शीयर बल बुलबुले बनाते हैं: मैग्मा में बुलबुले केवल दबाव घटने से नहीं, बल्कि शीयरबलों से भी बन सकते हैं।
बुलबुले नली की दीवारों के पास बनते हैं: शीयरबल सबसे अधिक ज्वालामुखी की नली की किनारों पर प्रभाव डालते हैं।
गैस प्रवाह को नियंत्रित करते हैं: बुलबुले जल्दी बनकर डिगैसिंग चैनल बनाते हैं, जिससे विस्फोट कम या लावा शांत बहता है।
विस्फोट और शांत प्रवाह का रहस्य: कम गैस वाला मैग्मा भी शीयरसे बुलबुले बनाकर विस्फोटक हो सकता है।
भविष्य के ज्वालामुखी मॉडल में बदलाव: शीयर बल को शामिल करना जरूरी है ताकि विस्फोट और लावा प्रवाह सही से अनुमानित किया जा सके।
ज्वालामुखी पृथ्वी की सबसे रहस्यमय और शक्तिशाली प्राकृतिक घटनाओं में से एक हैं। इनके विस्फोट कभी-कभी विनाशकारी होते हैं, तो कभी शांत और धीमे होते हैं। अब हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक नई खोज की है, जिससे यह समझ में आया है कि मैग्मा (ज्वालामुखी के अंदर मौजूद गर्म, पिघली हुई चट्टान) में गैस के बुलबुले कैसे बनते हैं और यह विस्फोट की तीव्रता को कैसे प्रभावित करते हैं।
पहले वैज्ञानिक मानते थे कि मैग्मा में गैस के बुलबुले तब बनते हैं जब मैग्मा ऊपर उठता है और दबाव कम होता है। जैसे-जैसे मैग्मा गहरे स्तरों से सतह की ओर आता है, उस पर पड़ने वाला दबाव घटता है। दबाव घटने से उसमें घुली गैस बाहर निकलती है और बुलबुले का रूप ले लेती है। जैसे-जैसे बुलबुले बढ़ते हैं, मैग्मा का घनत्व कम होता है और यह तेजी से ऊपर की ओर बढ़ता है। इसके कारण ज्वालामुखी में अचानक विस्फोट हो सकता है।
इसे समझने के लिए अक्सर शैंपेन की बोतल का उदाहरण दिया जाता है। जब बोतल बंद रहती है, तो कार्बन डाइऑक्साइड गैस तरल में घुली रहती है। जैसे ही बोतल खोली जाती है और दबाव कम होता है, गैस बुलबुले के रूप में बाहर आने लगती है और बोतल से तरल तेजी से बाहर फूट सकता है।
लेकिन यह समझ अभी तक पूरी तरह सही नहीं थी। क्योंकि कुछ ज्वालामुखी, जैसे अमेरिका के माउंट सेंट हेलेन्स और चिली का किजापु, कभी-कभी बहुत अधिक गैस वाले मैग्मा के बावजूद धीरे-धीरे लावा छोड़ते हैं और विस्फोट नहीं करते। यह वैज्ञानिकों के लिए हमेशा एक रहस्य रहा।
शीयर बल की भूमिका
हाल के शोध में पता चला है कि मैग्मा में बुलबुले सिर्फ दबाव घटने से नहीं बनते, बल्कि शीयर बलों के कारण भी बन सकते हैं। शीयर बल तब उत्पन्न होते हैं जब मैग्मा के अलग-अलग हिस्से अलग-अलग गति से बहते हैं।
कल्पना करें कि आप शहद के जार में चम्मच घुमा रहे हैं। जार के बीच का शहद तेजी से घूमता है, लेकिन किनारे का शहद धीरे चलता है क्योंकि वहां घर्षण अधिक है। मैग्मा के भीतर भी यही प्रक्रिया होती है। ज्वालामुखी की नली के किनारों पर मैग्मा धीरे चलता है और बीच में तेजी से। इससे “मैग्मा गूंधा जाता है” और गैस बुलबुले बनते हैं।
