मंडी गोविंदगढ़ में सबसे ज्यादा रहा प्रदूषण, सबसे साफ रही आइजोल की हवा, जानिए आपके शहर का हाल

दूसरी तरफ देश में आइजोल की हवा सबसे ज्यादा रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 22 दर्ज किया गया
फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई)
फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई)
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देश के दूसरे शहरों को पीछे छोड़ मंडी गोविंदगढ़ में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 240 दर्ज किया गया। इस मामले में रोहतक भी ज्यादा पीछे नहीं रहा, जहां एक्यूआई 226 रिकॉर्ड किया गया।

इसी तरह देश के छोटे बड़े पांच अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता का स्तर 'खराब' रहा। इन शहरों में बद्दी (217), बोईसर (206), चरखी दादरी (216), नंदेसरी (214), और सिंगरौली (203) शामिल रहे। कल से देखें तो देश में 'खराब' वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब 17 फीसदी का इजाफा हुआ है। हालांकि देश के किसी भी शहर में वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' दर्ज नहीं की गई, जोकि बेहद सुखद है।

दूसरी तरफ देश में आइजोल की हवा सबसे ज्यादा रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 22 रहा। यदि रोहतक में प्रदूषण की तुलना आइजोल से करें तो हवा 10 गुणा खराब रही। आइजोल की तरह ही देश के 61 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर दर्ज किया गया है। हालांकि कल से इन शहरों की संख्या में भी तीन फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

बता दें कि देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों में देवास, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, हल्दिया, झालावाड़, कलबुर्गी, कल्याण, कटिहार, कटनी, क्योंझर, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, कुंजेमुरा, मदिकेरी, महाद, मैहर, मोतिहारी, नागांव, नागपुर, नाहरलागुन, नांदेड़, नारनौल, नासिक, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, सांगली, सतना, सिलीगुड़ी, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, तिरुपति, तिरुपुर, टोंक, वाराणसी, वेल्लोर, विजयपुरा आदि शामिल रहे।

दूसरी तरफ देश में संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 13 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया है, जिसके बाद इन शहरों की संख्या बढ़कर 112 पर पहुंच गई है। इन शहरों में भोपाल, भुवनेश्वर, बिलीपाड़ा, ब्रजराजनगर, बूंदी, ब्यासनगर, बर्नीहाट, चेन्नई, छाल, चित्तूर, देहरादून, धनबाद, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, फतेहाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडीपोंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हापुड़, हसन, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद आदि शहर शामिल थे।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो वहां भी वायु गुणवत्ता में सुधार आया है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक एक अंकों की गिरावट के बाद घटकर 175 पर पहुंच गया। इसी तरह फरीदाबाद में भी प्रदूषण के स्तर में 37 अंकों का सुधार दर्ज किया गया। आंकड़ों के मुताबिक देश के 52 शहरों की वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम दर्ज किया गया है। बता दें कि मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों में बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बाड़मेर, बठिंडा, भागलपुर, भिवाड़ी, बुलंदशहर, चंडीगढ़, चूरू, दौसा, दिल्ली, धारूहेड़ा, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, इम्फाल, जैसलमेर, जालंधर, जलना, जालोर, जींद, जोधपुर, कैथल, खन्ना, खुर्जा, कुरुक्षेत्र, लुधियाना, मालेगांव, मांडीखेड़ा, मानेसर, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, नोएडा, पाली, पलवल, पंचकुला, पानीपत, पटियाला, पटना, समस्तीपुर, तुमकुरु, उदयपुर, वापी, विशाखापत्तनम, यमुना नगर आदि शामिल रहे। कुल मिलकर देखें तो देश के ज्यादातर शहरों में कल से वायु गुणवत्ता में सुधार आया है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 21 जून 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 233 में से 62 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 112 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 20 जून 2024 यह आंकड़ा 99 दर्ज किया गया था।

52 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं सात शहरों बद्दी, बोईसर, चरखी दादरी, मंडी गोविंदगढ़, नंदेसरी, रोहतक, सिंगरौली में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में मंडी गोविंदगढ़ (240) और रोहतक (226) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 200 के पार पहुंच गया है।   

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स एक अंक गिरकर 175 पर पहुंच गया। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 107, गाजियाबाद में 154, गुरुग्राम में 195, नोएडा में 176, ग्रेटर नोएडा में 188 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 64 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 81, चेन्नई में 58, चंडीगढ़ में 190, हैदराबाद में 56, जयपुर में 84 और पटना में 102 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

आगरा (50) सहित देश के जिन 62 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल 22, अमरावती 40, अररिया 50, अरियालुर 43, बागलकोट 42, बरेली 30, बैरकपुर 49, भिलाई 34, बिलासपुर 41, चामराजनगर 42, चंद्रपुर 45, चिक्काबल्लापुर 39, चिक्कमगलुरु 48, कोयंबटूर 40, कुड्डालोर 30, कटक 35, दमोह 33, दावनगेरे 30, देवास 49, एलूर 46, फिरोजाबाद 42, गडग 49, हल्दिया 34, झालावाड़ 45, कलबुर्गी 35, कल्याण 36, कटिहार 44, कटनी 33, क्योंझर 47, कोहिमा 50, कोल्हापुर 41, कोलकाता 42, कोल्लम 49, कोप्पल 45, कुंजेमुरा 44, मदिकेरी 24, महाद 40, मैहर 39, मोतिहारी 39, नागांव 42, नागपुर 38, नाहरलागुन 25, नांदेड़ 40, नारनौल 48, नासिक 48, रायपुर 25, राजमहेंद्रवरम 50, रामनगर 32, रामनाथपुरम 27, सांगली 29, सतना 46, सिलीगुड़ी 40, ठाणे 43, तिरुवनंतपुरम 38, तिरुपति 43, तिरुपुर 32, टोंक 48, वाराणसी 29, वेल्लोर 43, विजयपुरा 43, यादगीर 41 शामिल रहे।

वहीं अगरतला, अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अंबाला, अनंतपुर, अंकलेश्वर, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बालासोर, बारबिल, बारीपाड़ा, बेलापुर, बेलगाम, बेंगलुरु, बेतिया, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलीपाड़ा, ब्रजराजनगर, बूंदी, ब्यासनगर, बर्नीहाट, चेन्नई, छाल, चित्तूर, देहरादून, धनबाद, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, फतेहाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडीपोंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हापुड़, हसन, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जलगांव, झांसी, झुंझुनू, कन्नूर, कानपुर, करौली, करनाल, काशीपुर, किशनगंज, कोटा, लातूर, लखनऊ, मैंगलोर, मेरठ, मीरा-भयंदर, मुंबई, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नलबाड़ी, नवी मुंबई, ऊटी, पिंपरी-चिंचवाड़, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुणे, पूर्णिया, रायचुर, रायरंगपुर, राजसमंद, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सहरसा, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सीकर, सिलचर, सिरोही, सिरसा, शिवसागर, सोलापुर, सोनीपत, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, थूथुकुडी, त्रिशूर, उज्जैन, उल्हासनगर, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, वृंदावन आदि 112 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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