संसद में आज (22 मार्च 2022): झारखंड में आयुष्मान योजना का लाभ उठा रहा है स्वास्थ्य माफिया?

बाजरा उच्च पोषण विशेषताओं और स्वास्थ्य को फायदा पहुंचाने वाला खाद्यान्न हैं। कम से कम पानी और लागत के साथ इसकी खेती की जाती है।
संसद में आज (22 मार्च 2022): झारखंड में आयुष्मान योजना का लाभ उठा रहा है स्वास्थ्य माफिया?
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झारखंड में आयुष्मान भारत योजना को लेकर राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल में कहा गया कि क्या राज्य का स्वास्थ्य माफिया आयुष्मान योजना का फायदा उठा रहा है। इसके जवाब में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने कहा कि आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में किसी भी तरह की धोखाधड़ी को रोकने के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। हालांकि उन्होंने जानकारी दी कि राज्य में 39 निजी अस्पतालों को धोखाधड़ी व अनैतिक प्रैक्टिस की वजह से पैनल से हटा दिया गया है और 67 दोषी अस्पतालों पर 8.06 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया है, जिसमें 87.64 लाख रुपए वसूले जा चुके हैं। उनके मुताबिक राज्य की स्वास्थ्य एजेंसी ने सूचित किया है कि राज्य में 24,449 अस्पताल लेनदेन और 36,373 लाभार्थियों द्वारा रिकॉर्ड में धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए गए हैं।

कृषि में ड्रोन का इस्तेमाल

रेगिस्तानी टिड्डी नियंत्रण के लिए 2020-21 में कृषि और किसान कल्याण विभाग (डीए एंड एफडब्ल्यू ) द्वारा पहली बार ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था। देश में ड्रोन तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने उदारीकृत ड्रोन नियम, 2021 को अधिसूचित किया है। कृषि विभाग ने कीटनाशक और पोषक तत्वों के अनुप्रयोग के लिए कृषि में ड्रोन के उपयोग के लिए मानक संचालन प्रक्रियाएं (एसओपी) जारी कीं, जो कृषि में ड्रोन के प्रभावी और सुरक्षित संचालन के लिए संक्षिप्त निर्देश प्रदान करती हैं। यह आज कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा में बताया।

तोमर ने कहा कि केंद्रीय बजट 2022-23 में, सरकार ने यह भी घोषणा की है कि फसल मूल्यांकन, भूमि रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण, कीटनाशकों और पोषक तत्वों के छिड़काव के लिए किसान ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा।

सल्फर डाइऑक्साइड के उत्सर्जन को नियंत्रित करने के लिए तकनीक

थर्मल पावर प्लांटों से सल्फर डाइऑक्साइड (एसओ2) के उत्सर्जन को नियंत्रित करने के लिए अब तक सात बिजली कंपनियों ने 20 बिजली संयंत्र इकाइयों में फ्लू गैस डिसल्फराइजेशन (एफजीडी) स्थापित किया है। इनमें से 16 इकाइयों ने वेट फ्लू गैस डिसल्फराइजेशन (एफजीडी) तकनीक स्थापित की है और 4 इकाइयों ने ड्राई सोरबेंट इंजेक्शन (डीएसआई) तकनीक स्थापित की है। यह जानकारी अक्षय ऊर्जा और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने राज्यसभा में दी।

बिजली आधारित भोजन बनाने की तकनीक

विद्युत मंत्रालय और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों जोर संगठनों द्वारा बिजली आधारित खाना पकाने की पैठ के संबंध में कोई मूल्यांकन नहीं किया गया है।  हालांकि, स्वच्छ और सुरक्षित खाना पकाने को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, ऊर्जा मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक सांविधिक निकाय ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी (बीईई) ने इंडक्शन हॉब्स के लिए प्रदर्शन बेंचमार्क विकसित किए हैं और इसे समझने के लिए एक बाजार आधारित मूल्यांकन अध्ययन किया है। उत्पाद श्रेणी की बाजार स्वीकार्यता जिसमें वित्त वर्ष 2018-19 में इंडक्शन हॉब्स के लिए बाजार का आकार लगभग 40 लाख यूनिट होने का अनुमान था, इस बात की जानकारी आज ऊर्जा, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह, ने राज्यसभा को दी।

