श्रीवास्तव के मुताबिक, ‘शिक्षा, रोजगार या प्रशिक्षण में नहीं, यानी नॉट इन एजुकेशन, इम्प्लॉयमेट ऑर ट्रेनिंग (एनईईटी) की दर महिलाओं, विशेष रूप से युवा महिलाओं के लिए, नीचे जाने के बजाय लगभग स्थिर रही है। वहीं छोटी आयु वर्ग की आधी महिलाएं मूल रूप से न तो श्रम-शक्ति में हैं और न ही वे काम ढूंढने की कोशिश कर रही हैं।’ अगर कम उम्र की और महिलाएं पढ़ाई कर रही हैं या उनके रोजगार की दर स्थिर है तो एनईईटी की दर नीचे आनी चाहिए लेकिन मैंने पाया कि ऐसा नहीं है।