मरुस्थलीकरण के विरुद्ध: जल और भूमि संरक्षण के लिए वैश्विक एजेंडे की जरूरत

भारत में हरियाली के बिंदु पर पीएम मोदी ने दावा किया कि 2015-17 के दौरान पेड़ों और वन का दायरा 8 लाख हेक्टेयर बढ़ा है।
Photo: PIB
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मरुस्थलीकरण के विरुद्ध लड़ाई में भारत अपने मित्र देशों को रणनीति तैयार करने में सेटेलाइट व अंतरिक्ष तकनीकी की कम लागत वाली सहायता मुहैया कराएगा। इसके लिए एक उत्कृष्ट केंद्र भी स्थापित करने की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोप-14 के सम्मेलन के दौरान 09 सितंबर को की है। उन्होंने कहा कि "भारत अब सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल को आने वाले वर्षों में पूरी तरह खत्म कर देगा, मेरा विश्वास है कि अब वक्त आ गया है कि दुनिया  भी सिंगल यूज प्लास्टिक को गुड बॉय कह दे।"

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ने पेरिस समझौते के तहत तय एनडीसी को पूरा करने के लिए हर संभव कोशिश की है। उन्होंने सम्मेलन में मौजूद देशों से जल संकट और भूमि के निम्नीकरण की रोकथाम के लिए वैश्विक एजेंडा बनाने की जरूरत पर जोर दिया। पीएम मोदी ने कहा कि में निम्नीकृत जमीनों को उपजाऊ बनाने का लक्ष्य  21 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 2030 तक 26 लाख हेक्टेयर रखा गया है। वहीं, वनों का दायरा बढ़ाकर कॉर्बन सोखने का लक्ष्य 2.5 अरब टन से बढ़ाकर 3 अरब टन कर दिया गया है।

भारत में हरियाली के बिंदु पर पीएम मोदी ने दावा किया कि 2015-17 के दौरान पेड़ों और वन का दायरा 8 लाख हेक्टेयर बढ़ा है। वहीं, विकास के लिए जिन वन भूमि का डायवर्जन हो रहा है उसके लिए अन्य खाली जगहों पर वनीकरण के लिए डायवर्जन किए जाने वाले वन का मौद्रिक मूल्य वसूला जा रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले हफ्ते ही डायवर्जन के बदले करीब 50 हजार करोड़ रुपये राज्यों को वनीकरण के लिए दिए गए हैं।  

कोप-14 में भारत की मेजबानी को लेकर उन्होंने कहा कि पर्यावरण के तीन बड़े वैश्विक सम्मेलनों की मेजबानी भारत ने की है। इससे पर्यावरण संरक्षण के मामले में भारत की दृष्टि दिखाई देती है। भारत भी जलवायु परिवर्तन और बंजर होती जमीनों के मुद्दे को झेल रहा है। दुनिया भर में जल संकट है। वहीं, जमीनों की गुणवत्ता खराब होते जाने से यह जलसंकट और प्रबल होगा। मिट्टी में नमी की वापसी, भू-जल को रीचार्ज करना, जल नीति जैसे विषयों पर भारत काम कर रहा है। अब वैश्विक एजेंडे की जरूरत है।

इस दौरान पीएम ने किसानों की आय दोगुना करने और मिट्टी की सेहत जांच कार्यक्रम की भी उपलब्धि गिनाई। उन्होंने कहा कि "एक बूंद, ज्यादा फसल" पर ध्यान दिया जा रहा है। जीरो बजट फार्मिंग और जीरो लिक्विड डिस्चार्ज जैसे कदम उठाए गए हैँ।  जल शक्ति मंत्रालय का नाम लेकर उन्होंने कहा कि पानी से जुड़े हर मुद्दे इस मंत्रालय के जरिए देखे और सुलझाए जा रहे हैं।  

मरुस्थलीकरण के विरुद्ध उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा स्थित इंडिया एक्सपो मार्ट में यूएनसीसीडी कॉप 14 की काँफ्रेंस आयोजित हो रही है। 2 सितंबर से शुरु हुई इस कांफ्रेंस का समापन 13 सितंबर को होगा। इस काँफ्रेंस में 196 देश और 94 देशों के पर्यावरण मंत्री हिस्सेदारी कर रहे हैं।

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