सृष्टि योजना

दिसंबर 2017 में नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने देश में रूफटॉप सोलर को बढ़ावा देने के लिए 'भारत के सौर परिवर्तन के लिए सतत रूफटॉप कार्यान्वयन (सृष्टि)' पर हितधारकों के परामर्श के लिए एक अवधारणा नोट दिया था। सृष्टि रूफटॉप सौर योजना का आधिकारिक नाम नहीं है, यह आज ऊर्जा, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने राज्यसभा में बताया।

मंत्रालय ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सोलर प्रोग्राम के दूसरे चरण को लागू कर रहा है जिसके तहत आवासीय क्षेत्र में रूफटॉप सोलर (आरटीएस) की स्थापना के लिए सब्सिडी प्रदान की जा रही है। सिंह ने कहा कि 08.03.2022 तक, आवासीय क्षेत्र में लगभग 1252 मेगावाट की आरटीएस क्षमता स्थापित की गई है और कार्यक्रम के तहत विभिन्न विद्युत वितरण कंपनियों / बिजली विभागों को 1132.74 करोड़ रुपये की केंद्रीय वित्तीय सहायता वितरित की गई है।

शहरी कचरे से बिजली उत्पादन

28 फरवरी 2022 तक, देश में नगर पालिका ठोस अपशिष्ट (एमएसडब्ल्यू) से बिजली उत्पादन के लिए 132.1 मेगावाट की कुल क्षमता के 11 अपशिष्ट से ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए गए हैं। इस बात की जानकारी आज ऊर्जा, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह, ने राज्यसभा को दी।

नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने बायोमास पावर और बगस्से या खोई दोनों  की उत्पादन क्षमता के आकलन के लिए एडमिनिस्ट्रेटिव स्टाफ कॉलेज ऑफ इंडिया (एएससीआई) के माध्यम से एक अध्ययन किया। सिंह ने कहा कि मार्च 2021 में अध्ययन को अंतिम रूप दिया गया है, अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार, भारत में सालाना 22.8 करोड़ मीट्रिक टन (एमएमटी) अधिशेष बायोमास और 82 एमएमटी बगस्से या खोई उत्पन्न होती है।

अक्षय ऊर्जा लक्ष्यों के संबंध में प्रगति

कॉप 26 में प्रधान मंत्री की घोषणा के अनुसार, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से 500 गीगावाट स्थापित बिजली क्षमता प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। कुल 152.90 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता (बड़े हाइड्रो सहित) 28 फरवरी 2022 तक देश में स्थापित किया गया है।

इसके अलावा 72.61 गीगावाट क्षमता की परियोजनाएं कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं, यह आज ऊर्जा, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने राज्यसभा में बताया।

'गो इलेक्ट्रिक' अभियान

भारत सरकार, विद्युत मंत्रालय ने 19 फरवरी 2021 को "गो इलेक्ट्रिक" अभियान शुरू किया था। इस अभियान का उद्देश्य केंद्र और राज्य द्वारा की गई विभिन्न पहलों सहित इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को अपनाने के फायदों के बारे में जनता के बीच जागरूकता पैदा करना है। जिसमें इलेक्ट्रिक वाहनों और इलेक्ट्रिकल कुकिंग की स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा की गई विभिन्न पहल शामिल हैं, इस बात की जानकारी आज ऊर्जा, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह, ने राज्यसभा को दी।

मानसिक स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर सर्वेक्षण

बैंगलोर के राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका विज्ञान संस्थान (निमहंस) द्वारा देश के 12 राज्यों में किए गए राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार, सामान्य मानसिक विकार, गंभीर मानसिक विकार, और शराब और मादक द्रव्यों के सेवन विकारों सहित मानसिक विकारों की व्यापकता (18 वर्ष से अधिक उम्र के वयस्कों में तंबाकू सेवन विकार को छोड़कर) लगभग 10.6 फीसदी  है। यह आज स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने राज्यसभा में बताया।

जिला अस्पतालों में चिकित्सा ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र

भारत सरकार ने 1561 प्रेशर स्विंग आडसोर्प्शन (पीएसए) ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों को मंजूरी दी है। इनमें 1225 पीएसए संयंत्र शामिल हैं जिन्हें देश के हर जिले में पीएमकेयर फंड के तहत स्थापित और चालू किया गया है। इसके अतिरिक्त 336 पीएसए संयंत्र पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय, बिजली मंत्रालय, कोयला मंत्रालय, रेल मंत्रालय आदि के सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा स्थापित किए गए हैं। 1561 में से 1535 पीएसए संयंत्रों को चालू किया गया है, यह आज स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने राज्यसभा में बताया।

