नासा की समुद्र स्तर में परिवर्तन विज्ञान टीम के विश्लेषण से पता चलता है कि, यदि इस सर्दी में एक शक्तिशाली अल नीनो का विकास होता है, तो दुनिया के कई देशों, खासकर अमेरिका के पश्चिमी तटों के शहरों में ज्वार की वजह से आने वाली बाढ़ में वृद्धि देखी जा सकती है। जो सड़कों को दलदल में बदल सकती है और निचले इलाकों को जलमग्न कर सकती है।
अल नीनो एक जलवायु घटना है जो हर कुछ वर्षों में घटित होती है जब पूर्वी प्रशांत क्षेत्र में समुद्र का पानी सामान्य से अधिक गर्म होता है। अल नीनो, जो इस वर्ष अभी भी विकसित हो रहा है, अमेरिका के दक्षिण-पश्चिम में सामान्य से अधिक बारिश और इंडोनेशिया जैसे पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र के देशों में सूखा ला सकता है। इस तरह के प्रभाव आमतौर पर जनवरी से मार्च के बीच होते हैं।
नासा के विश्लेषण से पता चलता है कि, एक शक्तिशाली अल नीनो के कारण सर्दी के मौसम में बाढ़ संबंधी घटनाओं को बढ़ा सकती है। इक्वाडोर में ला लिबर्टाड और बाल्ट्रा जैसी जगहों पर इस सर्दी में 10 साल की बाढ़ की घटनाओं में से तीन तक के होने के आसार हैं। इस प्रकार की बाढ़ आम तौर पर अल नीनो वर्षों के बाहर अमेरिका के पश्चिमी तट पर नहीं होती है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि 2030 के दशक तक, बढ़ते समुद्र और जलवायु परिवर्तन के कारण इन शहरों में सालाना 10 साल की समान संख्या में बाढ़ का सामना करना पड़ सकता है, जिसमें अल नीनो की आवश्यकता नहीं होगी।
प्रेस विज्ञप्ति के हवाले से हवाई विश्वविद्यालय के समुद्र विज्ञानी और नासा की समुद्र स्तर परिवर्तन विज्ञान टीम के सदस्य फिल थॉम्पसन ने कहा, मैं थोड़ा आश्चर्यचकित हूं कि विश्लेषण में पाया गया कि ये 10 साल की घटनाएं इतनी जल्दी आम हो सकती हैं।
दस-वर्षीय बाढ़ वे होती हैं जिनके किसी भी वर्ष में आने की आशंका 10 में से एक होती है। वे इस बात का माप हैं कि स्थानीय समुद्र का स्तर कितना ऊंचा होता है, किसी विशेष शहर या समुदाय में बाढ़ की सीमा कई कारणों पर निर्भर करती है, जिसमें क्षेत्र की स्थलाकृति और समुद्र के सापेक्ष घरों और बुनियादी ढांचे का स्थान शामिल है।
बाढ़ सड़कों और घरों को अपनी जद में ले सकती है जिससे इन जगहों से लोगों को निकालने या ऊंचे स्थानों पर ले जाने की जरूरत पड़ सकती है।
नासा के तटीय बाढ़ विश्लेषण से पता चलता है कि 2030 के दशक तक, शक्तिशाली अल नीनो वर्षों के दौरान, अमेरिका के पश्चिमी तट के शहरों में इन 10-वर्षीय बाढ़ की घटनाओं में से 10 तक देखी जा सकती हैं। 2050 के दशक तक, शक्तिशाली अल नीनो के कारण किसी भी वर्ष में इन घटनाओं की 40 से अधिक घटनाएं हो सकती हैं।
गर्म होने पर पानी फैलता है, इसलिए गर्म पानी वाले स्थानों में समुद्र का स्तर ऊंचा हो जाता है। अल नीनो के गठन और विकास का पता लगाने के लिए शोधकर्ता और पूर्वानुमानकर्ता समुद्र के तापमान के साथ-साथ जल स्तर की भी निगरानी करते हैं।
दक्षिणी कैलिफ़ोर्निया में नासा की जेट प्रोपल्शन प्रयोगशाला में समुद्र स्तर के शोधकर्ता और समुद्र स्तर परिवर्तन विज्ञान टीम के प्रमुख बेन हैमलिंगटन ने कहा, जलवायु परिवर्तन पहले से ही दुनिया भर के समुद्र तटों के साथ आधारभूत समुद्र स्तर को बदल रहा है।
धरती के गर्म होने से समुद्र का स्तर बढ़ रहा है, क्योंकि पृथ्वी का वायुमंडल और महासागर गर्म हो रहे हैं और बर्फ की चादरें और शेल्फ पिघल रहे हैं। इससे पूरे वर्ष तटीय शहरों में उच्च ज्वार और बाढ़ के दिनों की संख्या पहले से ही बढ़ गई है। अल नीनो और तूफान जैसी घटनाएं, जो अस्थायी रूप से समुद्र के स्तर को बढ़ाती हैं, इन प्रभावों को बढ़ा देती हैं।
सतही जल और महासागरीय स्थलाकृति (एसडब्ल्यूओटी) कार्यक्रम के वैज्ञानिक और महासागर भौतिकी के निदेशक नाद्या विनोग्राडोवा शिफर ने कहा, जैसे-जैसे जलवायु परिवर्तन में तेजी आएगी, कुछ शहरों में पांच से 10 गुना अधिक बार बाढ़ आएगी। उन्होंने कहा, एसडब्ल्यूओटी इन बदलावों पर नजर रखेगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि तटीय समुदाय खतरे में न पड़ जाएं।