तस्वीर बोलती हैं: ग्रेटा का असर, जलवायु परिवर्तन पर अंकुश के लिए आगे आए भारत के बच्चे

27 सितंबर 219, शुक्रवार को नई दिल्ली में जलवायु परिवर्तन के खिलाफ बच्चों ने प्रदर्शन किया। ऐसा प्रदर्शन हर शुक्रवार को कई देशों में होता है
जलवायु परिवर्तन को रोकने की मांग को लेकर चर्चा में आई 16 साल की ग्रेटा थनबर्ग का असर भारत में दिखने लगा है। ग्रेटा के समर्थन में हर शुक्रवार को कई देशों में प्रदर्शन होते हैं। 27 सितंबर 2019 को दिल्ली में भी प्रदर्शन किया गया, इसमें बच्चों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। फोटो: विकास चौधरी
जलवायु परिवर्तन को रोकने की मांग को लेकर चर्चा में आई 16 साल की ग्रेटा थनबर्ग का असर भारत में दिखने लगा है। ग्रेटा के समर्थन में हर शुक्रवार को कई देशों में प्रदर्शन होते हैं। 27 सितंबर 2019 को दिल्ली में भी प्रदर्शन किया गया, इसमें बच्चों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। फोटो: विकास चौधरी
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संयुक्त राष्ट्र में जलवायु परिवर्तन रोकने में विफल रही सरकारों के खिलाफ जबरदस्त भाषण देने वाली ग्रेटा थनबर्ग को भारत में समर्थन मिलने लगा है। ग्रेटा हर शुक्रवार को अपना स्कूल छोड़कर जलवायु परिवर्तन रोकने की मांग को लेकर प्रदर्शन करती है। अब दुनिया भर में उसके समर्थन में ऐसा किया जाता है। यह सिलसिला अभी भारत में नहीं था, लेकिन 27 सितंबर 2019 , शुक्रवार को भारत में भी प्रदर्शन किए गए। राजधानी दिल्ली में राजपाथ से लेकर जंतर मंतर और सेंट्रल पार्क तक बच्चों और पर्यावरण प्रेमियों ने रैली निकाली। इसमें दिल्ली सहित बंगलुरू, मुंबई, नागपुर, जयपुर, कोलकात्ता, त्रिसूर सहित लगभग 20 शहरों के बच्चे शामिल थे। इस प्रदर्शन को हमारे छायाकार विकास चौधरी ने अपने कैमरे में कैद किया। आइए, देखते हैं कुछ तस्वीरें: 

दिमाग बदलो, जलवायु नहीं, जैसे आकर्षक प्लेकार्ड लिए बच्चों ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा। इन बच्चों ने जलवायु कार्रवाई शुरू करने की मांग की। इनमें से कुछ बच्चे अपना स्कूल छोड़कर आए थे फोटो: विकास चौधरी 

प्लास्टिक हमारे जीवन के लिए बेहद हानिकारक है। ऐसे समय में, जब भारत सरकार प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ मुहिम चलाने वाली है। बच्चों का यह प्रदर्शन काफी उम्मीद जताता है। फोटो: विकास चौधरी 

जलवायु परिवर्तन पर अंकुश लगाने और जिम्मेवार सरकारों व कॉरपोरेट्स को कोसने के लिए हर शुक्रवार को दुनिया भर में बच्चे ऐसे प्रदर्शन करते हैं। इसकी शुरुआत ग्रेटा थनबर्ग ने की थी, जो हर शुक्रवार को अपने स्कूल की बजाय सड़क पर बैठकर प्रदर्शन करती थी। भविष्य के लिए शुक्रवार के नारे लिखे बैनर के साथ दिल्ली में प्रदर्शन करते बच्चे। फोटो विकास चौधरी

 जलवायु परिवर्तन हमारे होमवर्क से ज्यादा खराब है, ऐसे मासूम नारों के साथ दिखे बच्चे। फोटो: विकास चौधरी 

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