उत्तर प्रदेश के किसान से तीन गुणा अधिक कमाता है पंजाब का किसान

एनएसओ के मुताबिक, मेघालय के बाद पंजाब के किसान परिवारों की औसतन मासिक आमदनी सबसे अधिक है
एनएसओ के मुताबिक, मेघालय के बाद पंजाब के किसान परिवारों की आमदनी सबसे अधिक है। Photo: Flikr
एनएसओ के मुताबिक, मेघालय के बाद पंजाब के किसान परिवारों की आमदनी सबसे अधिक है। Photo: Flikr
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उत्तर प्रदेश के किसान की मासिक आमदनी के मुकाबले पंजाब के किसान की मासिक आमदनी तीन गुणा से अधिक है। जबकि झारखंड के किसान के मुकाबले 5 गुणा अधिक है।

गत सितंबर माह में राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) ने ग्रामीण भारत में कृषक परिवारों की स्थिति और परिवारों की भूमि एवं पशुधन का मूल्यांकन 2019 रिपोर्ट जारी की गई।

इस रिपोर्ट में किसानों द्वारा मासिक आमदनी की जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक देश का एक कृषक परिवार औसतन 10,218 रुपए कमाता है। इसमें से 4,063 रुपए मजदूरी से, 3798 रुपए फसल से, 1582 रुपए पशुधन से , 134 रुपए जमीन लीज पर देकर और 641 रुपए गैर कृषि कार्यों से कमाता है। इसका आशय है कि कृषक परिवार की दैनिक आमदनी 340 रुपए है।

बेशक ये आंकड़े दिलचस्प हैं, लेकिन इससे अधिक दिलचस्प राज्यों के आंकड़े हैं। राज्यवार अगर देखें तो बहुत असमानता देखने को मिलेगी। सबसे अधिक आमदनी मेघालय के कृषक परिवार की है। यहां का कृषक परिवार औसतन 29,348 रुपए महीना कमाता है, जबकि सबसे कम आमदनी (4,895 रुपए महीना) झारखंड के कृषक परिवार की है।

मेघालय के बाद पंजाब के किसान की आमदनी है। यहां का एक कृषक परिवार औसतन 26,701 रुपए महीना कमा रहा है। अगर उत्तर प्रदेश के कृषक परिवार से तुलना करें तो उत्तर प्रदेश के एक कृषक परिवार के मुकाबले पंजाब का कृषक परिवार तीन गुणा अधिक कमा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के कृषक परिवार की मासिक आमदनी औसतन 8,061 रुपए है। लेकिन अगर झारखंड के किसान परिवार से तुलना करें तो पंजाब का किसान लगभग पांच गुणा अधिक कमा रहा है।

तीसरे नंबर पर हरियाणा के किसान की आमदनी है। हरियाणा का किसान परिवार औसतन 22,841 रुपए महीना कमा रहा है। केवल तीन राज्यों की आमदनी 20 हजार रुपए से अधिक है।

देखें- किस राज्य में कितनी है किसान परिवारों की औसतन आमदनी -

कितने हैं किसान परिवार

रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 17.24 ग्रामीण परिवार हैं। इनमें से 9.30 करोड़ रुपए परिवार खेती किसानी से जुड़े हैं, जबकि शेष 7.93 करोड़ ग्रामीण गैर कृषि कार्यों से जुड़े हैं। सबसे अधिक कृषक परिवार उत्तर प्रदेश में हैं। यहां 1.77 करोड़ परिवार कृषि से जुड़े हैं, जबकि दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र में 72.94 लाख, तीसरे नंबर पर मध्य प्रदेश 72,728 परिवार कृषि कार्य से जुड़े हैं। छोटा राज्य होने के कारण पंजाब में 14.67 लाख परिवार और हरियाणा में 19.06 परिवार कृषि कार्यों से जुड़े हैं। बिहार में 70.12 लाख परिवार कृषि कार्य कर रहे हैं।

कितनी है जमीन
जब हम ग्रामीणों की आमदनी की बात कर रहे हैं तो यह समझना भी जरूरी है कि औसतन एक परिवार के पास कितनी जमीन है। रिपोर्ट बताती है कि देश में औसतन एक ग्रामीण परिवार के पास 0.512 हेक्टेयर जमीन है। इसमें 8.2 फीसदी वे परिवार भी शमिल हैं, जो भूमिहीन हैं।

सबसे अधिक जमीन नागालैंड के ग्रामीणों के पास है। यहां के ग्रामीणों पास औसतन 1.287 हेक्टेयर प्रति परिवार जमीन है। इसके बाद राजस्थान में (1.186 हे.), मिजोरम में (1.027 हे.), मध्य प्रदेश में (0.906 हे.) अरुणाचल प्रदेश में (0.850 हे.), कर्नाटक में (0.823 हे.), छत्तीसगढ़ में (0.784 हे.), महाराष्ट्र में (0.749 हे.), गुजरात में (0.616 हे.) जमीन प्रति ग्रामीण परिवार है।

आमदनी के मामले में अव्वल पंजाब के ग्रामीण परिवारों के पास औसतन कितनी जमीन है? का जवाब है कि पंजाब में 0.533 हेक्टेयर प्रति परिवार जमीन है। जबकि हरियाणा के ग्रामीणों के पास इससे अधिक है। यहां 0.603 हेक्टेयर प्रति परिवार है। उत्तर प्रदेश में 0.396 हेक्टेयर, बिहार में 0.224 हेक्टेयर, झारखंड में 0.407 हेक्टेयर प्रति परिवार जमीन है।

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