सक्रिय होने वाला है ला-नीना, कई देशों में सामान्य से अधिक बारिश का अनुमान

विश्व मौसम विज्ञान संगठन के ताजा अपडेट में ला-नीना के सक्रिय होने की 60 प्रतिशत संभावना जताई गई है
फोटो: आईस्टॉक
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अभी मौसम में तटस्थता की स्थिति है, यानी न तो अल-नीनो की स्थिति है और न ही ला-नीना की, लेकिन सितंबर से नवंबर माह के बीच ला-नीना के सक्रिय होने की संभावना 55 प्रतिशत है, जबकि अक्टूबर 2024 से फरवरी 2025 के बीच यह संभावना 60 प्रतिशत तक बढ़ जाएगी।

विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) ने अपने ताजा पूर्वानुमान में यह जानकारी दी है। डब्ल्यूएमओ ने कहा है कि इस दौरान अल-नीनो के फिर से विकसित होने की संभावना न के बराबर है।

डब्ल्यूएमओ का अनुमान है कि ला-नीना के सक्रिय होने के पहले चरण में कई देशों में सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है, जिनमें उत्तरी दक्षिण अमेरिका, मध्य अमेरिका, कैरिबियन, उत्तरी ग्रेटर हॉर्न ऑफ अफ्रीका, साहेल, दक्षिण-पूर्व एशिया के कुछ हिस्सों और मध्य समुद्री महाद्वीप शामिल हैं। 

उल्लेखनीय है कि ला-नीना मध्य और पूर्वी भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह के तापमान के बड़े पैमाने पर ठंडा होने की स्थिति है। साथ ही ला-नीना की वजह से उष्णकटिबंधीय वायुमंडलीय परिसंचरण में बदलाव, जैसे तेज हवाएं, दबाव और बारिश की संभावना रहती है। 

हालांकि हरेक ला-नीना घटना का प्रभाव उसकी तीव्रता, अवधि, वर्ष के समय के आधार पर अलग-अलग होता है। आम तौर पर ला-नीना जलवायु पर अल-नीनो के विपरीत असर करता है, खासकर उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में यह असर साफ दिखाई देता है। 

हालांकि ला-नीना और अल नीनो प्राकृतिक जलवायु घटनाएं हैं, लेकिन इंसानों की वजह से दुनिया भर में बढ़ रहे तापमान यानी ग्लोबल वार्मिंग की वजह से इसमें भी बदलाव आ रहा है और ला-नीना व अल-नीनो की घटनाएं प्राकृतिक आपदाओं का कारण बनती जा रहीी हैं। 

एक ताजा प्रेस बयान में डब्ल्यूएमओ के महासचिव सेलेस्टे साउलो ने कहा कि चाहे जमीनी तापमान हो या समुद्री सतह का तापमान, जून 2023 से हम लगातार असाधारण वृद्धि झेल रहे हैं। भले ही शीतलता का अहसास कराने वाली ला नीना की घटनााएं हो रही हैं, लेकिन वायुमंडल में गर्मी को बढ़ाने वाली ग्रीनहाउस गैसों के कारण इसका असर लंबे समय तक नहीं दिखता।

गौरतलब है कि पिछले नौ साल लगातार सबसे गर्म वर्ष रिकॉर्ड किए जा रहे हैं, जबकि साल 2020 से लेकर 2023 की शुरुआत तक ला-नीना भी सक्रिय रहा। जून 2023 में अल नीनो की सक्रियता शुरू हुई और नवंबर 2023 तक अल-नीनो पूरी तरह सक्रिय हो गया। जनवरी 2024 में विलुप्त होने से पहले यह  रिकॉर्ड स्तर पर पांचवां सबसे मजबूत माना गया। 

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डब्ल्यूएमओ महासचिव ने कहा है कि पिछले तीन महीने से तटस्थ स्थिति  बनी हुई हैं - न तो अल नीनो और न ही ला नीना सक्रिय है। बावजूद इसके दुनिया को चरम मौसम की घटनाओं का सामना करना पड़ रहा है, इसमें भीषण गर्मी और विनाशकारी बारिश शामिल है। यही कारण है कि विश्व मौसम संगठन प्रारंभिक चेतावनी (अर्ली वार्निंग) सिस्टम को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहा है।   

विश्व मौसम विज्ञान संगठन नियमित रूप से वैश्विक मौसमी जलवायु अपडेट जारी करता है। इन अपडेट में उत्तरी अटलांटिक दोलन, आर्कटिक दोलन और हिंद महासागर डिपोल सहित अन्य प्रमुख जलवायु परिवर्तनशीलता मोड के प्रभावों को शामिल किया जाता है। 

डब्ल्यूएमओ के नवीनतम अपडेट के मुताबिक भूमध्यरेखीय पूर्वी प्रशांत महासागर के अलावा सभी महासागर बेसिनों में समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से ऊपर बना रहने की उम्मीद है जो कमजोर ला नीना स्थितियों के पूर्वानुमान के अनुरूप है। इस वजह से लगभग सभी जमीनी इलाकों में सामान्य से अधिक तापमान का पूर्वानुमान लगाया गया है।

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