क्या ऊंटों में होती है नेतृत्व की गजब क्षमता

क्या आप जानते हैं कि पश्चिमी राजस्थान के दुर्गम रेतीले पल- पल में बदलने वाले रास्तों पर कैसे लोग ठीक ठीक अपनी मंजिल तक पहुंच जाया करते थे?
फोटो: विकास चौधरी
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दिक्सूचक या दिशासूचक अंजान रास्तों में भटक जाने या रास्ता भूल जाने पर दिशा का ज्ञान कराते हैं, जिसके नेतृत्व में हम अपने मंजिल तक पहुंच जाते हैं पर जब दिशासूचक अविष्कार नहीं हुआ होगा, तब खासकर पश्चिमी राजस्थान के दुर्गम रेतीले पल- पल में बदलने वाले रास्तों पर कैसे लोग ठीक ठीक अपनी मंजिल तक पहुंच जाया करते थे? 

ऐसा कहा जाता है की मध्य एशिया में प्राचीन काल में व्यापारी रास्ते की खोज करने के लिए ऊंट की याददाश्त क्षमता को काम में लेते थे, जो ऊंटों में नेतृत्व क्षमता की बात को बल देता है।

नेतृत्व जीवों का एक मूलभूत गुण है। चाहे वो जानवर हो या फिर इंसान। इसके साथ ही हर जीव नेता बनना चाहता है क्योंकि नेतृत्व मायने रखता है तथा नेतृत्व करने के अनेक फायदे है मसलन उसे खाने के अधिक अवसर मिलते है, उसे अनेक मादाओं का साथ मिलता है साथ ही हर कोई उसका अनुसरण करता है। नेतृत्व करने की यह प्रकृति मुख्यतया जंगली जानवरों में मिलती है, क्योंकि पालतू जानवरों में यह गुण कम देखने को मिलता है क्योंकि पालतू जानवर को आसानी से खाना तथा सुरक्षा मिल जाती है, जिससे यह गुण धीरे-धीरे लुप्त हो गया या निष्क्रिय हो गया।

नेतृत्व कौशल एक स्किल सेट है, जिसे मनुष्यों और जानवरों दोनों में देखा जा सकता है। जानवरों में जो समूहों में रहते हैं, कुछ जानवर नेता हैं और अन्य अनुयायी हैं। नेतृत्व में भिन्नता सहज रूप से विकसित होती है और ज्ञान या षक्ति में अंतर से संबंधित होने की आवष्यकता नहीं है। सामाजिक जानवरों को एक दुविधा का सामना करना पड़ता है। समूह में रहने वाले लाभों का लाभ उठा ने के लिए, उन्हें एक साथ रहना होता है। हालांकि, हर एक जीव अपनी प्राथमिकताओं में भिन्न होते हैं जैसे कहां जाना है और आगे क्या करना है। यदि सभी जीव अपनी-अपनी प्राथमिकताओं का पालन करने लगे, तो समूह जुटना कम हो जायेगा, तथा समूह के फायदे नहीं मिलेंगे। इसलिए अपनी स्वयं की वरीयताओं की उपेक्षा करना और एक नेता का अनुसरण करना इस समन्वय समस्या को हल करने का एक तरीका होता है जिसका समूह में रहने वाले जीव अनुसरण करते है। लेकिन वो कोनसी विषेशताएँ है जो किसी को ’लीडर’ बनाती हैं?

कुछ खास विषेशताएं कुछ जानवरों को नेता बनाती हैं जैसे शारीरिक रूप से मजबूत, मजबूत माता-पिता की संतान होना, जवान होना आदि। पशु अपने समूहों को प्रभावित करके नेतृत्व करते हैं, उनका मार्गदर्शन करते हैं और अपने अनुयायियों से लगातार संवाद करते हैं औरअपने अनुयायियों के लिए लक्ष्य निर्धारित करते हैं तथा लक्ष्य का पालन करवाते हैं। उनमें से बहुत कम हैं जिनके पास पर्याप्त जानकारी हो, जैसे कि खाद्य स्रोत के स्थान के बारे में ज्ञान, या प्रवासन मार्ग, और इसलिए एक समूह में हमेषा एक नेता होता है जो सभी जानकारी जानता है और इस प्रकार अपने अनुयायियों को सही दिषा में निर्देषित करता है। यह नेता वह है जो अपने अनुयायियों (उनकी देखभाल) की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेता है और बदले में, अनुयायी अपने नेता पर निर्भर हैं।

एक नेता को उसके विश्लेषणात्मक कौशल और सामाजिक या पारस्परिक कौशल का पूरा उपयोग करना चाहिए। नेता को उदाहरणों, कार्यों से आगे बढ़ना होता है क्यूंकि नेता बने रहने के लिए लगातार प्रदर्शन करने होते हैं।

पालतू जानवरों में नेतृत्व क्षमता पर बहुत कम अध्ययन हुआ है, तथा ऊंट में नेतृत्व क्षमता के बारे में ऐसा कोई विशेष अध्ययन नहीं मिलता है। ऊंट एक पालतू जानवर है  लेकिन पुराने समय में यह एक जंगली जानवर था जिसको इंसान ने अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए पालतू बना लिया, लेकिन आज भी इसमें अपने समूह में रहने तथा उस समूह का नेतृत्व, एक नेता के द्वारा किये जाने के गुण का पता करने के लिए राष्ट्रीय उष्ट अनुसंधान केंद्र, बीकानेर में वैज्ञानिकों द्वारा सितम्बर 2018 से फरवरी 2019 तक हर दिन ऊंटों के समूह का वैज्ञानिक तरीके से निरीक्षण किया गया तथा यह पाया गया कि ऊंटों के समूह में, खाने की खोज, रास्ते का निर्धारण, समूह के चलने की गति, तथा समूह को बनाये रखने के लिए उचित नेतृत्व पाया जाता है जो प्रमुखतया मजबूत कद-काठी की जवान मादा या नर द्वारा किया जाता है, मादाओं में नेतृत्व करने की क्षमता अधिक पायी जाती है। उपरोक्त अध्ययन ऊँटोके व्यवहार संबंधी अध्ययन विशेषकर नेतृत्व तथा समूह के अध्ययन के लिए आधारभूत अध्ययन हो सकता है।

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