जलवायु संबंधी घटनाओं का रिकॉर्ड टूटना लगातार जारी है। दुनिया भर में जुलाई 2021 तीसरा सबसे गर्म महीना रहा। यूरोपीय संघ के कोपरनिकस अर्थ ऑजर्बेशन प्रोग्राम ने कहा कि जुलाई 2016 और जुलाई 2019 की तुलना में यह मात्र 0.1 डिग्री सेल्सियस ठंडा रहा।
जुलाई आमतौर पर विश्व स्तर पर वर्ष का सबसे गर्म महीना होता है, हालांकि अगस्त भी कभी-कभी गर्म हो सकता है। कोपरनिकस ने कहा, अगर 2016 और 2019 के जुलाई माह को छोड़ दें तो जुलाई 2021 का महीना पिछले सभी सालों के महीनों के मुकाबले सबसे गर्म रहा।
यहां यह उल्लेखनीय है कि इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) जलवायु परिवर्तन के विज्ञान पर अपनी बहुप्रतीक्षित रिपोर्ट 9 अगस्त को जारी करेगा। यह रिपोर्ट जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का आकलन करेगी। इससे पहले आईपीसीसी ने 2013 में रिपोर्ट जारी की थी।
पिछले महीने भी रिकॉर्ड तापमान दर्ज किया गया था। नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) की ग्लोबल क्लाइमेट रिपोर्ट जून 2021 के अनुसार, जून के लिए सतह का तापमान 142 वर्षों में पांचवां सबसे अधिक था। यह 20वीं सदी के औसत से 0.88 डिग्री सेल्सियस अधिक था, जो कि एक रिकॉर्ड है।
जुलाई 2021 में वही तापमान दर्ज किया गया, जो पिछले साल इसी महीने में था। यह जुलाई 1991-2020 के महीने के औसत तापमान से 0.33 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म था।
यूरोप जो कि हीटवेव और भीषण बाढ़ दोनों की चपेट में है, वहां जुलाई 2021 का औसत तापमान 1991-2020 के औसत से 1.4 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा। कोपरनिकस द्वारा किए गए विश्लेषण में बताया गया है कि केवल जुलाई का रिकॉर्ड जो यूरोप की तुलना में अधिक गर्म था, जबकि यूरोप में 2010 में इसी तरह का तापमान दर्ज किया गया था। उस समय पश्चिमी रूस में भीषण गर्मी महसूस की गई थी और यूरोप का औसत तापमान 1991-2020 के स्तर से 1.7 डिग्री सेल्सियस अधिक था।
पिछले एक वर्ष में, अगस्त 2020 से जुलाई 2021 तक दुनिया भर का सतही तापमान औसत से ऊपर रहा। यह अधिकांश समुद्र की सतह के तापमान के औसत से ऊपर बना हुआ है। यहां बताते चलें कि ठंडे क्षेत्र भी औसत से अधिक गर्म रह रहे हैं।
यूरोपीय संघ के मौसम निकाय ने कहा कि पिछले 12 महीनों में तापमान औसत बना हुआ है, जो उत्तरी साइबेरिया और आस-पास के आर्कटिक समुद्रों, उत्तर पूर्वी कनाडा, उत्तर-पश्चिमी अफ्रीका, मध्य पूर्व और तिब्बती पठार पर तापमान 1991-2020 के औसत से अधिक है।