नेशनल ओशनिक एंड एटमोस्फियरिक एडमिनिस्ट्रेशन (नोआ) की एक रिपोर्ट के अनुसार ग्रीनहाउस गैसों और समुद्र का स्तर 2021 में नई ऊंचाई पर पहुंच गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्सर्जन पर अंकुश लगाने के नए प्रयासों के बावजूद भी जलवायु में लगातार बदलाव हो रहा है।
नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन के एडमिनिस्ट्रेटर रिक स्पिनराड ने कहा कि, इस रिपोर्ट में प्रस्तुत आंकड़ों से स्पष्ट हैं कि जलवायु परिवर्तन का दुनिया भर में प्रभाव पड़ रहा है और इसके धीमा होने का कोई संकेत नहीं दिखाई दे रहा है।
उन्होंने कहा, कई लोगों को इस साल 1,000 साल में आने वाली भीषण बाढ़ से दो चार होना पड़ा। इस साल भयानक सूखा पड़ा और ऐतिहासिक रूप से सबसे अधिक लोग गर्मी से प्रभावित हुए। इस सब से पता चलता है कि जलवायु संकट केवल भविष्य के लिए ही खतरा नहीं है, हमें आज से ही इसके समाधान ढूढ़ने चाहिए।
ग्रीनहाउस गैस के स्तर में वृद्धि पिछले वर्ष जीवाश्म ईंधन उत्सर्जन में ढील देने के कारण हुई है, क्योंकि वैश्विक अर्थव्यवस्था का अधिकांश हिस्सा कोविड-19 महामारी के कारण तेजी से धीमा पड़ गया है।
ग्रीनहाउस गैसें रिकॉर्ड में सबसे अधिक
नोआ की रिपोर्ट में कहा गया है कि वातावरण में ग्रीनहाउस गैस की मात्रा 2021 में 414.7 भाग प्रति मिलियन थी, जो 2020 की तुलना में 2.3 भाग अधिक है एनुअल स्टेट ऑफ द क्लाइमेट रिपोर्ट के मुताबिक यह स्तर पुरापाषाण काल के रिकॉर्ड के आधार पर कम से कम पिछले करोड़ों वर्षों में सबसे अधिक है।
महासागर की गर्मी और वैश्विक समुद्र का स्तर रिकॉर्ड में सबसे अधिक
समुद्र का स्तर लगातार 10वें वर्ष बढ़ा, जब उपग्रह मापन शुरू हुआ तो 1993 में औसत से 3.8 इंच या 97 मिलीमीटर के एक नए रिकॉर्ड तक पहुंच गया।
पिछला वर्ष 19वीं सदी के मध्य के बाद से रिकॉर्ड पर छह सबसे गर्म वर्षों में से एक था, पिछले सात वर्षों में सभी सात सबसे गर्म रिकॉर्ड पर थे।
कम औसत तापमान ला नीना के कारण था, प्रशांत क्षेत्र में एक सामयिक घटना जो पानी को ठंडा करती है, जिसकी शुरुआत साल के प्रारम्भ में हुई और फरवरी 2014 के बाद से सबसे ठंडा महीना रहा।
लेकिन पानी का तापमान भी रिकॉर्ड में था, विशेष रूप से तिब्बत के झीलों में असाधारण रूप से तापमान अधिक दर्ज किया गया, जो कि एशिया की कई प्रमुख नदियों के लिए जल स्रोत के रूप में महत्वपूर्ण क्षेत्र है।
बढ़ती आपदाएं और भय
रिपोर्ट में कहा गया है कि उष्णकटिबंधीय तूफान, जो कि धरती के गर्म होने के साथ इनके बढ़ने की आशंका बढ़ गई, 2021 में इनमें तेजी से इजाफा हुआ। इनमें तूफान 'टाइफून राय' शामिल था, जिसने दिसंबर में फिलीपींस में लगभग 400 लोगों की जान ले ली थी। इडा, जो कैटरीना के बाद लुइसियाना में लोगों को मारने वाला दूसरा सबसे खतरनाक तूफान बनने से पहले कैरिबियन में कहर ढा रहा था।
रिपोर्ट में अन्य असाधारण घटनाओं में, जापान के क्योटो में चेरी के पेड़ रहे जिनका 1409 के बाद समय से काफी पहले खिलने की घटना का भी जिक्र किया गया है।
जंगल में आग लगने की घटनाएं, जिनके जलवायु परिवर्तन के कारण भी बढ़ने के आसार हैं, हाल के वर्षों के बाद तुलनात्मक रूप से कम थी, हालांकि अमेरिकी पश्चिम और साइबेरिया दोनों में विनाशकारी आग देखी गई थी।
2021 की यह रिपोर्ट एक अध्ययन के कुछ दिनों बाद आई है जिसमें कहा गया है कि ग्रीनलैंड की बर्फ की चादर पहले से ही खतरनाक स्तरों पर पिघलने लगी है, यहां तक कि भविष्य में बिना किसी गर्मी के यह समुद्र स्तर को बढ़ा देगी, जिससे दुनिया भर के निचले इलाकों में रहने वाले सैकड़ों लाखों लोगों के घरों के पानी में समा जाने के आसार हैं।
जलवायु परिवर्तन के सबसे बुरे प्रभावों से बचने के लिए पूर्व-औद्योगिक स्तरों से ऊपर तापमान को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने की आकांक्षा के लिए 2015 में पेरिस जलवायु समझौते द्वारा निर्धारित किया गया था, जो कि सीमा से बहुत दूर है।