ईटीएच ज्यूरिख के शोधकर्ताओं ने शोध में यह दिखाया गया कि शीयर बलों के कारण बुलबुले सबसे अधिक नली की दीवारों के पास बनते हैं। यदि मैग्मा में पहले से बुलबुले मौजूद हैं, तो यह प्रक्रिया और भी तेज हो जाती है। यानी, जितनी अधिक गैस मैग्मा में होगी, बुलबुले बनाने के लिए उतनी कम शीयर शक्ति की आवश्यकता होगी।
विस्फोट और शांत प्रवाह का रहस्य
शोध से पता चला कि मैग्मा के विस्फोट का स्तर सिर्फ गैस की मात्रा पर निर्भर नहीं करता। उदाहरण के लिए: कम गैस वाले मैग्मा में अगर शीयरबल अधिक हों, तो बुलबुले तेजी से बन सकते हैं और मैग्मा तेजी से ऊपर उठ सकता है, जिससे विस्फोटकारी घटना होती है।
गैस-समृद्ध मैग्मा में शीयरबल के कारण बुलबुले जल्दी बन जाते हैं और आपस में जुड़कर डिगैसिंग चैनल बनाते हैं। इससे गैस धीरे-धीरे बाहर निकलती है और मैग्मा शांतिपूर्वक बहता है।
उदाहरण के लिए, माउंट सेंट हेलेन्स का 1980 का विस्फोट: इस ज्वालामुखी में गैस की मात्रा अधिक थी, लेकिन शुरू में लावा बहुत धीरे-धीरे बहा। इसका कारण था कि शीयरबलों ने बुलबुले बना दिए थे और गैस धीरे-धीरे बाहर निकल गई। विस्फोट केवल तब हुआ जब एक भू-स्खलन ने वेंट खोल दिया और दबाव अचानक कम हुआ।
प्रयोगशाला में किया गया अध्ययन
शोधकर्ताओं ने यह प्रक्रिया देखने के लिए एक विशेष प्रयोग किया। उन्होंने मैग्मा जैसी सघन और सीओ2 गैस से संतृप्त तरल का उपयोग किया। जब इस तरल को शीयर बलों के तहत चलाया गया, तो बुलबुले अचानक बनने लगे।
कुछ महत्वपूर्ण निष्कर्ष
जितनी अधिक गैस पहले से मौजूद थी, उतनी कम शीयर शक्ति से नए बुलबुले बन गए।
पहले से मौजूद बुलबुले नए बुलबुले बनाने में मदद करते हैं।
कंप्यूटर सिमुलेशन ने दिखाया कि यह प्रभाव सबसे अधिक नली की दीवारों के पास होता है, जहां शीयर बल ज्यादा होता है।
शोध का महत्त्व
यह खोज ज्वालामुखी विज्ञान में एक नया पहलू जोड़ती है। अब यह समझ में आया कि क्यों कुछ गैस-समृद्ध मैग्मा शांतिपूर्वक बहते हैं और क्यों कभी-कभी कम गैस वाले मैग्मा भी विस्फोटक हो सकते हैं।
शोधकर्ताओं का कहना है कि ज्वालामुखी के खतरे की भविष्यवाणी के लिए अब हमें शीयर बलों को भी शामिल करना होगा, ताकि हम विस्फोट की तीव्रता और लावा प्रवाह को सही से अनुमानित कर सकें।
शीयर बल मैग्मा में बुलबुले बनाने का नया कारण है। बुलबुले बनने का स्थान मुख्य रूप से ज्वालामुखी की नली की दीवारों के पास होता है। बुलबुले विस्फोट या शांत लावा प्रवाह दोनों को प्रभावित कर सकते हैं। भविष्य में ज्वालामुखी मॉडलों में शीयर बल का समावेश जरूरी है।
इस शोध से हमें ज्वालामुखी की विस्फोटक प्रकृति को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलती है और इससे प्रभावित क्षेत्रों के लिए सुरक्षा योजनाएं और पूर्व चेतावनी प्रणाली और अधिक प्रभावी बन सकती हैं।