आम बजट 2023-24 : ग्रामीण घरों का सर्वे करने के लिए राज्यों को करना होगा एमओयू, स्वामित्व योजना में 40 फीसदी कटौती

इस योजना के तहत गांवों में ड्रोन के जरिए सर्वे का काम बेहद मंद गति शुरु से हुआ लेकिन बीते 4 वर्षों में खास प्रगति नहीं हो पाई है।
आम बजट 2023-24 : ग्रामीण घरों का सर्वे करने के लिए राज्यों को करना होगा एमओयू, स्वामित्व योजना में 40 फीसदी कटौती
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गांव के परिवारों को उनके घर का प्रॉपर्टी कार्ड दिलाने के मकसद से शुरू की गई केंद्र प्रायोजित योजना स्वामित्व ( सर्वे ऑफ विलेज एंड मैपिंग विद इंप्रूवाइज्ड टेक्नोलॉजी इन विलेज एरियाज) का बजट वित्त वर्ष 2023-24 में 40 फीसदी कम कर दिया गया है। केंद्रीय पंचायती राज्य मंत्रालय इस योजना को सर्वे ऑफ इंडिया और राज्य सरकारों की मदद से संचालित कर रही थी। इस योजना के तहत ग्रामीण परिवार को उसके घर की संपत्ति के आधार पर कर्ज और अन्य वित्तीय सेवाओं के योग्य भी बनाना है।  

पंचायती राज मंत्रालय के वित्त वर्ष 2023-24 के लिए स्वामित्व योजना को कुल 76 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है, जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में इस योजना का संशोधित बजट 105 करोड़ रुपए था। 24 अप्रैल, 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जरिए 9 राज्यों में पायलट आधार पर शुरु की गई इस योजना को 24 अप्रैल, 2021 को पूरी तरह से पंचायती राज मंत्रालय के जरिए लागू किया गया। 

वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में स्वामित्व योजना के लिए कहा गया है कि पंचायती राज मंत्रालय के संयुक्त प्रयास से चलाई जा रही इस योजना को लागू करने के लिए राज्यों को सर्वे ऑफ इंडिया के साथ एमओयू करने होंगे। 

इस योजना के तहत गांवों में ड्रोन के जरिए सर्वे का काम बेहद मंद गति शुरु से हुआ लेकिन बीते 4 वर्षों में खास प्रगति नहीं हो पाई है। स्वामित्व योजना पोर्टल के मुताबिक अब तक कुल 59,161 प्रॉपर्टी कार्ड बन पाए हैं जिनमें 52,405 कार्ड बांटे गए हैं। 

वहीं जीआईएस में 31 जनवरी, 2023 को उपलब्ध राज्यवार आंकड़ों के अनुसार कुल 59,161 प्रॉपर्टी कार्ड में अकेले उत्तर प्रदेश में अभी तक 31702 कार्ड बने हैं जबकि उत्तराखंड में 6909, राजस्थान में 47, उड़ीसा में 13, महाराष्ट्र में 4329, मध्य प्रदेश में 10693, लद्दाख में 24, कर्नाटक में 1889, जम्मू-कश्मीर में 18, हरियाणा में 3477, गुजरात में 37,छत्तीसगढ़ में 18, अंडमान-निकोबार में कुल 4 प्रापर्टी रिकॉर्ड बन पाए हैं।  

पंचायती राज मंत्रालय को केंद्रीय बजट में मामूली बढ़त मिली है। वित्त वर्ष 2022-23 में इस मंत्रालय का कुल बजट 905.77 करोड़ है जबकि वित्त वर्ष 2023-24 के ताजा बजट में 1016.42 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। 

वहीं, मंत्रालय के तहत पंचायती संस्थाओं को मजबूती देने के लिए संचालित की गई केंद्र प्रायोजित योजना राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) को देश के सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में विस्तार दिया गया है। इसमें दो स्कीम का मिश्रण भी कर दिया गया है। पहली स्कीम है इंसेटिवाइजेशन ऑफ पंचायत और दूसरी मिशन मोड प्रोजेक्ट ऑन ई-पंचायत। आरजीएसए के लिए वित्त वर्ष 2023-24 में कुल बजट प्रावधान 895 करोड़ रुपए है जबकि बीते वित्त वर्ष में 762 करोड़ रुपए का बजट दिया गया था। 

आरजीएसए के तहत संघ शासित प्रदेशों को (100 फीसदी ) छोड़कर  केंद्र 60 फीसदी और राज्यों का 40 फीसदी कंपोनेंट रहेगा। वहीं पूर्वोत्तर और जम्मू-कश्मीर के लिए के लिए केंद्र 90 फीसदी और राज्य का अंश 10 फीसदी रहेगा।

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