भारत में आवाजाही: गोवा में लगभग हर व्यक्ति के पास है वाहन

गोवा में 31 दिसंबर 2024 तक कुल 13,56,393 वाहन पंजीकृत किए गए थे, जो इसकी अनुमानित जनसंख्या 15.96 लाख के करीब पहुंचती है
भारत में आवाजाही: गोवा में लगभग हर व्यक्ति के पास है वाहन
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न्यूटन सेक्वेरा ने 2014 में पणजी में अपनी नई नौकरी के पहले दिन अपनी देर रात की शिफ्ट खत्म की थी लेकिन उन्हें अहसास हुआ कि शहर से लगभग 40 किलोमीटर दूर मडगांव में घर लौटने के लिए उनके पास कोई सार्वजनिक परिवहन उपलब्ध नहीं था।

तब सेक्वेरा रात 9 बजे के आसपास पणजी के मीरामार रोड पर कम से कम 15 मिनट तक फंसे रहे लेकिन उन्हें एक भी ऑटो रिक्शा उनके गंतव्य स्थान जाने के लिए तैयार नहीं हुआ लेकिन काफी मिन्नतें करने के बाद उनमें से एक जरूर जैसे-तैसे तैयार हुआ लेकिन उसने उनसे देर रात की यात्रा के लिए बहुत अधिक पैसे वसूले।

घटना के एक दिन बाद उन्हें अपने कार्यालय के सहकर्मियों से पता चला कि शाम 7 बजे के बाद इस इलाके में कोई बस नहीं चलती। वह कहते हैं, “मेरे पास नया वाहन खरीदने के लिए पैसे नहीं थे लेकिन आने-जाने के लिए अब वाहन खरीदना जरूरी हो गया था।”

उन्होंने बताया कि ऐसे हालात में मैंने नौकरी जॉइन करने के कुछ महीनों के भीतर ही बैंक से लोन ले लेकर एक दोपहिया वाहन खरीदा ताकि काम पर जाने में सुविधा हो और देर होने पर किसी बस का इंतजार न करना पड़े।

इस घटना के लगभग एक दशक के बाद भी वर्तमान में गोवा निवासियों की स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं आया है। यही नहीं स्थानीय लोगों के साथ-साथ साल भर इस पर्यटन स्थल पर आने वाले लाखों पर्यटकों के लिए भी स्थिति जस की तब बनी हुई है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि सार्वजनिक परिवहन की कमी के कारण रोजाना अपने कार्यालय या स्कूल आने-जाने वाले यात्रियों के लिए एक चुनौती है। शहर में आवाजाही के कारण होने वाले परेशानी के चलते लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है।

सार्वजनिक परिवहन नही होने के कारण राज्य की राजधानी पणजी और प्रमुख शहरों में रहने वाले निवासियों को मजबूरी में निजी वाहन खरीदना पड़ रहा है। ऐसे हालात में शहर की मौजूदा सड़कों पर अतिरिक्त बोझ बढ़ गया है।

2020 में तैयार गोवा की व्यापक गतिशीलता योजना के अनुसार बस सेवाएं सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक उपलब्ध होती हैं और शाम 7 बजे के बाद उनकी संख्या कम हो जाती हैं। पीक ऑवर्स के दौरान औसतन 10-15 मिनट के बीच और बांकि समय में 15-20 मिनट के बीच सेवाएं लगातार चलती रहती हैं। बड़ी संख्या में यात्रियों ने बसों तक पहुंचने के लिए पहले और आखिरी मील की कनेक्टिविटी की कमी भी बताई।

इसके चलते उन्हें बस का इंतजार करने से पहले एक लंबी दूरी पैदल ही चलने के लिए मजबूर होना पड़ता है। ऐसे हालात में अधिकांश यात्रियों ने कहा कि इस तरह की पैदल यात्रा बुजुर्गों या बीमार व्यक्तियों के लिए असंभव हो जाती है। गोवा में राज्य सरकार द्वारा संचालित केटीसी के साथ-साथ निजी बस ऑपरेटर भी हैं लेकिन वे नियमित नहीं हैं और जब तब अपनी बसों को बंद करके यात्रियों के लिए और मुसीबतें बढ़ाते हैं।

गोवा आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2024-25 के अनुसार 31 दिसंबर 2024 तक कुल 13,56,393 वाहन पंजीकृत किए गए थे। यह संख्या इसकी अनुमानित जनसंख्या 15.96 लाख के करीब पहुंचती है। इससे पता चलता है कि राज्य में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए लगभग एक वाहन उपलब्ध है।

शहर में खराब सार्वजनिक परिवहन सेवाओं के कारण राज्य में निजी वाहनों की संख्या तेज गति से बढ़ रही है। वित्तीय वर्ष 2019-20 के में परिवहन उपयोग के लिए निजी वाहनों की संख्या 62,238 दर्ज की गई थी, जिसमें कोविड-19 महामारी के बाद कमी देखी गई और अगले दो वर्षों (2020-21 व 2021-22) के लिए पंजीकृत वाहनों की संख्या क्रमश: 44,305 और 46,444 थी।  

