रिपोर्ट में पूरे विश्वास के साथ कहा गया है कि ‘कटौती के कई विकल्प, विशेष रूप से सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, शहरी प्रणालियों का विद्युतीकरण, शहरी हरित बुनियादी ढांचे, ऊर्जा दक्षता, मांग पक्ष प्रबंधन, बेहतर वन और फसल या घास के मैदानों का प्रबंधन और कम खाद्य अपशिष्ट और नुकसान, जैसे उपाय तकनीकी रूप से व्यवहार में लाने के काबिल हैं। ये तेजी से लागत के दायरे में आते जा रहे हैं और आम तौर पर इन्हें लोगों का समर्थन मिल रहा है।