अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार भारतीय मूल के अभिजीत बनर्जी, उनकी पत्नी एस्थर डुफलो और माइकल क्रेमर को दिया गया है। उन्हें वैश्विक गरीबी को कम करने के लिए किए गए अपने कामों के लिए नोबेल से सम्मानित किया गया। अभिजीत बनर्जी ने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। दोनों पति-पत्नी मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, केम्ब्रिज में पढ़ाते हैं। जबकि माइकल क्रेमर हावर्ड यूनिवर्सिटी, केम्ब्रिज से हैं।
नोबेल फाउंडेशन की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि हाल के नाटकीय सुधारों के बावजूद मानवता के सबसे जरूरी मुद्दों में से वैश्विक गरीबी को कम करने के प्रयास नहीं किए गए। लगभग 700 मिलियन (70 करोड़) से अधिक लोग अभी भी बहुत कम आय पर निर्वाह करते हैं। हर साल, पांच साल से कम उम्र के लगभग 5 मिलियन बच्चे अभी भी उन बीमारियों से मर जाते हैं जिन्हें सस्ते इलाज से ठीक किया जा सकता था। दुनिया के आधे बच्चे अभी भी बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक कौशल के बिना स्कूल छोड़ देते हैं।
अभिजीत बनर्जी और एस्तेर डुफलो, अक्सर माइकल क्रेमर ने इन मुद्दों को लेकर कई देशों में अध्ययन किया और कई रिपोर्ट पेश की। अभिजीत गरीबी पर तीन किताबें भी लिख चुके हैं।