मोदी 2.0 का मंत्र: गांव-गरीब और किसान, बजट में की गई घोषणा

बजट 2019 में वित्त मंती निर्मला सीतारमण ने ग्रामीण भारत के साथ-साथ गरीबों के लिए कई योजनाओं की घोषणा की है
मोदी 2.0 का मंत्र: गांव-गरीब और किसान, बजट में की गई घोषणा
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मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के बजट में गांव, गरीब और किसान को सबसे अधिक फायदा पहुंचाने का वादा किया है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 2019-20 का पूर्ण बजट पेश करते हुए कहा कि हम अपनी हर योजना में गांव, गरीब व किसान को प्रमुखता देंगे। और इनके पास हर योजना लाभ पहुंचे, इसके लिए वित्तमंत्री ने अपने बजट की शुरूआत में ही बाबू संस्कृति यानी लालफीताशाही पर कुठाराघात करते हुए उन्हें संदेश दिया है कि अब आपके दिन लद गए हैं और यदि समय रहते नहीं सुधरे तो दूसरा आदमी आपकी सीट लेने के लिए तैयार है।

वित्तमंत्री ने सीधे कहा कि हम लालफीताशाही को और कम करेंगे और गरीबों तक सरकारी योजना का सही क्रियान्वयन करने के लिए हर सरकारी बाबू की नकेल कसी जाएगी। यही नहीं, रोजगार सृजन के लिए कारोबारी माहौल को और बेहतर करने का दावा किया है। इसके लिए सरकार ने छोटे और मझोले उद्योगों के लिए 59 मिनट में लोन को मंजूरी देने का दावा किया है। यह देखने की बात है इसे एक घंटा न कह जानबूझ कर एक मिनट कम बताया गया है। इसके लिए सरकार की यह सोच है कि हम इतने पंचुलल है कि एक घंटे के आखिरी मिनट को भी बचाएंगे।  

हालांकि बजट में जब वित्तमंत्री कहती है कि पिछले 5 सालों में हमने दिवालिया कानून जैसे सुधार देखे हैं, लेकिन यह भी सभी जानते हैं कि इस सरकार के कार्यकाल में ही क्यों दिवालिया के मामले अधिक आए हैं। एक तरह से दिवालिया कानून का सहारा कारोबारी अपने बचाने के लिए भी कर रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने नए औद्योगिक कॉरिडोर बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया। छोटे और मझोले उद्योगों में रोजगार बढ़ाने पर जोर दिया है।  हालांकि यह आने वाला वक्त ही बताएगा कि बजट में की गई इन घोषणाओं का असर कब तक कमजोर वर्ग तक पहुंचता है।

बजट में वित्त मंत्री ने एक बड़ी घोषणा की है कि हम एक देश एक ग्रिड के जरिए सभी राज्यों को सस्ती बिजली पहुंचाएंगे। इससे हर राज्य को सही दाम पर हर वक्त बिजली मिल सकेगी। हालांकि इसमें संदेह है कि यह योजना अपने मूर्त रूप ले सकेगी। चूंकि जहां गैर भाजपा सरकार है उन राज्य सरकारों को इस प्रकार की सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पाता है। यह देखने वाली बात होगी केंद्र अपनी इस घोषणा पर भविष्य में कितना ईमानदारी से पूरा कर पाती है। सरकार ने इस प्रकार की ग्रिड के लिए गैस और पानी सेक्टर के लिए भी एक राष्ट्रीय ग्रिड बनाने की बात कही है।

मोदी सरकार ने एक महिला को वित्त मंत्री बना कर कायदे से देशवासियों को यह संदेश देना चाह रही है जिस प्रकार से हमारे घरों की वित्त मंत्री एक महिला ही होती है तो घर का बजट हो देश का बजट इसमें कोई बहुत अधिक अंतर नहीं होता है।

देश के सबसे बड़े उपक्रम यानी रेलवे के लिए तेजी से रेलवे में सुधार और यात्रियों को सुविधाएं मुहैया कराने के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत काम होगा। इसका अर्थ कि रेलवे की खाली पड़ी जमीनों को निजी क्षेत्र  रेलवे इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार के लिए 2018 से 2030 तक 50 लाख करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत है।

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