मनोहर बाग के सूरज कपरवान ने बताया कि दिसंबर के अंतिम सप्ताह में उन्होंने अपने खेतों में हल्की-हल्की दरारें देखी थीं, जिसे सामान्य मानकर उन्होंने उन दरारों को भर दिया, लेकिन तीन जनवरी की सुबह न केवल दरारें बहुत गहरी हो गई, बल्कि जमीन धंस भी गई थी। उन्होंने लगभग 35 लाख रुपए का लॉन्ड्री प्लांट लगाया था, उसके पिलर भी धंस गए थे और पूरा प्लांट एक और झुक गया था।