कितनी सफल रही सांसद आदर्श ग्राम योजना

देश भर में सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत 77,457 परियोजनाएं शुरु की गई थी जिनमें से 63.25 फीसदी परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं
कितनी सफल रही सांसद आदर्श ग्राम योजना
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देश भर में सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत चयनित ग्रामों में कुल 77,457 परियोजनाएं शुरु की गई थी जिनमें से 11 मार्च 2021 तक जारी आंकड़ों के अनुसार 63.25 फीसदी परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। इन पूरी हो चुकी योजनाओं की कुल संख्या 48,988 है। यदि इससे जुड़े राज्यवार आंकड़ों को देखें तो सबसे ज्यादा परियोजनाएं कर्नाटक में शुरू की गई थी, जहां अब तक 10372 परियोजनाओं को शुरु किया गया था जिनमें से करीब 76.3 फीसदी मतलब 7917 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। यह जानकारी ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा लोकसभा में 16 मार्च 2021 को दिए एक प्रश्न के जवाब में सामने आई है| 

वहीं इसके बाद उत्तरप्रदेश में 7,817 परियोजनाएं, महाराष्ट्र में 7,231, केरल में 6,074, तमिलनाडु में 5,897 और राजस्थान में 5,223 परियोजनाएं शुरु की गई थी। जबकि इसके विपरीत दिल्ली में इस योजना के तहत कोई परियोजना शुरु नहीं की गई थी। हालांकि दिल्ली में भी 13 ग्रामों को आदर्श ग्राम योजना के तहत चयनित किया गया था। इसी तरह पश्चिम बंगाल में केवल 61 परियोजनाएं ही शुरु की गई थी।

यदि इन परियोजनाओं की सफलता की बात करें तो देश में सबसे सफल राज्य तमिलनाडु है जहां शुरु की गई 5,897 परियोजनाओं में से 91.5 फीसदी परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। इसके बाद उत्तरप्रदेश में 90.9, गुजरात में 77.3, कर्नाटक में 76.3, उत्तराखंड में 73.8, छत्तीसगढ़ में 71.1, मिजोरम में 70 फीसदी, मध्य प्रदेश में 66.9, हरियाणा में 66.8, सिक्किम में 62.7 और केरल में 6,074 परियोजनाएं शुरु की गई थी जिनमें से 62.4 फीसदी परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं।

वहीं यदि पश्चिम बंगाल को देखें तो यहां कुल 61 परियोजनाएं शुरु की गई थी जिनमें से एक भी परियोजना पूरी नहीं हुई है। इसी तरह मेघालय में सिर्फ 25.7 फीसदी, पुडुचेरी में 25 फीसदी, असम में 24.8 फीसदी, गोवा में 24.6, अरुणाचल प्रदेश में 17.1 और नागालैंड में 134 में से 16, मतलब सिर्फ 11.9 फीसदी परियोजनाएं ही पूरी हुई हैं।

क्या है यह सांसद आदर्श ग्राम योजना

देश में गांवों के विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने 11 अक्टूबर 2014 को सांसद आदर्श ग्राम योजना की शुरुवात की थी। इस योजना के तहत देश के सभी सांसदों को एक साल के लिए एक गांव गोद लेकर वहां विकास कार्य करना होता है। इस योजना के तहत गांव में बुनियादी सुविधाओं के साथ ही कृषि, पशुपालन, कुटीर उद्योग, रोजगार आदि पर भी जोर दिया जाता है। इस सबका मकसद ग्रामों का सर्वांगीण विकास करना है। इस योजना के लक्ष्य ऐसे ग्रामों का विकास करना है जो अन्य गांवों के लिए एक आदर्श साबित हों और उनको देखकर वो भी सीखें। इस तरह यह गांव आस-पास की अन्‍य ग्राम पंचायतों के लिए भी आदर्श बनते हैं।

11 मार्च 2021 तक के लिए जारी आंकड़ों के अनुसार देश में अब तक 2,046 ग्राम पंचायतों को गोद लिया जा चुका है। देश भर में अब तक सबसे ज्यादा उत्तरप्रदेश में 361 गांवों को गोद लिया गया है। इसके बाद तमिलनाडु में 203, महाराष्ट्र में 179, गुजरात में 129, राजस्थान में 120, आंध्र प्रदेश में 110, केरल में 104 और फिर मध्य प्रदेश का नंबर आता है जहां 101गांवों को गोद लिया गया है।

हालांकि हाल ही में केंद्र सरकार ने ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत आने वाली विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन और प्रभाव के आंकलन के लिए एक साझा समीक्षा मिशन (सीआरएम) का गठन किया था। जिसके अनुसार इस महत्वाकांक्षी सांसद आदर्श ग्राम योजना का गांवों पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा है और न ही इनके उद्देश्य की प्राप्ति हुई है। ऐसे में इस रिपोर्ट में योजना की समीक्षा करने की सिफारिश की गई है।

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