बंगलुरू के रहने वाले रिक्की केज एक बार फिर चर्चा में है। उनको एक बार फिर ग्रैमी पुरस्कार से नवाजा गया है। रिक्की का मानना है कि संगीत एक सशक्त माध्यम है। वह प्रकृति के संरक्षण के लिए लिखे गानों पर धुन बनाते हैं। उनके मुताबिक, ‘ हमें वे गीत याद हैं जो हमने अपने बचपन में सीखे थे, उनकी नैतिक सीख आज भी हमारे साथ जुड़ी हुई है।