
15-16 सितंबर, 2025 को महाराष्ट्र के जलगांव जिले में हुई अतिवृष्टि के चलते फसलों, मकानों और पशुधन का व्यापक नुकसान हुआ है। भारी बारिश का असर जिले के जामनेर, पाचोरा और मुक्ताईनगर तहसीलों (उपजिलों) में ज्यादा पड़ा है।
जिला प्रशासन ने तुरंत बचाव और राहत कार्य शुरू कर दिए हैं और प्रभावित नागरिकों के लिए स्कूलों में आश्रय की व्यवस्था की है।
जामनेर तहसील में नेरी, जामनेर, वाकडी, शेंदुर्णी और टोंडापुर गांव भारी बारिश से प्रभावित हुए हैं। नेरी में, जहां 142 मिलीमीटर (मिमी) बारिश दर्ज की गई, लगभग 40 मकान जलमग्न हो गए और पशुधन को नुकसान हुआ। अन्य क्षेत्रों टोंडापुर (100 मिमी), शेंदुर्णी (83 मिमी), जामनेर कस्बा (70 मिमी) और वाकडी (66 मिमी) बारिश रिकॉर्ड की गई।
पाचोरा तहसील के पिंपलगांव और वर्खेड़ी मंडलों में क्रमशः 148 मिमी और 110 मिमी भारी बारिश रिकॉर्ड की गई है।
तहसील के शिंदाड, गहुले, वडगांव कडे, सातगांव डोंगरी, वाडी, शेटवले और वनेगांव सहित छह से सात गांवों में नदियां और नाले उफान पर आ गए हैं। लगभग 350-400 परिवारों को सुरक्षा के लिए स्कूलों में स्थानांतरित किया गया है। प्रारंभिक अनुमान बताते हैं कि केवल शिंदाड क्षेत्र में ही लगभग 400 पशु बह गए।
मुक्ताईनगर तहसील के कुन्हड और जोधनखेडा गांवों में घरों में पानी घुस गया है और बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है। काकोड़ा गांव के किरण माधवराव सवाले (28) बाढ़ के पानी में बह गए।
संबंधित तहसील अधिकारी, तहसीलदार, राजस्व एवं कृषि विभाग के अधिकारी नुकसान का निरीक्षण कर रहे हैं और पंचनामा बना रहे हैं। प्रभावित परिवारों के लिए तुरंत भोजन, पीने के पानी और बिस्तर की व्यवस्था की गई है।
जिला प्रशासन ने कहा है कि आपदा पीड़ितों को यथाशीघ्र सरकार से सहायता और मुआवजा दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
“जिन किसानों के घर और फसलें जिले में भारी बारिश के कारण क्षतिग्रस्त हुई हैं, उन्हें सरकार हर संभव मदद उपलब्ध कराएगी,” यह बात महाराष्ट्र के जल संसाधन एवं आपदा प्रबंधन मंत्री गिरीश महाजन ने कही।
महाजन ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया और उनके साथ स्थानीय विधायक किशोर पाटिल, जिलाधिकारी आयुष प्रसाद तथा अन्य स्थानीय अधिकारी मौजूद थे।
राज्यव्यापी तबाही
अगस्त और सितंबर में महाराष्ट्र भर में हुई भारी बारिश और बाढ़ से 17 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र प्रभावित हुआ है। 30 जिलों में भारी बारिश का असर पड़ा है। इस अवधि में हुई वर्षा ने 654 राजस्व मंडलों में खरीफ फसलों को व्यापक नुकसान पहुँचाया है।
हाराष्ट्र के कृषि मंत्री दत्तात्रेय ने कहा, “किसानों को इस संकट में घबराने की जरूरत नहीं है। अगस्त की भारी बारिश के बाद कुछ जिलों में पंचनामे पूरे कर लिए गए हैं और किसानों को मुआवजा भी दिया गया है।” उन्होंने यह भी कहा कि शेष पंचनामे पूरे होते ही किसानों को तुरंत सहायता दी जाएगी।