मंदसौर में प्रदर्शनकारी किसानों पर फायरिंग, 6 मरे

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मृतकों के परिजनों को एक करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति और परिवार के एक सदस्य नौकरी देने का ऐलान किया है
फायरिंग में कई किसान जख्मी भी हुए हैं। Credit: Meeta Ahlawat / CSE
फायरिंग में कई किसान जख्मी भी हुए हैं। Credit: Meeta Ahlawat / CSE
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मध्य प्रदेश के मंदसौर में मंगलवार को प्रदर्शन कर रहे किसानों पर गोली चला दी गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, गोली लगने से कम से कम 6 किसानों की मौत हो गई जबकि कई घायल हैं। ये किसान सरकार की असंवदेनशीलता के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मृतकों के परिजनों को एक करोड का क्षतिपूर्ति और परिवार के एक सदस्य नौकरी देने का ऐलान किया है। साथ ही घायलों को 5 लाख की क्षतिपूर्ति और मुफ्त इलाज की घोषणा की है। 

शुरुआती जांच में पता चला है कि मृतकों में कन्हैया लाल पाटीदार, बबलू पाटीदार, बदरी, केमराम और प्रेम सिंह हैं। घटना को देखते हुए राज्य सरकार ने मंदसौर, रतलाम और उज्जैन जिलों में इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा दिया है।

भारतीय किसान यूनियन के जिला संयोजक भगत सिंह बोराना का कहना है कि कम से कम बीस किसान गोली लगने से घायल हुए हैं। उनका कहना है कि मृतकों की संख्या अभी स्पष्ट नहीं हो पाई है।

उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में राज्य सरकारों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन चल रहा है। ये किसान लोन माफी के अलावा प्याज और दाल की ऊंची कीमतों की मांग कर रहे हैं।

मध्य प्रदेश के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने पुलिस की तरफ से फायरिंग से इनकार किया है। उनका कहना है कि पुलिस उन लोगों के खिलाफ सख्त एक्शन लेगी जो किसानों को उकसाकर कानून व्यवस्था खराब कर रहे हैं। उन्होंने जांच के आदेश दे दिए हैं। डाउन टू अर्थ ने मंदसौर के एसपी ओपी त्रिपाठी से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।

बताया जा रहा है कि ये किसान 1 जून से प्रदर्शन कर रहे थे। 10 जून तक प्रदर्शन जारी रखने का उनका इरादा था।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, रविवार को किसान संगठनों की राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मीटिंग होनी है। इसे देखते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े भारतीय किसान संघ ने प्रदर्शन से खुद को अलग कर लिया था लेकिन भारतीय किसान यूनियन ने प्रदर्शन जारी रखा।

सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भरोसा दिया था कि प्याज 8 रुपये प्रति किलो से दाम से खरीदा जाएगी। उन्होंने 1000 करोड़ का प्राइस स्टेबलाइजेशन फंड बनाने का भी आश्वासन दिया था। इसके बावजूद किसानों ने प्रदर्शन खत्म करने से इनकार कर दिया था। किसान यूपी की तर्ज पर लोन माफी चाहते हैं।

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