अमृतसर की दाना मंडी में बासमती की खरीद जारी है। किसानों को बीते वर्ष 600 रुपए कम कीमत मिल रही है, फोटो : विकास चौधरी
अमृतसर की दाना मंडी में बासमती की खरीद जारी है। किसानों को बीते वर्ष 600 रुपए कम कीमत मिल रही है, फोटो : विकास चौधरी

पंजाब बाढ़ के बाद : कम उपज का झटका अलग, मंडी में भी नहीं मिल रहा रेट

दाना मंडी में अनाज बेचने के लिए पहुंचने वाले किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है, अनाज संकट के बावजूद किसानों को बीते वर्ष से 600 रुपए कम मिल रहा
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रावी के तट से 30 किलोमीटर दूर अमृतसर के मज्जुपुरा गांव के पास पहुंचते ही धान के खेतों की खुशबू आना शुरू हो जाती है। यह क्षेत्र बाढ़ से बचा हुआ है। पंजाब में अमृतसर और तरनतारन के आस-पास जो भी ऐसे क्षेत्र हैं जो बाढ़ से बचे हुए हैं, उन खेतों में मध्य सितंबर से ही बासमती धान की कटाई जारी है।

पंजाब की साढ़े छह लाख हेक्टेयर से अधिक बासमती क्षेत्र में रावी और सतलुज के किनारों पर पूसा 1121 (40 फीसदी लगभग) और पूसा 1509 वेराइटी (25 फीसदी) का प्रभुत्व है।   

मज्जुपुरा गांव में प्रमुख तौर पर पूसा 1509 वेराइटी की बासमती लगाई गई है। वहीं, अमृतसर जिला अकेले कुल बासमती क्षेत्र में 1.46 लाख हेक्टेयर यानी कुल 21.75 फीसदी की हिस्सेदारी करता है।

मज्जुपुरा गांव के गुन्नूर सिंह के खेतों में भी उत्तर प्रदेश से मंगाई गई टैंक कंबाईन हार्वेस्टिंग मशीन के जरिए कटाई जारी है। सिंह कहते हैं, तीन दिन अमृतसर मंडी में धान की बिक्री के लिए बैठे रहे और अंत में 2,500 रुपए प्रति क्विंटल धान बेचकर आना पड़ा है।  

वह कहते हैं कि अगस्त में हुई तीव्र और असाधारण वर्षा के कारण उनके खेतों में प्रति एकड़ 10 से 12 क्विंटल का नुकसान हुआ है। पूसा 1509 किस्में लगभग 110 से 115 दिन यानी 3.5 महीने में पक जाती है और करीब प्रति एकड़ 20 से 25 कुंतल तक इसकी उपज होती है। गुन्नूर कहते हैं कि 50 फीसदी तक मेरे खेतों में नुकसान हुआ है। यही बासमती धान पिछले साल मंडी में 3200 रुपए एक क्विंटल की दर से बिका था। इस बार वर्षा के कारण फसल मारी गई है और मंडी में रेट भी नहीं मिल रहा।

पंजाब में अधिकांश किसान ठेके पर खेती करते हैं। गुन्नूर ने भी 20 एकड़ खेती 70 हजार रुपए प्रति एकड़ के किराए से ली थी। प्रति क्विंटल करीब 700 रुपए का मंडी के दाम में फर्क और करीब आधी फसल के नुकसान से उन्हें बड़ा झटका लगा है।

पंजाब में लाल किला ब्रांड से बासमती का निर्यात और व्यापार करने वाले तेजेंद्र सिंह बताते हैं कि यदि पंजाब, जम्मू, उत्तराखंड, हिमाचल के राज्यों में बारिश और बाढ़ के कारण पंजाब में कुल 10 से 12 फीसदी बासमती का नुकसान हुआ है। वह कहते हैं कि निर्यात पर उतना असर नहीं पड़ेगा। पाकिस्तान के बासमती क्षेत्र में काफी नुकसान हुआ है। वह कहते हैं कि बासमती का रकबा भी पंजाब में कम हुआ था।

अमृतसर की दाना मंडी में पूसा 1509 किस्म वेराइटी का धान बेचने पहुंचे बलजिंद्र सिंह बताते हैं कि इस बार प्रति एकड़ करीब पांच कुंतल उनकी उपज में गिरावट आई है। वह सवाल के अंदाज में कहते हैं, “मैं यह नहीं समझ रहा कि जब बासमती का रकबा कम है और बारिश व बाढ़ के कारण नुकसान भी है तो कुल उत्पादन भी कम होगा। ऐसे में हमें ज्यादा रेट मिलने चाहिए लेकिन हमें बीते वर्ष से करीब 800 रुपए कम मिल रहे हैं।”  

केंद्र ने बाढ़  का आकलन करने के बाद पंजाब को कुल 1600 करोड़ रुपए के मदद की घोषणा की है। साथ ही पंजाब को "गंभीर रूप से बाढ़ प्रभावित" घोषित किया और 595 करोड़ का 50 वर्षीय सॉफ्ट लोन भी मंजूर किया, जिसे सार्वजनिक अवसंरचना की मरम्मत के लिए उपयोग किया जाएगा। हालांकि, पंजाब का नुकसान राज्य को मिली मदद से कई गुना ज्यादा है।

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