देश में जैविक खेती करने वाले किसानों के आंकड़े
सदन में उठाए गए एक सवाल के जवाब में आज, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने लोकसभा में बताया कि राष्ट्रीय जैविक उत्पादन कार्यक्रम (एनपीओपी) और भागीदारी गारंटी प्रणाली (पीजीएस) द्वारा प्रमाणित, देश भर में जैविक खेती के तहत कुल 40.99 लाख किसानों को पंजीकृत किया गया है।
किसानों द्वारा आत्महत्या
वहीं सदन में उठाए गए एक अन्य सवाल के जवाब में आज, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने लोकसभा में बताया की गृह मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) 'भारत में आकस्मिक मृत्यु और आत्महत्याएं' (एडीएसआई) शीर्षक से अपने प्रकाशन में आत्महत्याओं पर जानकारी संकलित और प्रसारित करता है। 2022 तक की रिपोर्ट एनसीआरबी की वेबसाइट पर उपलब्ध है। एडीएसआई रिपोर्ट में किसानों की आत्महत्या के अलग-अलग कारण नहीं बताए गए हैं।
रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना
सदन में प्रश्नों का सिलसिला जारी रहा, एक और सवाल के जवाब में आज, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने लोकसभा में जानकारी देते हुए कहा कि सरकार परंपरागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) के तहत भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति (बीपीकेपी) नामक एक उप-योजना के माध्यम से 2019 से 2020 से प्राकृतिक खेती को रसायन मुक्त खेती के रूप में बढ़ावा दे रही है।
देश भर में बीपीकेपी के तहत आठ राज्यों में प्राकृतिक खेती के लिए अब तक 4.09 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को मंजूरी दी गई है और 70.13 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। गंगा कॉरिडोर के किनारे प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए 1.48 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को भी मंजूरी दी गई है। किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रेरित करने और प्राकृतिक खेती की पहुंच बढ़ाने के लिए, सरकार ने बीपीकेपी को बढ़ाकर एक अलग और स्वतंत्र योजना के रूप में राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन (एनएमएनएफ) तैयार किया है।
देश में पोषण आधारित कृषि
पोषण आधारित कृषि को लेकर सदन में उठाए गए एक प्रश्न के जवाब में आज, मंत्री अर्जुन मुंडा ने लोकसभा में बताया कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने खेती में महिलाओं पर अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना के नेटवर्क के माध्यम से देश भर के 75 गांवों तक पहुंचने के लिए "न्यूट्री-स्मार्ट विलेज" पर एक कार्यक्रम लागू किया है।
कार्यक्रम का उद्देश्य खेती करने वाली महिलाओं और स्कूली बच्चों को शामिल करते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में पोषण संबंधी जागरूकता, शिक्षा और व्यवहार परिवर्तन को बढ़ावा देना, कुपोषण को दूर करने के लिए स्थानीय नुस्खे के माध्यम से पारंपरिक ज्ञान का उपयोग करना और होमस्टेड कृषि और न्यूट्री-गार्डन के माध्यम से पोषण-संवेदनशील कृषि को लागू करना है।
अर्जुन मुंडा बताया, सम्मिलित प्रयासों से 150 बायोफोर्टिफाइड किस्मों का विकास हुआ है, जिनमें 132 की खेती की जानें वाली फसलें और 18 बागवानी फसल की किस्में शामिल हैं, जो पोषण से भरपूर हैं।
कृषि पर ग्लोबल वार्मिंग का प्रभाव
सदन में पूछे गए एक अन्य प्रश्न के उत्तर में आज, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने लोकसभा में बताया कि सरकार ने देश में कृषि पर ग्लोबल वार्मिंग के प्रतिकूल प्रभाव पर ध्यान दिया है। जलवायु लचीले कृषि में राष्ट्रीय नवाचारों के तहत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने 33 वैश्विक जलवायु मॉडलों के पूर्वानुमान-संशोधित संभाव्य संयोजन का उपयोग करके भारत के लिए जलवायु परिवर्तन के अनुमान लगाए हैं।
अध्ययन से पता चला कि वर्ष 2050 से 2080 तक खरीफ के मौसम के दौरान बारिश में क्रमशः 4.9 से 10.1 फीसदी और 5.5 से 18.9 फीसदी की वृद्धि होने का अनुमान है, जबकि वर्ष 2050 से 2080 तक रबी के मौसम के दौरान बारिश में क्रमशः 12 से 17 फीसदी और 13 से 26 फीसदी वृद्धि होने का अनुमान है।
ई-वाहन और ईवी चार्जिंग स्टेशन
ईवी चार्जिंग को लेकर सदन में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में आज, भारी उद्योग राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने लोकसभा में फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन का हवाला देते हुए बताया, पिछले कैलेंडर वर्ष यानी साल 2023 के दौरान इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में 49.25 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है।
उन्होंने आगे कहा कि विद्युत मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, 02.02.2024 तक देश भर में सार्वजनिक ईवी चार्जिंग के 12,146 स्टेशन चालू हैं।
रूफटॉप सौर कार्यक्रम को अपनाना
सदन में उठाए गए एक सवाल के जवाब में आज, बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने राज्यसभा में जानकारी देते हुए कहा कि नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय रूफटॉप सोलर प्रोग्राम चरण- द्वितीय चरण लागू कर रहा है, जिसके तहत आवासीय क्षेत्र में रूफटॉप सोलर की स्थापना के लिए केंद्रीय वित्तीय सहायता (सीएफए) उपलब्ध है। देश में रूफटॉप सोलर की स्थापना में तेजी लाने के लिए, बिजली मंत्रालय के तहत केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों को उन्हें सौंपे गए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में रूफटॉप सोलर की प्रगति के लिए लगाया गया है, जिसमें रेस्को मोड भी शामिल है।
देश में आदिवासी महिलाओं की स्वास्थ्य स्थितियां
वहीं, सदन में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में आज, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने राज्यसभा में बताया कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण पांच (2019-21) के अनुसार, देश में 15 से 49 वर्ष की सभी महिलाओं में एनीमिया की व्यापकता 57.0 फीसदी है और 15 से 49 वर्ष की अनुसूचित जनजाति की महिलाओं में 64.6 फीसदी है।
भारत में मलेरिया के मामले
देश में मलेरिया को लेकर सदन में उठाए गए एक सवाल के जवाब में आज, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के राज्य मंत्री एस.पी. सिंह बघेल ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) का हवाला देते हुए राज्यसभा में बताया, विश्व मलेरिया रिपोर्ट 2023 में दो प्रकार के आंकड़े हैं: अनुमानित और रिपोर्ट किए गए। अनुमानित मामले: अनुमान के अनुसार, 2022 में दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र में अनुमानित मलेरिया के 65.3 फीसदी मामले भारत में थे।
मलेरिया के मामलों का अनुमान रिपोर्टिंग की पूर्णता के लिए रिपोर्ट किए गए मलेरिया के मामलों की संख्या को समायोजित करके लगाया जाता है, इस बात की आशंका है कि मामले परजीवी-सकारात्मक थे। रिपोर्ट किए गए मामले: वर्ष 2022 में इस क्षेत्र में दर्ज किए गए मामलों में भारत में 21.8 फीसदी (8,08,683 रिपोर्ट किए गए मामलों में से 1,76,522) थे। रिपोर्ट किए गए मामलों के लिए, भारत ने 2015 के बाद से मलेरिया के मामलों में भारी गिरावट देखी है। 2016 में मलेरिया उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय ढांचे के लॉन्च करने के बाद रिपोर्ट किए गए मामलों में 85 फीसदी की कमी आई।