शहरी हरियाली वाले इलाकों में असंतुलन से बढ़ रही है शहरों के बीच गंभीर असमानताएं: अध्ययन

ग्लोबल साउथ के शहरों में हरियाली वाले इलाकों से सम्पर्क की असमानता ग्लोबल नॉर्थ शहरों की तुलना में लगभग दोगुनी है
शहरी हरियाली वाले इलाकों में असंतुलन से बढ़ रही है शहरों के बीच गंभीर असमानताएं: अध्ययन
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हरियाली वाले इलाके या ग्रीनस्पेस शहरी प्रकृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो समाज को महत्वपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएं प्रदान करता है, मानव स्वास्थ्य की रक्षा करता है। संयुक्त राष्ट्र ने शहरों और मानव बस्तियों को समावेशी, सुरक्षित, लचीला और टिकाऊ बनाने के 11वें सतत विकास लक्ष्य में शहरी निवासियों के लिए हरियाली वाले इलाकों तक सब की पहुंच सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया है।

हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि हम वैश्विक संदर्भ में इस लक्ष्य को हासिल करने से कितने दूर हैं, क्योंकि दुनिया भर में हरियाली वाले इलाकों तक न पहुंच पाने वाली जनसंख्या के खतरों पर कोई विश्वसनीय और सटीक आंकड़े नहीं हैं।

अब येल विश्वविद्यालय और सिंघुआ विश्वविद्यालय तथा हांगकांग विश्वविद्यालय (एचकेयू) के शोधकर्ताओं द्वारा एक शोध किया गया है। शोध में शहरों के बीच कम या बिना हरियाली वाले इलाकों के लोगों को होने वाले खतरों में भारी असमानता का खुलासा किया गया है। जिसमें पर्यावरणीय असमानता को कम करके सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए हरित नीतियों और कार्यों को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया।

शहरों में हरियाली वाले इलाकों के सम्पर्क और पर्यावरणीय असमानताओं को उजागर करने वाला यह पहला वैश्विक अध्ययन है। यह इस बात का समर्थन करता हैं कि शहरी हरियाली वाले इलाके, आर्थिक दृष्टि से अच्छे हैं। 

शोधकर्ताओं ने बड़ी आबादी और हरियाली वाले इलाकों की माप को शामिल करते हुए एक पद्धति विकसित की। विशेष रूप से देश, राज्य, काउंटी और शहर के स्तर पर हरियाली के बिना लोगों को होने वाले खतरों में वैश्विक अंतर को स्पष्ट करने के लिए 2020 के परिणामों का उपयोग किया गया।

टीम ने दुनिया के 1,028 शहरों की जांच की और उनके नमूनों को दो वर्गों में बांटा। पहला ग्लोबल साउथ सिटीज और दूसरा ग्लोबल नॉर्थ सिटीज। पूर्व में विकासशील देशों के शहर शामिल हैं जबकि बाद में विकसित देशों के शहर भी इसमें शामिल किए गए हैं।

शोधकर्ताओं ने पाया कि ग्लोबल साउथ के शहर ग्लोबल नॉर्थ के शहरों के हरियाली वाले इलाकों से सम्पर्क के स्तर का केवल एक तिहाई हैं, भले ही दक्षिण शहर आमतौर पर अधिक ग्रामीण देशों में स्थित ही क्यों न हों। ग्लोबल साउथ के शहरों में हरियाली वाले इलाकों से सम्पर्क या एक्सपोजर की असमानता ग्लोबल नॉर्थ शहरों की तुलना में लगभग दोगुनी है।

आंकड़ों की गहराई में जाने पर, उन्होंने पाया कि हरियाली वाले इलाकों के सम्पर्क में गंभीर असमानता, हरियाली वाले इलाकों के प्रावधान और लैंडस्केप डिजाइन में गहरे अंतर से जुड़ी हुई है। विशेष रूप से, हरियाली के सम्पर्क में असमानता का 22 फीसदी हरियाली वाले इलाकों के प्रावधान से जुड़ा है और उक्त असमानता का 53 फीसदी हरियाली वाले इलाकों के प्रावधान और लैंडस्केप के कारण होता है।

