दिल्ली में बढ़ी न्यूनतम मजदूरी, दूसरे राज्यों से तीन गुणा अधिक होने का दावा

दिल्ली के मुख्यमंत्री का कहना है कि न्यूनतम मजदूरी बढ़ा कर मंदी से निपटने का प्रयास किया गया है, इससे मजदूरों की क्रय शक्ति बढ़ेगी
Photo: Vikas choudhary
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दिल्ली सरकार ने न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया। यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद संभव हुआ है। पहले दिल्ली सरकार के नोटिफिकेशन को दिल्ली उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था। सोमवार को सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इससे दिल्ली के 55 लाख मजदूरों को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय न्यूनतम मजदूरी 4,628 है जबकि दिल्ली में यह अब 14,842 रुपए हो गई है।

केजरीवाल ने कहा कि मंदी और गरीबी से निपटने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है। हमने शहर में काम करने वाले मजदूरों के लिए न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने के लिए पिछले पांच वर्षों में कड़ी मेहनत की है। न्यूनतम मजदूरी नीति हमारे पांच साल के संघर्ष का परिणाम है।

केजरीवाल ने कहा कि इससे उद्योग संचालक व व्यापारियों को भी फायदा होगा। पहले भले ही बोझ बढ़ेगा, लेकिन इससे मजदूरों की क्रय शक्ति में बढ़ोतरी होगी। फिर माल ज्यादा बिकेगा। इससे बाजार में आर्थिक उत्पादन बढ़ेगा, जो रोजगार बढ़ाएगा और अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करेगा।

सीएम के अनुसार, अप्रैल 2016 में हमने न्यूनतम मजदूरी के लिए सरकार, मजदूरों और कई उद्योग संघों के सदस्यों के साथ एक न्यूनतम मजदूरी समिति बनाई जिसे उपराज्यपाल ने इस आधार पर खारिज कर दिया कि समिति बगैर इजाजत के बनी है। हमने उपराज्यपाल से अनुमति लेकर फिर से कमेटी बनाई जिसकी सिफारिशों को हमने लागू कर दिया। इसके बाद व्यापार व उद्योग संघ दिल्ली उच्च न्यायालय चले गए। उच्च न्यायालय ने हमारे नोटिफिकेशन को खारिज कर दिया। इसके बाद हम सुप्रीम कोर्ट गए। कोर्ट ने आपत्ति करने वाले संघ को साथ लेकर चार माह में कमेटी बनाने को कहा। हमने चार माह में कमेटी बनाकर न्यूनतम मजदूरी तय की जिसे सुप्रीम कोर्ट ने मान लिया। इसके बाद नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया।

जमीन पर कार्यान्वयन भी सुनिश्चित होगा

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि न्यूनतम मजदूरी नीति का ऑन-ग्राउंड कार्यान्वयन बहुत मुश्किल है। उन्होंने कहा कि हमने नीति के कार्यान्वयन के संबंध में कई सकारात्मक कदम उठाए हैं। हमने सरकारी एजेंसियों से जुड़े 1,373 ठेकेदारों को हटा दिया जो न्यूनतम मजदूरी नहीं दे रहे थे। इसके अलावा हमने न्यूनतम मजदूरी के उल्लंघन की शिकायतों पर दो विशेष अभियान चलाए और न्यूनतम मजदूरी न देने वाले 100 से अधिक पर केस दर्जा कराया। छह नियोक्ताओं के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले भी दर्ज कराए। वे न्यूनतम मजदूरी नीति के अनुसार मजदूरी जमा करने के बाद बैंक से पैसे को अवैध तरीके से निकाल लेते थे।

न्यूनतम मजदूरी का विवरण

केजरीवाल ने कहा जब हमने 2015 में सरकार बनाई थी, तब एक अकुशल मजदूर को प्रति माह 8632 रुपए मिलते थे जो अब बढ़कर 14,842 रुपए प्रति माह हो गया है। दिल्ली सबसे ज्यादा न्यूनतम मजदूरी देने वाला राज्य बन गया है। दिल्ली सरकार ने अप्रैल और अक्टूबर के लिए डीए बकाया राशि की अधिसूचना भी जारी की है। अकुशल श्रमिक के लिए अप्रैल का डीए 478 रुपए और अक्टूबर के लिए 338 रुपए निर्धारित किया गया है। दीवाली का बोनस भी मिलेगा।

न्यूनतम मजदूरी का विवरण

                     2014                     अब

अकुशल         8632                14842

अर्धकुशल       9542               16341

कुशल            10,478             17,991   

नॉन मैट्रिकुलेट  9,542              16,341

मैट्रिकुलेट लेकिन ग्रेजुएट नहीं 10,478     17,991

ग्रेजुएट या उससे ऊपर             11,414    19,572

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