बढ़ते तापमान से आकाशीय बिजली गिरने में होगी वृद्धि, बढ़ेंगी जंगलों में आग की घटनाएं

शोधकर्ताओं द्वारा लंबे समय तक किए गए विश्लेषण के मुताबिक आकाशीय बिजली गिरने के कारण लगभग 90 फीसदी आग लगने की घटनाएं शुरू हुई
फोटो साभार :नासा
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दुनिया भर में आकाशीय बिजली का गिरना जंगलों में प्राकृतिक तरीके से आग लगने का मुख्य कारण हैं। आकाशीय बिजली गिरने से जंगलों में लगने वाली आग से कार्बन, नाइट्रोजन ऑक्साइड और अन्य गैसों का बहुत अधिक उत्सर्जन होता है, ये गैसें जलवायु में अहम भूमिका निभाती हैं।

अब पृथ्वी वैज्ञानिकों की एक टीम को इस बात के सबूत मिले हैं जो बताते हैं कि आने वाले वर्षों में, एक गर्म होती धरती अधिक आकाशीय बिजली गिरने की घटनाओं को को जन्म दे सकती है। जिससे दुनिया के कई हिस्सों में जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ सकती हैं।

शोधकर्ताओं की टीम ने आकाशीय बिजली गिरने के तरीकों का अध्ययन करने का वर्णन किया है जो जंगलों में आग लगने की घटनाओं की ओर ले जाते हैं। बढ़ता तापमान इनकी प्रगति या आग में घी का काम कर रहा है, जिससे आकाशीय बिजली गिरने की घटनाओं में वृद्धि हो रही है।

यह काम साल 1992 से 2018 तक के जंगलों में आग लगने की उपग्रह छवियों के विश्लेषण के साथ शुरू हुआ। बिजली गिरने के प्रकारों का अध्ययन करके और परिणामस्वरूप जंगलों में आग लगने की घटनाओं के साथ उनकी तुलना करने के लिए, टीम ने पाया कि जंगलों की आग आकाशीय बिजली गिरने के कारण शुरू होने की अधिक आसार हैं।

जिसे टीम ने उन हमलों के रूप में वर्णित करता है जो औसत से अधिक लंबे समय तक चलते हैं। उन्होंने पाया कि उनके द्वारा देखे गए लगभग 90 फीसदी आग इस तरह से शुरू हुई। इस तरह के बिजली गिरने की घटनाएं  लगभग 40 मिली सेकंड से एक सेकंड के लगभग एक तिहाई तक रह सकते हैं। लंबे समय तक बिजली गिरने की घटनाओं के दौरान अधिक गर्मी को जलने वाली चीजों जैसे पेड़ों, झाड़ियों और यहां तक कि घास तक पहुंच जाती है।

शोधकर्ताओं ने समय के साथ इस तरह के बिजली गिरने की दर को देखा। कंप्यूटर सिमुलेशन ने वातावरण के गर्म होने के साथ बिजली गिरने की उच्च आवृत्ति दिखाई। जलवायु मॉडल से पता चला कि दुनिया भर में इस तरह बिजली गिरने की दर प्रति सेकंड तीन बार बढ़ सकती हैं।

उन्होंने गौर किया कि मॉडल ने 2090 तक सभी प्रकार के बिजली गिरने की घटनाओं को बढ़ाया, जिसमें 28 फीसदी तक की वृद्धि दिखाई देती है।

टीम ने तब देखा कि दुनिया के किन हिस्सों में अधिक गर्मी पड़ने के कारण बिजली गिरने की घटनाओं के बढ़ने के आसार हैं, क्योंकि धरती के गर्म और मौसम के पैटर्न के परिणामस्वरूप बदलते रहते हैं। उन्होंने पाया कि दक्षिण अमेरिका, दक्षिण पूर्व एशिया, ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीका के कुछ हिस्से सबसे अधिक खतरे में हैं।

शोधकर्ताओं ने पाया कि सबसे ज्यादा वृद्धि उत्तरी अमेरिका में होगी। दूसरी ओर, मॉडल से पता चला कि ध्रुवीय क्षेत्रों में जंगल की आग की घटनाओं के कम होने की संभावना है क्योंकि वहां बारिश की मात्रा में वृद्धि होगी। यह शोध नेचर कम्युनिकेशंस नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। 

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