उज्जवला योजना: कनेक्शन मिला नहीं पर खाते में पहुंच गई सब्सिडी!

उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले के माणिकपुर ब्लॉक में उज्जवला योजना में बड़ी गड़बड़ी पकड़ में आई है
फोटो: जिज्ञासा मिश्रा
फोटो: जिज्ञासा मिश्रा
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चित्रकूट जिले के मानिकपुर ब्लॉक के रज्जाक खान ने दो साल पहले उज्जवला योजना का सिलेंडर लेने के लिए आवेदन किया था, लेकिन उन्हें अब तक सिलेंडर नहीं मिला। कहा गया कि कनेक्शन आवंटित नहीं हुआ। परंतु पिछले सप्ताह जब बैंक खाते में 810 रुपए आए तो उन्हें समझ नहीं आया कि ये रुपए क्यों आए हैं? इस बारे में जब हकीकत सामने आई तो उनके होश उड़ गए।
दरअसल, लॉकडाउन के दौरान सरकार ने घोषणा की थी कि जिन लोगों को उज्जवला गैस सिलेंडर आवंटित किए गए हैं, उन्हें सिलेंडर भराने के लिए रुपए जारी किए जाएंगे। रज्जाक के खाते में भी यही राशि ट्रांसफर हुई है।
रज्जाक की तरह कई ऐसे लोग हैं, जो पिछले दो साल से उज्जवला गैस कनेक्शन का इंतजार कर रहे थे, कनेक्शन तो नहीं मिला, लेकिन उनके खातों में सिलेंडर भराने के लिए 810 रुपए जरूर पहुंच गए हैं।
"साहब हमने दो साल पहले ही कामदगिरि गैस सर्विस में जाकर आवेदन किया था। सारे जरूरी कागज भी जमा करा दिए थे, लेकिन आज तक ये लोग हमें घुमाते रहे ये बोलकर कि कनेक्शन नहीं आवंटित हुआ है, जब होगा तब बता देंगे," रज्जाक खान बताते हैं।
"दो वक्त का खाना ही मुश्किल से नसीब हो पा रहा है उसमे भी ये हमारा पेट काट ले रहे हैं," दो साल से सिलेंडर का इंतजार कर रही नफ़ीसा बानो कहती हैं।
"हम जब गैस एजेंसी में गए तो हमारी एक नहीं सुनी गई, उल्टे हम धमकाया गया। पता नहीं, हमारे जैसे कितने ही लोग हैं अभी जिनकी मालूम नहीं कि उनका भी आवंटन हो गया है," गांव के निवासी, नूर मोहम्मद, जिनको भी आज तक कनेक्शन नहीं मिला, कहते हैं। 
चित्रकूट जिले के मानिकपुर ब्लॉक की इस घटना के बाद 8 भुक्तभोगी ग्रामीणों ने पेट्रोलियम मंत्री को पत्र लिख कर अपने गैस सिलेंडर की मांग के साथ ही डीलर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
बुंदेलखंड के जिलों में काम करने वाली संस्थान अखिल भारतीय सेवा संस्थान, चित्रकूट के संस्थापक गोपाल सिंह कहते हैं कि यह एक घोटाले का संकेत है। इस से ही हम अंदाज़ा लगा सकते हैं कि सरकारी योजनाएं कहां तक पहुंच पा रही हैं।

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