मंगल पर हुई लगातार मिशनों ने जीवन, जल और मानव बसावट की संभावनाओं को मजबूत किया। फोटो साभार: विकिमीडिया कॉमन्स, सेलेस्टिया
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

लाल ग्रह दिवस: मंगल ग्रह और मानव खोज के अहम कदमों को जानने का दिन है आज

मंगल की ऐतिहासिक खोज, मैरीनर चार के योगदान और अंतरिक्ष विज्ञान की प्रगति को सम्मान देने वाला प्रेरक और ज्ञानवर्धक दिवस

Dayanidhi

  • 28 नवंबर को रेड प्लानेट डे मंगल ग्रह और अंतरिक्ष अन्वेषण को समर्पित है।

  • 1964 में लॉन्च हुआ मैरीनर चार मंगल का पहला सफल फ्लाईबाई मिशन था।

  • मैरीनर चार ने मंगल की पहली नजदीकी तस्वीरें भेजकर वैज्ञानिक खोज की नई शुरुआत की।

  • मंगल की लालिमा का कारण उसकी मिट्टी में मौजूद लौह ऑक्साइड है।

  • मंगल पर हुई लगातार मिशनों ने जीवन, जल और मानव बसावट की संभावनाओं को मजबूत किया।

हर साल 28 नवंबर को पूरी दुनिया में लाल ग्रह दिवस या रेड प्लेनेट डे मनाया जाता है। यह दिन हमारे सौरमंडल के सबसे रहस्यमय ग्रहों में से एक, मंगल को समर्पित है।

2025 में यह दिन और भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस साल नासा के मैरीनर चार मिशन के प्रक्षेपण की 61वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी। यही वह मिशन था जिसने पहली बार मंगल के बेहद नजदीक से तस्वीरें भेजकर मानवता को लाल ग्रह की झलक दिखाई।

मंगल को "लाल ग्रह" क्यों कहा जाता है?

मंगल ग्रह को लाल ग्रह कहना संयोग नहीं है। इसकी सतह पर मौजूद लौह ऑक्साइड यानी जंग ने पूरे ग्रह को लाल-गुलाबी रंग में रंग दिया है। मंगल की धूल और मिट्टी में मौजूद ये कण वातावरण के साथ प्रतिक्रिया करते हैं और ग्रह को उसकी विशिष्ट लाल चमक प्रदान करते हैं। अपनी इसी लालिमा के कारण रोमनों ने इसे अपने युद्ध के देवता मार्स के नाम पर रखा। प्राचीन मिस्रवासी इसे “हर देशेर” यानी “लाल वाला” कहते थे।

मैरीनर चार: मंगल अन्वेषण की शुरुआत

28 नवंबर 1964 को नासा ने मैरीनर चार को लॉन्च किया। यह मिशन मानव इतिहास के उन मील के पत्थरों में से एक है जिसने मंगल की खोज का नया दौर शुरू किया। लगभग एक साल बाद, 14 जुलाई 1965 को मैरीनर चार ने मंगल के पास से उड़ान भरते हुए 22 ऐतिहासिक श्वेत-श्याम तस्वीरें पृथ्वी पर भेजीं।

इन तस्वीरों ने पहली बार मंगल की वास्तविक सतह को दिखाया, पहाड़, गड्ढे और चंद्रमा जैसी दिखाई देने वाली बंजर जमीन। इससे वैज्ञानिकों को समझ आया कि मंगल का वातावरण अपेक्षा से कहीं अधिक पतला और सतह चंद्रमा की तरह क्रेटरों से भरी है।

मैरीनर चार ने न केवल मंगल की पहली झलक दुनिया को दी बल्कि आगे आने वाले सभी मिशनों के लिए मार्ग भी प्रशस्त किया।

लाल ग्रह दिवस का महत्व

लाल ग्रह दिवस केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि विज्ञान और अंतरिक्ष अन्वेषण में हुई प्रगति का प्रतीक है।

यह दिन हमें याद दिलाता है -

  • मंगल मानव खोज का एक बड़ा लक्ष्य है।

  • सालों से वैज्ञानिक इसकी सतह, वातावरण, जल, जलवायु और संभावित जीवन की खोज कर रहे हैं।

  • भविष्य में मंगल पर मानव बसावट की योजनाएं भी निरंतर मजबूत हो रही हैं।

  • आज के समय में जब दुनिया नये ग्रहों पर जीवन खोजने, अंतरिक्ष पर्यटन और गहरे अंतरिक्ष मिशनों की तैयारी कर रही है, मंगल अध्ययन का महत्व और बढ़ जाता है।

मंगल मिशनों के प्रमुख माइलस्टोन

मैरीनर चार के बाद कई महत्वपूर्ण मिशनों ने मंगल के बारे में हमारी समझ को गहरा किया। इनमें कुछ प्रमुख माइलस्टोन इस प्रकार हैं:

1. मैरीनर नौ (1971)

पहला अंतरिक्ष यान जिसने किसी अन्य ग्रह की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश किया। इसने मंगल की सतह के 80 फीसदी से अधिक हिस्से की मैपिंग की।

2. वाइकिंग एक और दो (1976)

मानवता के पहले सफल मंगल लैंडर। इन मिशनों ने सतह की मिट्टी का विश्लेषण किया और जीवन के संकेत खोजने का प्रयास किया।

3. पाथफाइंडर और सोजॉर्नर रोवर (1997)

सोजॉर्नर मंगल पर चलने वाला पहला छोटा रोवर था। इससे मोबाइल रोबोटिक अन्वेषण की राह खुली।

4. स्पिरिट और अपॉर्च्युनिटी रोवर (2004)

इन रोवरों ने पानी के प्राचीन प्रमाण खोजे और मंगल के इतिहास के बारे में अमूल्य जानकारी दी। अपॉर्च्युनिटी लगभग 15 वर्ष तक चलता रहा।

5. क्यूरियोसिटी रोवर (2012)

यह अभी भी सक्रिय है। इसके अनुसंधानों से सिद्ध हुआ कि प्राचीन मंगल जीवन के अनुकूल वातावरण रखता था,तरल पानी, आवश्यक तत्व और ऊर्जा के स्रोत।

6. मंगल पुनर्गठन ऑर्बिटर (एमआरओ, 2006)

मंगल की सतह और जलवायु का उच्च-रिज़ॉल्यूशन अध्ययन करने वाला प्रमुख उपग्रह।

7. इनसाइट लैंडर (2018)

इसने पहली बार मंगल के आंतरिक संरचना और भूकंपीय गतिविधियों का विस्तार से अध्ययन किया।

8. पर्सीवरेंस रोवर और इंजीन्यूटी हेलीकॉप्टर (2020)

पर्सीवरेंस मंगल से नमूने इकट्ठा कर रहा है, जिन्हें भविष्य में पृथ्वी पर लाया जाएगा। इंजीन्यूटी ने मंगल पर पहली बार संचालित उड़ान दर्ज की।

लाल ग्रह दिवस हमें मंगल ग्रह के साथ मानवता के गहरे संबंध की याद दिलाता है। मैरीनर चार से शुरू होकर आज तक चली आ रही खोज ने मंगल को न केवल एक ग्रह बल्कि एक संभावित भविष्य बना दिया है।

जैसे-जैसे नए मिशन मंगल पर उतरते जा रहे हैं, यह स्पष्ट है कि लाल ग्रह अभी भी अनगिनत रहस्य समेटे हुए है और मानवता उन्हें उजागर करने के लिए पहले से कहीं अधिक तैयार है।