पेरिस ओलंपिक खेलों में कार्बन उत्सर्जन कितना!

कहने के लिए तो पेरिस आयोजकों का दावा है कि पूरा ओलंपिक आयेाजन सतत विकास के आधार पर किया गया लेकिन रियो ओलंपिक के आयोजकों ने भी खेलों के पूर्व दावा किया था कि केवल 50 फीसदी ही खेलों के दोरान कार्बन उत्सर्जन होगा लेकिन खेलों के समाप्त होने के बाद यह आंकड़ा 80 फीसदी तक जा पहुंचा था 
ओलपिंक खेलों की शुरुआत हो चुकी है।
ओलपिंक खेलों की शुरुआत हो चुकी है। Credit: Flickr/MILOS BICANSKI
Published on

पेरिस ओलंपिक खेलों के आयोजकों ने इन खेलों से होने वाले कार्बन उसर्त्सन को कम करने के लिए अपने स्तर पर कई महत्वूपर्ण कार्यों को अंजाम दिया है। यहां तक कि उनका दावा है कि दुनियाभर में जलवायु परिवर्तन को लेकर की जा रही चिंता को समझते हुए इस आयोजन को सतत विकास (सटस्टेनबल) की राह पर चलने का हर संभव प्रयास किया गया है। बल्कि उनका तो यह भी दावा है कि वे कार्बन उत्सर्जन के मामले में अपने पूर्वर्ती ओलंपिक आयोजकों को काफी पीछे छोड़ देंगे। लेकिन टोरंटो विश्वविद्यालय में खेल पारिस्थितिकी के सहायक प्रोफेसर और “वार्मिंग अप: हाउ क्लाइमेट चेंज इज चेंजिंग स्पोर्ट” के लेखक आर मेडेलीन कहती हैं कि इन तमाम दावों के बाद भी यह सर्वविदित है कि खेलों के समग्र कार्बन प्रभाव में अंतर्राष्ट्रीय यात्राओं का बहुत बड़ा योगदान होता है। यह जानते हुए कि पेरिस ओलंपिक खेलों को देखने के लिए 11 मिलियन पर्यटक आए हैं और इनमें 1.5 मिलियन तो अकेले विदेशी पर्यटक शामिल हैं।

ध्यान रहे कि 2016 में ब्राजील की राजधानी रियो ओलंपिक के आयोजकों ने भविष्यवाणी की थी कि कार्बन उत्सर्जन का आधे से थोड़ा अधिक हिस्सा दर्शकों से आएगा। लेकिन खेलों के बाद पता चला कि आधे से भी अधिक यानी 80 प्रतिशत उत्सर्जन खेलों में आने-जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों द्वारा हुआ। आयोजकों ने उन उत्सर्जनों को कम करने की कम संभावना देखी थी और कहा कि उन्हें आयोजनों की तैयारी तथा संचालन में कहीं और अधिक क्षतिपूर्ति करने की आवश्यकता थी।

ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि और क्या किया जाना चाहिए ताकि इस प्रकार के बड़े खेल आयेाजनों में कम से कम कार्बन उत्सर्जन हो। अगर दुनिया कार्बन उत्सर्जन को कम करने के बारे में गंभीर है तो ओलंपिक को बहुत सी अन्य चीजों की तरह और भी अधिक अब बदलना होगा। ओलंपिक खेलों के बारे में विस्तार से लिखने वाले जूल्स बॉयकॉफ ने साइंटिफिक अमेरिकन पत्रिका में लिखा है कि ओलंपिक खेलों को अपना आकार कम करने की जरूरत है। इसके अलावा दूर से आने वाले पर्यटकों की संख्या को सीमित करना बेहद जरूरी है। साथ हीअपनी विशाल आपूर्ति श्रृंखलाओं को पूरी तरह से हरित बनाने और हर पर्यावर्णीय ममालों में जवाबदेही की आवश्यकता है।

मेडेलीन कहती हैं कि इस ओलंपिक का सकारात्मक पक्ष यह है कि आयोजक कार्बन उत्सर्जन को कम करने के अपने प्रयासों के प्रति पूरी तरह से गंभीर हैं। आयोजकों ने खेलों के अपेक्षित कार्बन पदचिह्न (फूटप्रिंट) को मापा, ऊर्जा दक्षता के माध्यम से उत्सर्जन को कम किया, मौजूदा सुविधाओं का उपयोग करके नए निर्माण को सीमित किया, बाइक लेन अलग से बनाए गए, ईंधन से चलने वाले जनरेटर का उपयोग कम किया और पदकों और पोडियम तथा अधिकांश आयोजन सामग्री के लिए संधारणीय (सस्टेनबल) रूप से उत्पादित वस्तुओं को उपयोग किया। शायद सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्होंने हर मोड़ पर अपने संधारणीयता कार्य के बारे में बात की और फ्रांस तथा अन्य स्थानों में वायु प्रदूषण तथा अत्यधिक गर्मी जैसे पर्यावरणीय मुद्दों के बारे में लोगों में लगातार जागरूकता बढ़ाई है ।

पेरिस में सीन नदी में मैराथन तैराकी और ट्रायथलॉन के तैराकी भाग की मेजबानी करने का कार्यक्रम है। लेकिन नदी को साफ करने की कोशिश में 1.4 बिलियन यूरो खर्च करने के बावजूद, फ्रांसीसी अधिकारियों को सही  परिणाम प्राप्त नहीं हुए। जून में पानी के परीक्षण में अभी भी ई. कोली के उच्च स्तर दिखाई दिए। हां यह कह सकते हैं कि लगातार परीक्षणों के बाद जून के अंत और इस महीने की शुरुआत में इस संख्या में सुधार हुआ है और तैरने के लिए सुरक्षित श्रेणी में पहुंच गईं