इस परियोजना के प्रमुख शोधकर्ता डॉ बिन चेन, एचकेयू में लैंडस्केप आर्किटेक्चर विभाग के सहायक प्रोफेसर ने इस अध्ययन के दो महत्वपूर्ण योगदानों का सारांश दिया। शोध के निष्कर्षों से पता चलता है कि ग्लोबल साउथ के शहरों के निवासियों में हरियाली के सम्पर्क का स्तर कम है और हरियाली के सम्पर्क में आने की असमानता अधिक है।

डॉ. चेन कहते हैं कि वे हरित नीतियों का आह्वान करता है, जो सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए पर्यावरणीय असमानता को कम करता है। इस अध्ययन में एक और महत्वपूर्ण खोज हरियाली वाले इलाकों के संपर्क की असमानता की मौसमी भिन्नता भी है।

यह स्थानीय और अस्थायी दोनों विषमताओं पर विचार करके शहरी हरियाली वाले इलाकों और संबंधित स्वास्थ्य को होने वाले फायदों का आकलन करने के लिए अहम जानकारी प्रदान करता है।

शोध टीम  हरियाली वाले इलाकों के सम्पर्क का उपयोग मीट्रिक इंडेक्स के रूप में करती है और हरियाली के सम्पर्क में लोगों की वास्तविक पहुंच को ध्यान में रखती है।

किसी क्षेत्र की हरियाली की मूल स्थिति को मापने के लिए पिछले संकेतों जैसे कि हरियाली कवरेज या प्रति व्यक्ति हरियाली वाले हिस्से की तुलना में, नया मीट्रिक पर्यावरणीय समानता के सतत विकास के लक्ष्य को हासिल करने में मदद करने के लिए लोगों और हरियाली के बीच संबंधों का अधिक माप प्रदान कर सकता है।

अध्ययन के अनुसार, दुनिया भर के 1,000 से अधिक शहरों में हरियाली से होने वाले सम्पर्क का स्तर आमतौर पर हरियाली कवरेज से कम है। इसका मतलब है कि सतत विकास के संकेतक के रूप में हरियाली कवरेज दर शहरी निवासियों के लिए प्रभावी नहीं हो सकती है।

उदाहरण के लिए, सिंगापुर और हांगकांग में हरियाली की कवरेज दर 84 फीसदी और 70 फीसदी है, लेकिन उनके हरियाली के सम्पर्क का स्तर क्रमशः 55 फीसदी  और 35 फीसदी है।

पेरिस और बीजिंग में शहरी हरियाली कवरेज दर 52 फीसदी और 34 फीसदी है, लेकिन उनके हरियाली से सम्पर्क का स्तर केवल 38 फीसदी और 28 फीसदी है।

अटलांटा में सबसे आदर्श हरियाली कवरेज और इससे सम्पर्क है, जहां इसके हरियाली कवरेज और हरियाली से सम्पर्क का स्तर क्रमशः 76.92 फीसदी और 77.12 फीसदी हैं।

हरियाली के प्रावधान और स्थानीय फैलाव शहरी हरियाली से सम्पर्क के असमानताओं को समझाने के लिए दो मुख्य कारक हैं। शहरी नियोजन और विकास अर्थशास्त्र के प्रोफेसर क्रिस वेबस्टर कहते हैं कि यह सबूत हरियाली की आपूर्ति और मांग को संतुलित करने के लिए नीति निर्माताओं, शहर योजनाकारों और परिदृश्य आर्किटेक्ट्स के बीच साझेदारी की बात करता है।

टिकाऊ और न्यायसंगत हरियाली प्रबंधन को सुविधाजनक बनाने के लिए हरियाली संबंधी व्यवस्था को अनुकूलित करने के लिए कहता है।

ग्लोबल साउथ और ग्लोबल नॉर्थ शहरों के खराब हरियाली प्रावधान वाले क्षेत्रों में स्वास्थ्य-सुविधा वाले हरियाली के निम्न स्तर को बढ़ाने के लिए सामुदायिक क्रियाएं और निर्णायक सरकार की आवश्यकता होगी। यह अध्ययन नेचर कम्युनिकेशंस में प्रकाशित किया गया है।

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