संसद में आज: 2023-24 के लिए नरेगा का अनुमानित बजट 60,000 करोड़ रुपये आवंटित

अब तक देश भर में निपाह वायरस के कुल 91 मामले दर्ज किए गए हैं
फोटो साभार :सीएसई
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मनरेगा के तहत बजट आवंटन

मनरेगा को लेकर सदन में उठाए गए एक सवाल के जवाब में ग्रामीण विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने बताया कि, वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए महात्मा गांधी नरेगा हेतु अनुमानित बजट 60,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया गया है।

ज्योति ने कहा वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान, कुल 363.22 करोड़ व्यक्ति-दिवस सृजित किए गए थे और महात्मा गांधी नरेगा के तहत कुल 1.22 करोड़ नए जॉब कार्ड जारी किए गए थे।

थर्मल पावर स्टेशनों द्वारा उत्सर्जन

बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए, आज सदन में थर्मल पावर स्टेशनों को लेकर प्रश्न उठाया गया, जिसके जवाब में ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने बताया कि 2021-22 में, भारत में थर्मल पावर स्टेशनों द्वारा 0.9675 मीट्रिक टन प्रति मेगा वाट घंटा (एमडब्ल्यूएच) कार्बन डाइऑक्साइड उत्पन्न किया। सिंह ने कहा कई पावर स्टेशन पहले से ही कुशल तकनीकों का उपयोग कर चुके हैं, जिसमें सबक्रिटिकल से सुपरक्रिटिकल तक और अब दक्षता में सुधार के लिए अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल तकनीक का उपयोग कर रहे हैं। जिससे कोयले की खपत कम हो रही है और इस तरह उत्सर्जन भी कम हो रहा है। 13 मार्च, 2023 तक 63170 मेगावाट (91 सुपरक्रिटिकल यूनिट) और 1320 मेगावाट (2 अल्ट्रा सुपरक्रिटिकल यूनिट) की सुपरक्रिटिकल और अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल यूनिट की कुल क्षमता को चालू कर दिया गया है।

देश में नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन

आगे बढ़ते हुए दूसरे प्रश्न के उत्तर में ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने बताया कि, साल 2022-23 (जनवरी 2023 तक) के दौरान देश में सभी स्रोतों से कुल 1359.97 बिलियन यूनिट (बीयू) बिजली का उत्पादन हुआ है। जिनमें से 316.75 बीयू नवीकरणीय ऊर्जा (आरई) से उत्पन्न किया गया है, जिसका देश में कुल बिजली उत्पादन में 23.29 फीसदी हिस्सा है।

निपाह वायरस संक्रमण के मामले

आज सदन में  उठे एक प्रश्न का जवाब देते हुए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने बताया कि अब तक देश भर में निपाह वायरस के कुल 91 मामले दर्ज किए गए हैं।

पवार ने कहा कि निपाह वायरस के संक्रमण के मामलों पर प्रभावी नियंत्रण और रोकथाम सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कई कदम उठाए हैं।

स्वास्थ्य के क्षेत्र में सार्वजनिक क्षेत्र के निवेश में वृद्धि

स्वास्थ्य बजट में सार्वजनिक क्षेत्र के निवेश को लेकर सदन में उठे प्रश्न का आज भारती प्रवीण पवार ने जवाब दिया। पवार ने बताया कि, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के लिए बजट आवंटन में 82 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी गई है। जो 2017-18 में 47,353 करोड़ रुपये से बढ़कर 2023-24 में 86,175 करोड़ रुपये हो गया है। उन्होंने कहा 15वें वित्त आयोग ने स्थानीय सरकारों के माध्यम से स्वास्थ्य के लिए 70,051 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया है।

आयुष्मान भारत योजना

भारती प्रवीण पवार ने आयुष्मान भारत योजना पर उठे प्रश्न का भी आज सदन में उत्तर दिया। पवार ने कहा आयुष्मान भारत - प्रधानमंत्री जन आरोग्य (एबी-पीएमजेएवाई) दुनिया की सबसे बड़ी सार्वजनिक रूप से वित्त पोषित स्वास्थ्य सुरक्षा योजना है। इसके तहत 60 करोड़ लाभार्थियों को माध्यमिक और तृतीयक देखभाल अस्पताल में भर्ती के लिए प्रति परिवार प्रति वर्ष पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा दिया जाता है। एबी-पीएमजेएवाई को लागू करने वाले कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने अपने खर्चे पर लगभग 15.5 करोड़ परिवारों तक लाभार्थी आधार को आगे बढ़ाया है।

उन्होंने कहा 20 मार्च 2023 तक, इस योजना के तहत कुल 23.3 करोड़ लाभार्थियों का सत्यापन किया गया है। 54,224 करोड़ रुपये के 4.49 करोड़ से अधिक अस्पताल में भर्ती किए गए, 11,500 निजी अस्पतालों सहित 26,434 सूचीबद्ध स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओं के नेटवर्क के माध्यम से अधिकृत किया गया है। इस योजना के तहत हर दिन लगभग 40,000 लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की अनुमति दी जाती है।

देश में फ्लू वायरस से संबंधित आंकड़े

आज सदन में उठाए गए एक प्रश्न के जवाब में भारती प्रवीण पवार ने बताया कि, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार, एक जनवरी 2023 से 21 मार्च 2023 तक एच3एन2 के कुल 1317 मामले सामने आए और तीन मौतें दर्ज की गई। जिसमें हरियाणा, कर्नाटक और महाराष्ट्र में एक-एक मौतें दर्ज की गई हैं। आईसीएमआर के अनुसार, पूरे भारत में एच3एन2 के 510 मामले सामने आए। आईएलआई/एसएआरआई द्वारा की गई निगरानी से पिछले दो महीनों में, 337 रोगियों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया।

जैविक खेती को बढ़ावा

देश में जैविक खेती को लेकर सदन में प्रश्न उठा था, जिसके उत्तर में आज कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि, परम्परागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) के तहत देश के विभिन्न राज्यों के किसानों को तीन साल के लिए 50000 रुपये प्रति हेक्टेयर की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जिसमें से 31000 रुपये प्रति हेक्टेयर हर तीन साल की अवधि के लिए सीधे किसानों को ऑन-फार्म और ऑफ-फार्म के लिए डीबीटी के माध्यम से प्रदान किया जाता है। 

तोमर ने कहा 2015-16 से, पीकेवीवाई के तहत,16.19 लाख किसानों को शामिल करते हुए 32384 क्लस्टर विकसित करके 11.85 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को जैविक खेती के तहत कवर किया गया है। इसके अलावा, आठ राज्यों ने जैविक उत्पादों के लिए अपने स्वयं के ब्रांड विकसित किए। तोमर ने आगे बताया कि योजना के तहत अब तक 1793.80 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं।

कृषि गणना

सदन में  उठे अगले सवाल के जवाब में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि, भारत में कृषि जनगणना पांच साल के अंतराल पर देश में परिचालन जोत की संरचना के बारे में जानकारी एकत्र करने और समय के साथ होने वाले बदलावों की निगरानी के लिए आयोजित की जाती है। 1970-71 से अब तक दस कृषि गणना की जा चुकी है और कृषि गणना 2015-16 में सबसे नई है। कृषि जनगणना 2015-16 के अनुसार, परिचालन धारकों की कुल संख्या 2010-11 में 138.35 मिलियन से बढ़कर 2015-16 में 146.45 मिलियन हो गई है, यानी 5.86 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

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