आज से चौदह सौ साल पहले जब कुरान शरीफ और हदीस अस्तित्व में आए, तब प्रकृति और पर्यावरण के विषय में बात करना न तो पॉलिटिकली करेक्ट माना जाता था और न ही इसकी जरूरत थी। तब भी कुरान शरीफ और हदीस दोनों में ही जल, जंगल, जमीन को लेकर समस्त प्राणी जगत के बारे में जिस संजीदगी से लिखा गया है, वो अद्भुत और अनुकरणीय है। कुरान और हदीस में वृक्षारोपण और वन संरक्षण की सीख दी गई है। वन्य जीव संरक्षण के तरीके बताए गए हैं। जल के महत्त्व को बताया गया है और उन सारी बातों को विस्तार से बताया गया है, जिन पर चलकर मानव जाति प्रकृति के साथ सामंजस्य बना सकती है।