अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन ने अमेरिका की सबसे महत्वपूर्ण पर्यावरण एजेंसी यानी पर्यावरण संरक्षण एजेंसी (ईपीए) को एक बार फिर से पटरी पर लाने के लिए कमर कसी है। यह एजेंसी डोनाल्ड ट्रंप के शासन काल में पूरी तरह से पटरी से उतर गई थी।
ध्यान रहे कि ट्रंप प्रशासन ने जलवायु परिवर्तन को पूरी तरह से मानने से इंकार कर दिया था। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि ट्रंप प्रशासन ने इस एजेंसी को पूरी तरह से न केवल नकार दिया था बल्कि एजेंसी के वैज्ञानिकों की बातों को पूरी तरह से अपने शासन काल के दोरान खारिज कर दिया था।
इतना ही नहीं, एजेंसी के वैज्ञानिकों के मनोबल को भी पूरी तरह से तोड़ने की हर संभव कोशिश ट्रंप प्रशासन द्वारा की की गई थी। लेकिन अब नए राष्ट्रपति ने जिस प्रकार से अनुभवी पर्यावरण विनियामक(रेगुलेटर) माइकल रेगन को ईपीए के प्रमुख पद पर नियुक्त किया है, इससे दुनियाभर के वैज्ञानिकों की आशा बलवती हो चली है कि बाइडन प्रशासन हर हाल में जलवायु परिवर्तन के लिए कटिबद्ध है और भविष्य में भी रहेगा। बाइडन के इस कदम से अमेरिका सहित पूरी दुनिया के वैज्ञानिकों के बीच विश्वास बढ़ा है।
ध्यान रहे कि माइकल रेगन पर्यावरण संरक्षण एजेंसी का नेतृत्व करने वाले पहले अश्वेत नागरिक होंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने देश के पर्यावरण संरक्षण एजेंसी का नेतृत्व करने के लिए उत्तरी कैरोलिना के शीर्ष पर्यावरण नियामक माइकल रेगन को नामित किया है। रेगन की नियुक्त के बाद इस बात की चर्चा जोरों पर है कि क्या बाइडन के इस कदम से उनके अपने क्रांतिकारी जलवायु परिवर्तन के एजेंडे के नतीजे और कितने प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन होंगे।
इस संबंध में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में जलवायु नीति की शोधकर्ता लेह स्टोक्स कहती हैं कि इससे पता चलता है कि बाइडन टीम वास्तव में उन साहसिक जलवायु प्रतिबद्धताओं का पालन करने जा रही है, जिसके बारे में वे अब तक केवल बोल रहे थे। वह कहती हैं कि वास्वत में यह एक विशाल राजनीतिक बदलाव है।
यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि रेगन ने पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और जॉर्ज डब्ल्यू बुश के शासन काल क दौरान ईपीए के वायु-गुणवत्ता विभाग में काम करते हुए नौ साल से अधिक समय बिताया था। पिछले चार साल से वे उत्तरी कैरोलिना के पर्यावरण गुणवत्ता विभाग का नेतृत्व किया है, जहां उन्होंने रासायनिक और ऊर्जा क्षेत्र में सुधार के लिए कई कार्यक्रम चलाए। जलवायु परिवर्तन पर बोलते हुए रेगन ने कहा कि जलवायु परिवर्तन मानवता के लिए सबसे महत्वपूर्ण चुनौती है। हम हर आवाज को अपने युवाओं और अग्रिम पंक्ति के समुदायों व वैज्ञानिकों को साथ लेकर एक सार्थक प्रगति करेंगे। मैं ईपीए प्रशासक के रूप में इस काम का हिस्सा बनने के लिए गर्व महसूस कर रहा हूं।
ट्रंप के चार साल के शासन काल में पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी यह पर्यावर्णीय एजेंसी रेगन को विरासत में मिलेगी। ट्रंप प्रशासन ने एजेंसी में वैज्ञानिकों को दरकिनार कर दिया था और पर्यावरण व सार्वजनिक-स्वास्थ्य सुरक्षा के पैमाने बनाने के प्रयासों में वैज्ञानिक प्रमाणों की पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया था। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी विषम परिस्थितियों में रेगन को काम करने का अनुभव है। क्योंकि 2017 में उन्हें जब नवनिर्वाचित डेमोक्रेटिक गवर्नर रॉय कूपर ने उत्तरी कैरोलिना के पर्यावरण गुणवत्ता विभाग में शामिल किया था, तब कमोबेश कुछ ऐसी ही परिस्थितियां थीं।
वर्जीनिया के अर्लिंगटन के पर्यावरर्णीय सलाहकार जेरेमी साइमन कहते हैं कि रेगन एजेंसी का न केवल पुनर्निर्माण करने में सफल होंगे बल्कि अमेरिका में कोयला-आधारित बिजली संयंत्रों से अवशिष्ट कोयला-राख कचरे के रासायनिक विनियमन और निपटान के लिए राज्य की प्रक्रियाओं में सुधार करने में भी सक्षम साबित होंगे। वह कहते हैं कि रेगन बतौर प्रशासक ट्रंप के चार वर्षों के दौरान हुई क्षति को ठीक करने में भी सफल होंगे।
अमेरिकियों के सामने आने वाले जलवायु परिर्वन संकट और स्वास्थ्य संकट से निपटने में भी रेगन को अपनी पूरी काबिलियत का प्रदर्शन करना होगा। वाशिंगटन डीसी में पर्यावरण संरक्षण नेटवर्क के एक संगठन जिसे ट्रंप ने ईपीए के खिलाफ बोलने के लिए बनाया था, उसने भी रेगन की नियुक्ति पर समर्थन व्यक्त किया है और कहा है कि रेगन के सामने लोगों के स्वास्थ्य और जलवायु परिवर्तन एक बड़ी पर्यावरणीय चुनौती मंहुबाय खड़ी है।
रेगन से पर्यावरण न्याय पर जोर देने की उम्मीद की जाती है, ताकि गरीब और कम प्रतिनिधित्व वाले समुदायों की रक्षा की जा सके जो प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन से असमान रूप से प्रभावित हैं। रेगन ने उत्तरी कैरोलिना में इन मुद्दों के लिए राज्य का पहला पर्यावरण न्याय और इक्विटी सलाहकार बोर्ड बनाया था। ध्यान रहे कि बाइडन ने राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान पर्यावरणीय न्याय पर काफी जोर दिया था और वंचित समुदायों और जलवायु योजना में कुल बजट का 40 प्रतिशत निवेश करने का वादा किया था।
रेगन के अब तक के कामों को देखा जाए तो वे अब वाहनों और उद्योग से ग्रीनहाउस-गैस उत्सर्जन को सीमित करने और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने की बाइडन रणनीति को सफल बनाने की हर मुमकीन कोशिश करेंगे। ध्यान रहे कि बाइडन का जलवायु एजेंडा व्यापकता लिए हुए है। उन्होंने स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन में तेजी लाने, कम कार्बन बुनियादी ढांचे का विस्तार करने और 2035 तक बिजली क्षेत्र से शून्य ग्रीनहाउस-गैस उत्सर्जन तक पहुंचने के लिए अपने को प्रतिबद्ध किया है।