केंद्र सरकार के 2023-24 के आम बजट में सब्सिडी योजनाओं की धनराशि में बड़ी कटौती की गई है। इसके साथ ही कई सब्सिडी योजनाओं का बजट खत्म कर दिया है। सरकार ने खाद्य सब्सिडी के बजट में 89,844 करोड़ रुपए की कटौती करते हुए 1,97,350 करोड़ रुपए कर दिया है। 2022-23 के संशोधित बजट अनुमान में खाद्य सब्सिडी 2,87,194 करोड़ रुपए थी। यानी खाद्य सब्सिडी के बजट में 31 प्रतिशत से अधिक कटौती हुई है।
इसी तरह उर्वरकों को दी जाने वाली सब्सिडी में भी 50,121 करोड़ रुपए की कटौती हुई है। सरकार ने उर्वरकों की सब्सिडी के लिए 2023-24 के बजट में 1,75,099 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है, जबकि 2022-23 के संशोधित अनुमानों में यह बजट 2,25,220 करोड़ रुपए था। सरकार उर्वरकों पर पोषक तत्व आधारित सब्सिडी और यूरिया पर सब्सिडी देती है। पोषक तत्व आधारित सब्सिडी को 71,122 करोड़ (संशोधित अनुमान 2022-23) से घटाकर 44,000 करोड़ रुपए और यूरिया सब्सिडी को 1,54,097 करोड़ से घटाकर 1,31,099 करोड़ रुपए कर दिया है। कुल मिलाकर इन दोनों सब्सिडी की धनराशि 22 प्रतिशत कम हुई है।
गरीबों को दी जाने वाली एलपीजी सब्सिडी भी 75 प्रतिशत की कमी कर दी है। 2022-23 के संशोधित अनुमान 9,170 करोड़ से घटाकर 2,257 करोड़ रुपए कर दी गई है यानी 6,913 करोड़ रुपए की भारी भरकम कटौती की गई है।
ब्याज सब्सिडी योजनाओं के बजट में 10 हजार करोड़ रुपए की कटौती
खाद्य, उर्वरक और पेट्रोलियम उत्पाद पर दी जाने वाली सब्सिडी के अतिरिक्त सरकार 15 योजनाओं के लिए ब्याज सब्सिडी भी देती है। ब्याज सब्सिडी की इन योजनाओं के बजट में भी करीब 10 हजार करोड़ रुपए की कटौती हुई है।
2022-23 के संशोधित अनुमानों में इन सब्सिडी योजनाओं पर 37,536 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया था जिसे मौजूदा बजट में 27,564 करोड़ रुपए कर दिया गया है। मसलन आर्थिक रूप से कमजोर तबके को घर खरीदने के लिए लोन के ब्याज पर मिलने वाली सब्सिडी योजना सीएलएसएस-1 (क्रेडिट लिंक सब्सिडी स्कीम) का बजट 11,222 करोड़ (संशोधित अनुमान 2022-23) से घटाकर महज 1 लाख कर दिया गया है।
अन्य सब्सिडी योजनाएं
उपरोक्त योजनाओं के अतिरिक्त सरकार की 14 अन्य सब्सिडी योजनाएं भी हैं, जिनका बजट भी 2,958 करोड़ रुपए (संशोधित अनुमान 2022-23) से घटाकर 812 करोड़ रुपए कर दिया गया है। इन सब्सिडी योजनाओं के बजट में 2,146 करोड़ रुपए की सीधी कटौती हुई है।
उदाहरण के लिए ऐसी ही एक योजना “मूल्य समर्थन स्कीम के तहत कॉटन कारपोरेशन द्वारा कपास की खरीद” का बजट 782 करोड़ से घटाकर 1 लाख रुपए कर दिया गया है। इसी तरह माल ढुलाई सब्सिडी स्कीम का बजट 156 करोड़ से 50 करोड़ रुपए हो गया है। ऐसी ही एक योजना “कृषि मंत्रालय में बाजार हस्तक्षेप स्कीम और मूल्य समर्थन योजना” (एमआईएस-पीएसएस) का बजट 1,500 करोड़ रुपए से घटाकर 1 लाख रुपए कर दिया गया है।
अगर समग्र रूप से देखें तो तमाम सब्सिडी योजनाओं का बजट 4,03,084 करोड़ रुपए निर्धारित किया गया है जो पिछले वर्ष के बजट अनुमान 5,62,079 से 1,58,995 करोड़ रुपए कम है।