
सतत विकास के लक्ष्यों (एसडीजी) को पूरा करने में भारत शेष दुनिया से पिछड़ता नजर आ रहा है। संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से तय किए गए इन विकास के लक्ष्यों को पूरा करने में भारत 167 देशों की सूची में 109 वें स्थान पर है।
भारत ने वर्ष 2030 तक सतत् विकास के 17 लक्ष्यों को पूरा करने का ध्येय रखकर चल रहा है लेकिन अभी तक जिस तरह से इन लक्ष्यों की पूर्ति के लिए राज्य, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्र सरकार की ओर से प्रयास किए जा रहे उन्हें विशेषज्ञों ने नाकाफी बताया है।
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) की ओर से राजस्थान के नीमली में 27 फरवरी को अनिल अग्रवाल डायलॉग 2025 के एक सत्र के दौरान यह किरण पांडे ने बताया कि विश्व के सबसे अधिक आबादी वाले देश भारत की एसडीजी में प्रगति न केवल अपने लिए, बल्कि पूरे ग्रह के लिए मायने रखती है। भारत 16 में से 9 एसडीजी में वैश्विक औसत से पीछे है।
सत्र के के दौरान सतत् विकास के लक्ष्यों को लेकर भारत की स्थिति के बारे में जानकारी दी।
डाउन टू अर्थ के एसोसिएट एडिटर राजित सेनगुप्ता और सीएसई में पर्यावरण संसाधन विंग की प्रोग्राम डायरेक्टर किरण पांडे ने भारत में केंद्र, यूटी और राज्य सरकारों द्वारा एसडीजी की पूर्ति के लिए एकत्र किए जा रहे डाटा में अनेकों खामियों को सामने लाया।
राजित सेनगुप्ता ने कहा कि भारत में कई राज्य एसडीजी 6, जोकि पानी की गुणवत्ता को लेकर है उसका आकलन ही नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा एसडीजी 12, 13 और 14 जिनमें क्लाइमेट एक्शन और ई-वेस्ट के बारे में काम किया जाना है उसमें भी सही से काम नहीं किया जा रहा है।
किरण पांडे ने बताया कि सतत् विकास के लक्ष्यों को पूरा करने में भारत के 9 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का स्कोर 50 से कम है और 12 राज्यों व केंद्र शासित राज्यों को स्कोर 50 से 64 के मध्य है। एसडीजी 14, जोकि जलीय जीवन के बारे में है उसमें अंडमान और निकोबार, लक्षद्वीप और पुदुचेरी जैसे तटीय केंद्र शासित प्रदेशों के लिए डेटा ही उपलब्ध नहीं है।
एसडीजी 15, जमीन पर जीवन को लेकर है इसके तहत वनस्पति योजनाओं के तहत कवर क्षेत्र के प्रतिशत के संकेतक के लिए 36 में से 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए डेटा गायब है।
विशेषज्ञों ने कहा कि एसडीजी को पूरा करने में राज्यों और केंद्र शासित राज्यों में एक बराबर विकास नहीं देखा जा रहा है। विशेषज्ञों ने राज्यों द्वारा एसडीजी के लक्ष्यों को पूरा करने की आंकडों के विश्लेषण में पाया कि देश के 36 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों ने 15 एसडीजी में से 4 एसडीजी के तय लक्ष्य में से आधे को ही प्राप्त किया है।
इस सत्र के दौरान सीएसई की महानिदेशक सुनीता नारायण ने भी एसडीजी को लेकर की जा रही मैपिंग और इसके आंकडों को लेकर सवाल खड़े किए और इसके प्रति केंद्र और राज्य सरकारों को गंभीरता से काम करने की बात कही।