आदिवासी लोगों के लिए नाबार्ड योजना

अखिल भारतीय आधार पर, राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने देश में 5.4 लाख एकड़ भूमि में 863 आदिवासी विकास परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिससे 5.7 लाख आदिवासी परिवारों को लाभ हो रहा है, इस बात की जानकारी आज वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री भागवत कराड ने राज्यसभा में दी।

बूस्टर खुराक के लिए उम्र में कटौती

भारत सरकार ने 16 मार्च 2022 से 60 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग के सभी लाभार्थियों के लिए एहतियाती खुराक को बढ़ा दिया है। 15 वर्ष और उससे पहले की खुराक की कवरेज 95.5 फीसदी है और दूसरी खुराक 80.6 फीसदी है इसलिए टीकाकरण की गति अपेक्षाकृत धीमी हो गई है। अधिकांश लक्षित लाभार्थियों को पहले ही कवर किया जा चुका है, इस बात की जानकारी आज स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने राज्यसभा में दी। 

मत्स्य पालन की वृद्धि दर

राष्ट्रीय लेखा विभाग, सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, वानिकी और मछली पकड़ने में 2020-21 में 3.1 फीसदी की वृद्धि दर देखी गई, जो कि 2019-20 में 2.04 फीसदी की तुलना में अधिक है, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने लोकसभा में बताया।

सुपरफूड के रूप में बाजरा

बाजरा उच्च पोषण विशेषताओं और स्वास्थ्य को फायदा पहुंचाने वाला खाद्यान्न हैं। कम से कम पानी और लागत के साथ इसकी खेती की जाती है। भारत सरकार की पहल के परिणामस्वरूप, संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में घोषित किया है। बाजरे का उत्पादन 2019-20 के दौरान 17.26 मिलियन टन से बढ़कर 2020-21 में 18.02 मिलियन टन हो गया है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएमएस) कार्यक्रम के तहत, एनएफएसएम-पोषक अनाज 14 राज्यों के 212 जिलों में लागू किया जा रहा है, यह आज कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा में बताया।

दशकीय जनगणना

राज्य सरकार जनगणना अधिनियम, 1948 के प्रावधानों के तहत जनगणना करने या उसमें सहायता करने या पर्यवेक्षण करने के लिए जनगणना अधिकारियों की नियुक्ति करती है। प्रत्येक व्यक्ति अपने सर्वोत्तम ज्ञान या विश्वास के अनुसार जनगणना के प्रश्नों का उत्तर देने के लिए कानूनी रूप से बाध्य है। गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में बताया कि जनगणना और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को सुचारू रूप से चलाने के लिए राज्य सरकारों के समर्थन से सभी आवश्यक उपाय किए जाते हैं।

कृषि अनुसंधान में नई तकनीक

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने 2021-22 के दौरान फसलों की 309 किस्मों/संकरों का विकास और विमोचन किया, जिसमें विशेष लक्षणों वाली 35 किस्में और आईसीएआर द्वारा बागवानी के लिए चुनी गई फसलों की 94 किस्में शामिल हैं। इस बात की जानकारी आज कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा में दी।

तोमर ने कहा सरकार ने 2020-21 और 2021-22 के दौरान कृषि में ड्रोन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉक चेन, रिमोट सेंसिंग और जीआईएस आदि सहित नई तकनीकों को पेश करने के लिए राज्यों को 1756.3 और 2422.7 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की है। इसके अलावा, सरकार ने 2020-21 और 2021-22 में क्रमश: 7302.50 और 7908.18 करोड़ रुपये का आवंटन कृषि में अनुसंधान और विकास के लिए नई तकनीकों के विकास, किसान के खेत में उनके प्रदर्शन और नई तकनीक को अपनाने के लिए किसानों की क्षमता निर्माण के लिए किया। 

कृषि श्रमिक

भारत के महापंजीयक हर दस साल की अवधि में कृषि श्रम पर आंकड़े इकठा करता है, न कि वार्षिक आधार पर। इस तरह के अंतिम आंकड़े 2011 की जनगणना के लिए संकलित किए गए थे। 2011 की जनगणना (10.68 करोड़) की तुलना में 2001 की जनगणना (14.43 करोड़) में कृषि श्रमिकों के आंकड़े में वृद्धि हुई है, यह आज कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा में बताया।

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