महिला बाल विकास मंत्रालय की आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 योजना सबसे बड़ी योजना है। ध्यान रहे कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में 20 20,263 करोड़ रुपए इस योजना के लिए आवंटित किए गए थे जो कि पिछले वर्ष के संशोधित बजट अनुमानों से केवल एक प्रतिशत अधिक था।
वहीं दूसरी ओर यह भी देखा गया कि 2017 के बाद से योजना में काम करने वाले लोगों की संख्या में कमी दर्ज की गई। हालांकि हाल ही में इसमें वृद्धि हुई है लेकिन यह 2017 के स्तर से कम ही आंकी गई है।
अभी यह देखा जाना बाकी है कि क्या आधार कार्ड का सत्यापन अनिवार्य करने से लोगों की पहुंच कम हो रही है। इस योजना में बड़ी संख्या में रिक्तियां भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।
इस बीच, वित्त वर्ष 2022-23 की शुरुआत में भारत सरकार ने समग्र शिक्षा के लिए 37,383 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया था। यह वित्त वर्ष 2021-22 के मुकाबले 25 फीसदी अधिक था।
यही नहीं दिसंबर 2022 में पूरक बजट के माध्यम से अतिरिक्त 447 करोड़ की मांग की गई थी, जिसमें संशोधित आवंटन 37,831 करोड़ रुपए और आवंटित किया गया।
हालांकि यहां ध्यान देना जरूरी है कि इस धनराशि को सरकार द्वारा जारी करने की गति काफी धीमी रही। साथ ही, पूर्व-कोविड-19 अवधि ( शैक्षणिक वर्ष 2019-20) से शैक्षणिक वर्ष 2021-22 तक सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में नामांकन प्राथमिक स्तर पर 87 लाख से अधिक और माध्यमिक स्तर पर 31 लाख तक बढ़ा है।
पीएम पोषण योजना ( जिसे पहले मिड-डे मील योजना के रूप में जाना जाता था ) के लिए भारत सरकार ने 10,234 करोड़ रुपये आवंटित किए, जो कि वित्त वर्ष 2021-22 के बराबर था।
हालांकि यहां भी पूरक बजट के माध्यम से अतिरिक्त 80 करोड़ रुपए की मांग की गई थी, जिससे संशोधित करके 10,314 करोड़ आवंटित किए गए। मुद्रास्फीति को ध्यान में रखते हुए इस योजना के लिए आवंटन की जाने वाले धनराशि घट रही है। इसके अलावा धनराशि के जारी होने की रफ्तार साल-दर-साल और भी सुस्त होती जा रही है।
वित्त वर्ष 2022-23 में, भारत सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए 20,000 करोड़ रुपए आवंटित किए गए जो कि पिछले वर्ष के मुकाबले थोड़ा कम है। पूरक बजट के रूप में 28,422 करोड़ की अतिरिक्त राशि की मांग की गई थी, जिसे संशोधित करके 48,422 करोड़ आवंटित किया गया।
यहां देखा जाए तो यह धनराशि पिछले वर्ष के संशोधित अनुमान के मुकाबले दोगुने से अधिक है। इस योजना के हालात पर यदि गौर करे तो पता चलता है कि इसके प्रारंभ होने की तारीख से 1 जनवरी 2023 तक स्वीकृत आवासों में से 77 प्रतिशत का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। लेकिन, निर्माण कार्य पूरा होने के बावजूद, कईयों को अब तक नहीं मिला है।
गुणवत्ता पूर्ण पानी की उपलब्धता बढ़ाने पर भारत सरकार ने जल जीवन मिशन को 60,000 करोड़ रुपये आवंटित किए और पूरक बजट में अतिरिक्त 2,025 करोड़ आवंटित किए गए, जिससे कुल आवंटन 62,025 करोड़ हो गया।
यह पिछले साल के मुकाबले जारी किए गए आवंटन से 38 फीसदी अधिक है। 1 जनवरी 2023 तक 47 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों को नए घरेलू नल कनेक्शन (एफएचटीसी) प्रदान किए गए थे। हालांकि इसमें ध्यान देने वाली बात यह है कि ये सभी एफएचटीसी काम नहीं कर रहे हैं।
भारत सरकार ने 1 जनवरी 2023 से 31 दिसंबर 2023 तक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत मुफ्त खाद्यान्न की घोषणा की। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) नामक कोविड-19 राहत पैकेज समाप्त हो गया है। यहां खाद्य सब्सिडी के लिए आवंटन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की गई है।
अनुपूरक बजट में 70,065 करोड़ का आवंटन किया गया, जिससे वित्त वर्ष 2022-23 के लिए कुल आवंटन 2,76,897 करोड़ रुपए का हो गया। हालांकि, जनगणना में देरी, जिसके आधार पर योजना के तहत पात्र नागरिकों का फैसला किया जाता है, इसके चलते वर्तमान में लगभग 12.3 करोड़ नागरिकों को बाहर रखा जा रहा है।
(सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च में कार्यरकत)