मैनहट्टन (न्यूयार्क का एक एरिया) की सड़क पर एक युवा महिला खड़ी है जो लोगों को एक संग्रहालय में जाने के लिए मुफ्त में कॉफी बांट रही है। इस संग्रहालय में उपभोग के लिए कुछ भी नहीं है। यह जलवायु संग्रहालय है।
इस जलवायु संग्रहालय का मुख्य उद्देश्य सूचना और कलाकृति के माध्यम से आम जनता को जलवायु परिवर्तन के बारे में शिक्षित करना, जलवायु की सुरक्षा के लिए समुदायों का गठन करना और जलवायु के प्रति लोगों को और अधिक संवेदनशीन बनाना। इस समय इस संग्रहालय में एक प्रदर्शनी लगी हुई, जिसका शीर्षक है, “द एंड ऑफ फॉसिल फ्यूल”।
इस प्रदर्शनी को देखकर पता चलता है कि कौन से देश सबसे अधिक उत्सर्जन पैदा कर रहे हैं। और इसके अलावा दर्शक यह भी देख सकते हैं कि कौन से देश जलवायु परिवर्तन से सबसे अधिक प्रभावित हैं।
प्रदर्शनी में न्यूयॉर्क का 1930 के दशक का एक नक्शा लगाया गया है, जिसमें यह दर्शाया गया है कि कैसे शहर के आसपास रियल एस्टेट ने शहर की आबोहवा को प्रभावित किया था। वहीं यह दिखाया गया है कि कई ऐसे क्षेत्र हैं, जो अब गर्मी के महीनों में सबसे अधिक गर्म होते हैं और इसका कारण एयर कंडीशनिंग है। यह गर्मी पूर्व की तुलना में 30 डिग्री अधिक होती है।
संग्रहालय की कर्ताधर्ता और सामाजिक न्याय के लिए हमेशा अदालती दरवाजा खटकाने वाली मिरांडा मैसी जलवायु परिवर्तन की दशा व दुर्दर्शा दिखाने के लिए दुनिया भर के कलाकारों से संपर्क करती हैं। उन्होंने पिछले साल चित्रकार क्रिस्टी से संपर्क किया कि वो उनके लिए कुछ बनाएं लेकिन तब वह बहुत अधिक व्यस्त थीं।
मैसी को जलवायु संग्रहालय का विचार 2012 में न्यूयॉर्क शहर में आए तूफान सैंडी के आने के बाद आया था। यह जलवायु संग्रहालय एक दशक पहले एक छोटे से मिड टाउन ईस्ट में शुरू हुआ था। तब यह जगह पूरे न्यूयॉर्क शहर में शैक्षिक और कला कार्यक्रम के लिए धीरे-धीरे विकसित हो रही थी।
तब संग्रहालय ने अपनी पहली आधिकारिक प्रदर्शनी शहर के न्यू स्कूल में आयोजित की और इसमें ध्रुवीय बर्फ के टुकड़े कला के माध्यम से प्रदर्शित किए गए थे। इसी तरह से एक मां अपने बेटे के साथ यह संग्रहालय देखने आई और उन्होंने “द मैजिक स्कूल बस एंड क्लाइमेट चैलेंजर” को देखकर जानकारी ली।
यही नहीं संग्रहालय में जंगल की आग को इस तरह से दिखाया गया है, जिससे दर्शक ये जान पाएं कि अब आग लाल नहीं काले धुंए जैसी होती है और इसका कारण हम सब हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि पुनर्चक्रण, खाद बनाना और सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करना सभी महत्वपूर्ण हैं, लेकिन जीवाश्म ईंधन उद्योग और वर्तमान खाद्य प्रणालियों पर अंकुश लगाए बिना जलवायु संकट का समाधान नहीं होगा।
न्यूयार्क टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट में जलवायु संग्रहालय बोर्ड के सदस्य और नासा के गोडार्ड इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस स्टडीज के एक वरिष्ठ अनुसंधान वैज्ञानिक सिंथिया रोसेनजवेग के हवाले से कहा गया है कि जीवाश्म ईंधन ही लगभग 70 प्रतिशत समस्या की जड़ है। डॉ. रोसेनजवेग ने कहा कि प्रदर्शनी में विज्ञान को सही तरीके से प्रदर्शित करना आवश्यक है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है।
उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक के रूप में हम लंबे समय से जलवायु परिवर्तन के बारे में बात कर रहे हैं, लेकिन अकेले विज्ञान समस्या का समाधान नहीं करेगा। मुझे पता है कि मैंने उसे जीया है। उन्होंने कहा, विज्ञान लोगों के दिमाग को आकर्षित करता है, लेकिन कला लोगों की भावनाओं को आकर्षित करती है। तभी तो कोलंबिया के कलाकार कैमिलो कर्डेनस और माओस गोंजालेज प्रदर्शनी देखने के लिए रुके।
उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के पीछे का विज्ञान इस बिंदु पर ज्ञात है कि यह बदलाव के लिए दबाव डालने के लिए भावनात्मक स्तर पर लोगों से अपील करने का मामला है। वह कहते हैं कि कुछ दिनों से मुझे ऐसा लगता है कि हम लड़ाई हार रहे हैं, लेकिन हमें आगे बढ़ना होगा और ऐसा महसूस नहीं करना होगा कि हम बर्बाद हो गए हैं।
कर्डेनस ने कहा कि अगर हम कुछ नहीं करेंगे तो यह हमें तुरंत झकझोर देगा। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों और आम लोगों द्वारा बोली जाने वाली भाषा अलग-अलग होती है। इस तरह का एक संग्रहालय कला और जलवायु के बीच का संबंध प्रदर्शित करता है।
न्यूयार्क टाइम्स के अनुसार मिरांडा मैसी ने कहा कि मेरा यह अभियान लोगों को नागरिक कार्रवाई करने में सक्षम बनाते हुए शिक्षित करना है। इसके तहत निर्वाचित अधिकारियों को बुलाने से लेकर पुस्तक समूहों में जलवायु न्याय-थीम वाली पुस्तक तैयार करना और बच्चों के स्कूलों में जलवायु सामग्री पर जोर देने आदि सब कुछ शामिल है। हम एक ऐसे ग्रह में है जो कि आपातकाल में हैं। उन्होंने कहा कि अगर हम इसके बारे में बात करना शुरू कर सकते हैं, तो हम आगे बढ़ सकते हैं और खुद को कम पंगु और अधिक शक्तिशाली महसूस करा सकते हैं।
संग्रहालय के आखिरी भाग में एक पोस्टकार्ड विभाग है, जहां संग्रहालाय देखने आए आगंतुकों को अपने-अपने क्षेत्र के प्रतिनिधियों को जलवायु खतरे के बारे में लिखने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इसकी सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि संग्रहालय आपके द्वारा लिखे गए पत्र का शुल्क वहन करता है। मैसी का यह भी मानना है कि किसी भी स्थायी नई जगह को स्थिर करने के लिए एक उदाहरण स्थापित करने की आवश्यकता है, लेकिन हम हर छह महीने में बहुत सारा कार्बन जलाते हैं क्योंकि हमें अपना स्थान बदलना पड़ता है।
हालांकि अच्छी बात कि इस संग्रहालय का असर सबसे पहले इसके मकान मालिक पर ही पड़ा है। क्योंकि वर्तमान मकान मालिक डेविड जार (जो मैनहट्टन में अपने परिवार के रियल एस्टेट साम्राज्य को चलाने में मदद करते हैं) ने कहा कि अगर यह आगामी मई के बाद भी रहेगा तो उन्हें खुशी होगी।
उन्होंने कहा कि इस जगह के लिए उन्होंने दो वाणिज्यिक किराएदारों को मना कर दिया था, भले ही उन्होंने जलवायु संग्रहालय की तुलना में अधिक किराए की पेशकश की थी। पांच बच्चों के पिता जार ने कहा कि आपको भविष्य की परवाह करनी ही होगी, चाहे आप आसपास रहें या नहीं।