पेरिस के आयोजकों ने ओलंपिक विलेज में पारंपरिक एयर-कंडीशनिंग को छोड़ने की अपनी महत्वाकांक्षा को भी त्याग दिया है और उन्होंने लगभग 2,500 अस्थायी एयर-कंडीशनिंग इकाइयां स्थापित की हैं। आयोजकों को एक भूतापीय शीतलन प्रणाली पर भरोसा था, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि यह कमरों को बाहरी तापमान से कम से कम 11 डिग्री ठंडा रखेगा। उस तकनीक में, जिसमें गांव के फर्श के नीचे ठंडा पानी पंप करने वाली पाइपों की एक प्रणाली शामिल है, पारंपरिक एयर-कंडीशनिंग प्रणालियों की तुलना में कार्बन प्रभाव को 45 प्रतिशत तक कम करने की उम्मीद थी।

सालों से आयोजकों ने वादा करते रहे हैं कि खेल क्लाइमेट पॉजिटिव होंगे लेकिन यह बात वास्तविकता की धरातल पर सही नहीं लगती। आयोजकों की बातें हमेशा संदिग्ध रही हैं कि ओलंपिक का कोई भी संस्करण कार्बन तटस्थता के करीब भी पहुंच सकता है। जब तक कि लाखों पर्यटक मेजबान शहर में आते रहेंगे और इसमें अधिकांश हवाई यात्रा करते हैं और इसके बाद केवल सामान का उपभोग करने और पहुंचने के बाद कचरा पैदा तो करेंगे ही। ऐसे में कहां से कार्बन तटस्थता रहेगी।

कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए टोक्यों ओलंपिक खेलों में टिकट पहले स्थानीय निवासियों को जारी किए गए थे, जिससे विदेशों में लोगों के लिए उपलब्ध संख्या सीमित हो गई थी। लेकिन पेरिस में टिकट एक निश्चित जगह पर उपलब्ध कराए गए थे, जिससे लोगों को कहीं से भी एक बार में उन्हें खरीदने की अनुमति मिली, जिससे अन्य ओलंपिक की तुलना में पेरिस में आने वाले अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हुई है।

पिछली बार जब फ्रांस ने 1992 में अल्बर्टविले में शीतकालीन ओलंपिक की मेजबानी की थी, तो स्कीइंग कार्यक्रमों को समायोजित करने के लिए पहाड़ी स्थान को फिर से तैयार किया गया था। द टाइम्स के अनुसार उसी पर्यावरण का विनाश हुआ जिसका सम्मान और जश्न मनाने के लिए यह आयोजन किया गया था। उस क्षेत्र को 2030 में फिर से शीतकालीन खेलों की मेजबानी करने की योजना है, उम्मीद है कि पहाड़ों के लिए बेहतर विचार किया जाएगा। यह बाद के वर्षों में महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि अल्बर्टविले 21 पूर्व मेजबान शहरों में से केवल 12 में से एक है, जो 2070 तक शीतकालीन खेलों की मजबूती से मेजबानी करने के लिए पर्याप्त ठंडा होने की उम्मीद है, जब तक कि दुनिया अपने कार्बन उत्सर्जन को काफी कम नहीं करती। जलवायु परिवर्तन पहले से ही अपना असर दिखा रहा है। टोक्यो में 2020 ग्रीष्मकालीन खेल के दौरान रिकॉर्ड स्तर पर सबसे गर्म थे। बीजिंग में 2022 शीतकालीन खेलों के दौरान गर्म, शुष्क मौसम ने आयोजकों को पूरी तरह से कृत्रिम बर्फ पर निर्भर रहने के लिए मजबूर किया। पिछली गर्मियों में (वैश्विक स्तर पर सबसे गर्म वर्ष में) चार हीट वेव के दौरान फ्रांस में 5,000 से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई थी।

अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के वरिष्ठ प्रबंधक जूली डफस ने 2022 में एक खेल सम्मेलन में कहा कि उन्हें उम्मीद है कि 2030 तक देशों की भागीदारी में गिरावट आएगी, शायद वर्तमान संख्या से 20 प्रतिशत तक। टोक्यो 2020, जो वास्तव में 2021 में आयोजित किया गया था और बीजिंग 2022 में कोविड महामारी के कारण अंतर्राष्ट्रीय प्रशंसक नहीं आए थे। इससे कार्बन उत्सर्जन की स्थिति बेहतर थी।

रियो खेलों में आयोजकों ने दावा किया था कि दर्शकों के उत्सर्जन का एक “बड़ा” हिस्सा, जिसमें यात्रा से होने वाला उत्सर्जन भी शामिल है, पेड़ लगाने से ठीक हो जाएगा और पेरिस के आयोजकों को उम्मीद है कि वे इसी तरह वनीकरण और नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के साथ उत्सर्जन को कम करने में सफल होंगे।

पेरिस में खेलों के कार्बन प्रभाव को कम करने के सभी प्रयासों के रूप में भविष्य के खेलों के विशाल दायरे पर फिर से विचार किया जाना चाहिए। छोटे पैमाने के ओलंपिक से सब कुछ हल नहीं होगा, लेकिन यह इन आयोजनों को अधिक टिकाऊ बना देगा।  

Related Stories

No stories found.
Down to Earth- Hindi
hindi.downtoearth.org.in