जैसे ही मैं उनके दफ्तर में घुसा (वही दफ्तर जो बाद में कई यौन शोषण के आरोपों की वजह से अपना सम्मान खोता रहा), वह कुशल क्षेम पूछने के पहले ही अपनी गंभीर आवाज में बोले, भारत के पास उत्सर्जन बढ़ाने के अलावा कोई और चारा नहीं है। वह बोले, "तो आपको अपने एक सवाल का जवाब मिल गया होगा। क्या हम यहां साक्षात्कार बंद कर सकते हैं?" अगले 40 मिनट तक हमलोग आईपीसीसी के प्रमुख के बड़े बयान के आसपास बातचीत करते रहे।