वर्ष 2023-24 में जंगली जानवरों के कारण 105 लोगों की मौत हुई।

बांधों का सुरक्षा ऑडिट

सदन में उठाए गए एक सुला के लिखित जवाब में आज, जल शक्ति राज्य मंत्री बिश्वेश्वर टुडू ने लोकसभा में बताया कि राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण द्वारा संकलित बड़े (विशिष्ट) बांधों के राष्ट्रीय रजिस्टर, 2023 के अनुसार, भारत में 234 संख्या में बड़े (निर्दिष्ट) बांध हैं, जो 100 वर्ष से अधिक पुराने हैं।

सड़क निर्माण परियोजनाओं में ठोस अपशिष्ट पदार्थ

वहीं सदन में सड़क निर्माण परियोजनाओं में कचरे के उपयोग को लेकर पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में आज, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन जयराम गडकरी ने लोकसभा में बताया कि मंत्रालय द्वारा दिशा निर्देश जारी किए गए हैं और सड़क निर्माण की विशिष्ट वस्तुओं में ठोस अपशिष्ट पदार्थों के उपयोग के संबंध में भारतीय सड़क कांग्रेस (आईआरसी) द्वारा मानक, मैनुअल और दिशा निर्देश प्रकाशित किए गए हैं।

गडकरी ने बताया कि ठोस अपशिष्ट पदार्थों में निर्माण और विध्वंस अपशिष्ट, औद्योगिक अपशिष्ट, डामर परतों का पुनर्चक्रण, अपशिष्ट प्लास्टिक आदि शामिल हैं। ये दिशा निर्देश प्रतिष्ठित शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों द्वारा किए गए अध्ययनों के आधार पर तैयार किए गए हैं।

स्वच्छ भारत मिशन शहरी (एसबीएम-यू) 2.0

सदन में पूछे गए एक अन्य सवाल के लिखित जवाब में आज, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री कौशल किशोर ने लोकसभा में जानकारी देते हुए कहा कि अब तक 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सभी शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) ने खुद को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) घोषित कर दिया है। इसमें से 3,547 यूएलबी को एसबीएम-यू के तहत ओडीएफ+, 1,191 यूएलबी को ओडीएफ++ और 14 यूएलबी को वाटर+ के रूप में प्रमाणित किया गया है।

किशोर ने बताया कि देश में नगरपालिका ठोस अपशिष्ट (एमएसडब्ल्यू) का वैज्ञानिक प्रसंस्करण 2014 में 17 फीसदी से बढ़कर 76.49 फीसदी हो गया, यानी कुल उत्पन्न 1.57 लाख टन प्रति दिन (टीपीडी) में से 76.49 फीसदी एमएसडब्ल्यू को सामग्री पुनर्प्राप्ति सुविधाओं के माध्यम से संसाधित किया जा रहा है। (एमआरएफ), अपशिष्ट से खाद बनाना, अपशिष्ट से गैस, बिजली बनाना, निर्माण और विध्वंस अपशिष्ट प्रसंस्करण आदि का प्रयोग। इसके अलावा, पुराने अपशिष्ट डंपसाइटों का उपचार शुरू किया गया है।

देश में ग्रीन हाइड्रोजन

सदन में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में आज, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा और बिजली मंत्री आर.के. सिंह ने लोकसभा में बताया कि नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय चार जनवरी 2023 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 19,744 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ अनुमोदित राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन को कार्यान्वित कर रहा है। मिशन का व्यापक उद्देश्य भारत को ग्रीन हाइड्रोजन और उसके डेरिवेटिव के उत्पादन, उपयोग और निर्यात के लिए वैश्विक केंद्र बनाना है।

Related Stories

No stories found.
Down to Earth- Hindi
hindi.downtoearth.org.in