क्या इस साल फिर गेहूं संकट का सामना करेगा देश, गर्मी ने बढ़ाई किसानों की चिंता

गेहूं उत्पादक राज्यों में फरवरी के पहले सप्ताह में पिछले सात साल के औसत से तापमान अधिक रहा
क्या इस साल फिर गेहूं संकट का सामना करेगा देश, गर्मी ने बढ़ाई किसानों की चिंता
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केंद्र सरकार का दावा है कि इस बार गेहूं के उत्पादन में रिकॉर्ड वृद्धि होगी, लेकिन किसान का पूरा ध्यान मौसम में आ रहे उतार-चढ़ाव पर टिका है।

हरियाणा के करनाल जिले के असंध क्षेत्र के किसान संदीप सिंगरोहा ने इस बार 12 एकड़ में गेहूं लगाया है। वह बताते हैं कि फरवरी के पहले सप्ताह में जैसे ही गर्मी बढ़ी तो वह सीधे अपने खेतों में गए और गेहूं के दानों को देखने लगे। गेहूं का दाना बनने लगा था और गर्मी की वजह से थोड़ा सा मुरझाने लगा था।

हालांकि 10 फरवरी को जब तापमान में थोड़ी नमी आई तो सांस में सांस आई। संदीप कहते हैं कि गर्मी की वजह से पिछले साल बहुत नुकसान हुआ था, इसलिए इस बार पूरा ध्यान गर्मी पर है।

संदीप की तरह सुखदीप सिंह भी मौसम के उतार चढ़ाव पर नजर रखे हुए हैं। वह पंजाब के लुधियाना जिले के पखोवाल क्षेत्र के हैं। उन्होंने 25 एकड़ में गेहूं लगाया है। वह भी कहते हैं कि फरवरी के पहले सप्ताह में मौसम बहुत गर्म हो गया था। हम रोजाना खेतों में जाकर गेहूं को देखते थे। जरूरत के मुताबिक हल्की सिंचाई भी करनी पड़ी, अभी तक तो नुकसान नहीं हुआ है। अब मौसम थोड़ा सर्द है, इसलिए फिलहाल राहत में हैं।

दरअसल, फरवरी के पहले सप्ताह में देश के कई हिस्सों में तापमान सामान्य से 5 से 7 डिग्री अधिक पहुंच गया था। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के राष्ट्रीय फसल पूर्वानुमान केंद्र (एनसीएफसी) की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2 से आठ फरवरी 2023 के सप्ताह में गेहूं उपजाने वाले ज्यादातर राज्यों (मध्य प्रदेश) में उच्चतम तापमान पिछले सात साल के औसत तापमान से अधिक रहा। इन राज्यों में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, उत्तर प्रदेश, राजस्थान व गुजरात का कुछ हिस्सा शामिल हैं।

एनसीएफसी द्वारा सामान्यीकृत अंतर वनस्पति सूचकांक (एनडीवीआई) के माध्यम से देश भर में फसल का अनुमान भी लगाया जाता है। यह सूचकांक एक सरल संकेतक है, जो बताता है कि कितनी जमीन में वनस्पति की स्थिति क्या है?

एनसीएफसी के मुताबिक एनडीवीआई के मुताबिक 20 जनवरी से 9 फरवरी 2023 के बीच पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सरसों की फसल पकने की स्थिति में पहुंच चुकी थी, जबकि मध्य प्रदेश, पंजाब और हरियाणा के कई हिस्सों में गेहूं की फसल में दाना आने लगा है।

उधर किसानों की निगाहें अगले सप्ताह के तापमान पर टिकी हैं। संदीप सिंगरोहा बताते हैं कि अगले चार पांच दिन में एक बार फिर से तापमान बढ़ने की आशंका जताई जा रही है, यदि ऐसा होता है तो यह गेहूं की फसल के लिए नुकसानदायक होगा। हो सकता है कि हालात पिछले साल जैसे हो जाएं, जिससे किसानों को एक बार फिर गेहूं का नुकसान होने की आशंका बढ़ जाएगी।

उल्लेखलीय है कि पिछले साल में फरवरी के अंतिम सप्ताह के बाद गर्मी ने बढ़ना शुरू किया था, जिसकी वजह कुछ जगह गेहूं झुलस गया था और दाना सिकुड़ गया था। पंजाब-हरियाणा के किसानों को 20 से 50 फीसदी तक फसल का नुकसान हुआ था। 

हालांकि 14 फरवरी 2022 को सरकार ने दावा किया है कि फसल वर्ष 2022-23 में सभी फसलों का रिकॉर्ड उत्पादन होगा। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के मुताबिक चालू फसल सीजन में गेहूं का उत्पादन 11.2 करोड़ टन रहने का अनुमान है। जो पिछले साल की तुलना में 44.4 लाख टन ज्यादा हो सकता है।

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