ध्यान रहे कि 2019 में राज्य सरकार ने नए वाहन खरीदने वालों को प्रोत्साहित करने के लिए छह महीने के लिए नए वाहन खरीदारों के लिए रोड टैक्स में 50 प्रतिशत की कटौती कर दी थी। इसी का नतीजा था कि 2022-23 में निजी वाहनों की संख्या बढ़कर 64,311 और 2023-24 में 70,716 हो गई।

जीईएस रिपोर्ट में कहा गया है कि मार्च और दिसंबर 2024 के बीच 55,144 और वाहन जोड़े गए। यही नहीं वाणिज्यिक वाहन श्रेणी में भी भारी वृद्धि देखी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि “परिवहन-मोटरसाइकिल किराए पर” श्रेणी के तहत पंजीकृत वाहनों की संख्या 2019-20 की तुलना में 2023-24 में 44.85 प्रतिशत बढ़ी है। वहीं 2023-24 में पंजीकृत टैक्सियों में 2019-20 के आंकड़ों की तुलना में 69.96 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

सीएमपी 2020 के अनुसार परिवहन मोड में सबसे अधिक हिस्सा दोपहिया वाहनों का पाया गया है। यह है 59 प्रतिशत से अधिक। इसके बाद 22.65 प्रतिशत के साथ चार पहिया वाहन का नंबर आता हैं। बस और तिपहिया वाहनों का हिस्सा क्रमशः 11.40 प्रतिशत और 6.86 प्रतिशत हैं। सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में भी वृद्धि हुई है क्योंकि यातायात पुलिस के आंकड़ों के अनुसार 2022 और 2023 के बीच सड़क दुर्घटनाओं में 46.65 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जबकि वहीं घातक दुर्घटनाओं में 7.51 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। गोवा पुलिस की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार घातक दुर्घटनाओं की संख्या 290 दर्ज की गई।

असिटेंट पुलिस सुपरिटेंडेंट (यातायात) सुदेश नार्वेकर ने डाउन टू अर्थ को बताया कि कुल घातक दुर्घटनाओं में से लगभग 50 प्रतिशत में एक ही वाहन शामिल था न कि दो वाहनों के टकराने के मामले थे। वह कहते हैं कि इसका कारण तेज गति या लापरवाही से वाहन चलाना एक बड़ी वजह हो सकता है और इसे कम किया जा सकता है।

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) यंग इंडियंस गोवा चैप्टर के सड़क सुरक्षा अध्यक्ष कुणाल अरोलकर    (पूरे गोवा में सड़क उपयोगकर्ताओं के संबंध में सड़क सुरक्षा प्रशिक्षण और जागरूकता गतिविधियां संचालित करते हैं) कहते हैं कि हालांकि निजी वाहनों की वृद्धि से सड़कों पर भारी भीड़भाड़ नहीं हो रही है लेकिन यह निश्चित रूप से अब इस दिशा में उनकी संख्या बढ़ रही है।

सीएमपी रिपोर्ट में कहा गया है कि शहर के लगभग 73 प्रतिशत सड़कों के दोनों किनारों पर पैदल चलने वालों के लिए एक भी फुटपाथ नहीं हैं। अधिकांश सड़कों को कई स्थानों पर कट लगाए गए हैं। इसके चलते तेज गति और ओवरटेकिंग के कारण कई दुर्घटनाएं हुई हैं। गोवा आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2024-25 के अनुसार केटीसी और निजी ऑपरेटरों द्वारा चलाई जाने वाली मिनी बसों में 2019-20 की तुलना में 2023-24 में 62.73 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

गोवा के परिवहन निदेशक पी प्रविमल अभिषेक का कहना है कि सरकार आवागमन के साधन के रूप में सार्वजनिक परिवहन को प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में गोवा में अकेले केटीसी के साथ प्रति एक लाख की आबादी पर लगभग 36-37 बसें हैं और हमारा लक्ष्य 40 बसों तक पहुंचना है।

हालांकि उनका कहना था कि इस मामले में आदर्श स्थिति 60 बसों की होनी चाहिए। उनका कहना है कि नई इलेक्ट्रिक बसें आने वाली हैं इसके लिए निविदाएं जारी की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि वास्को, म्हापसा, मडगांव और पणजी जैसे प्रमुख शहरों में मौजूदा चार बस टर्मिनलों को अपग्रेड करने की भी योजना पर काम किया जा रहा है है। इसके अलावा विभाग ऐप आधारित प्रणाली भी शुरू करने जा रहा है इससे बस यात्रियों को बसों का वास्तविक समय ट्रैक करने की सुविधा होगी। इससे उनकी यात्रा और सुगम हो सकेगी।

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