लंबे समय तक जीवित रहने वाले पेड़ निभाते हैं कार्बन भंडारण में बड़ी भूमिका

रिसर्च टीम ने लगभग 300 अलग-अलग तरह के पेड़ की प्रजातियों के बारे मे पता लगाया, जो बारो कोलोराडो द्वीप पर पाई जाती हैं
Photo: pixabay
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लोग इस बारे में जानना चाहते है कि, क्या लंबे समय तक जीवित रहने वाले पेड़ कार्बन भंडारण में अधिक योगदान देते हैं? शोधकर्ताओं के एक समूह से इस रहस्य से पर्दा उठाते हुए कहा है कि उष्णकटिबंधीय पेड़ कार्बन भंडारण में अहम भूमिका निभाते हैं। उनका यह शोध साइंस पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

शोधकर्ताओं में शामिल ऑस्टिन में टेक्सास विश्वविद्यालय के जीव विज्ञान के सहायक प्रोफेसर कैरोलिन फारियर ने कहा कि अभी य स्पष्ट नहीं है कि कौन-कौन से उष्णकटिबंधीय वर्षावन कार्बन डाइऑक्साइड को सोखने में मदद करते हैं।  

शोधकर्ताओं ने पनामा के एक उष्णकटिबंधीय वर्षावन से एकत्र किए गए 30 से अधिक वर्षों के डेटा का उपयोग किया और पेड़ों के कुछ प्रमुख लक्षणों के बारे में जानकारी हासिल की है। इन जानकारियों को जब जलवायु परिवर्तन से संबंधित कंप्यूटर मॉडल में डाला गया तो मॉडल के अनुमान  लगाने की क्षमता में अधिक सुधार हुआ। इस बेहतर मॉडल से टीम को वनों की संरचना और कार्बन भंडारण को प्रभावित करने वाले कारणों के बारे में सटीक जानकारी मिलेगी, जिससे वैज्ञानिक भविष्य में इनसे निपटने की बेहतर तैयारी कर सकते हैं।  

अधिकांश मौजूदा मॉडल (अर्थ सिस्टम मॉडल्स) दुनिया भर में दशकों में होने वाले जलवायु परिवर्तन का पूर्वानुमान लगाते हैं। जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल (आईपीसीसी) द्वारा उपयोग किए जाने वाले मॉडल में भी एक जंगल में पेड़ों को एक समान रूप से देखा गया है। फारियर ने कहा उष्णकटिबंधीय जंगलों के लिए इस तरह का विश्लेषण ठीक नहीं है, जबकि ये पेड़ अन्य पेड़ो के मुकाबले बहुत अधिक कार्बन भंडारण करते हैं।

टीम ने लगभग 300 अलग-अलग तरह के पेड़ की प्रजातियों के बारे मे पता लगाया, जो बारो कोलोराडो द्वीप पर पाई जाती हैं। यह पनामा नहर के बीच में स्थित हैं। शोधकर्ता ने कहा कि कंप्यूटर मॉडल की सहायता से पेड़ की रचना और जंगल, समय के साथ बायोमास और इनके कार्बन भंडारण का सटीक पूर्वानुमान लगा सकते हैं।

भविष्य में वन मॉडल के पूर्वानुमान को सीधे सत्यापित करना संभव नहीं है। इसलिए शोधकर्ताओं ने 1980 के दशक के दौरान पनामा में वनों की सरचना आदि पर एकत्र किए गए डेटा को अपने मॉडल में डाला। मॉडल ने अब तक हुए परिवर्तनों को उसी तरह बताया जो वास्तव में हुआ था। उन्होंने पाया कि यह मॉडल सटीक जानकारी दे रहा है। इस प्रक्रिया को "हिंडकास्टिंग" कहा जाता है।

शोधकर्ता कहते हैं कि कैसे गर्म होती दुनिया में कार्बन के भंडारण के लिए वनों की संरचना और वनों की क्षमता में बदलाव किए जाए, साथ कुछ अन्य लक्षणों के साथ पेड़ों में किस तरह सुधार किया जा सकता है।

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