दुनिया में गरीबी और लिंगभेद को खत्म कर सकता है पानी का सही इस्तेमाल : यूएन रिपोर्ट

जल के बिना कृषि की कल्पना अधूरी है। इस आर्थिक विकास वाले दौर में भी जैसे ही जल की आपूर्ति कृषि के लिए घटती है वैसे ही कई देशों की आधी से ज्यादा आबादी के मेहनताने पर सीधी चोट पहुंचती है।
दुनिया में गरीबी और लिंगभेद को खत्म कर सकता है पानी का सही इस्तेमाल : यूएन रिपोर्ट
Published on

पानी और कृषि का तालमेल ऐसा है कि थोड़ा भी बिगड़े तो दुनिया की आधी आबादी सीधे प्रभावित हो जाती है। एशिया में भारत और खासतौर से उप-अफ्रीकी देशों में जल और कृषि का तालमेल बिगड़ने से देशों का आर्थिक पहिया डगमगा जाता है और उसका खामियाजा सबसे पहले श्रमिकों को उठाना पड़ता है। इनमें महिलाओं की संख्या भी करीब आधी होती है।

बीते कुछ दशकों में दुनियाभर में आर्थिक विकास का नारा भले ही गूंजा हो लेकिन अब भी दुनिया में 2.1 अरब लोग गरीब हैं। और इनमें 76.7 करोड़ लोग भयंकर गरीबी में हैं। एक और तथ्य है कि इन गरीबों में 80 फीसदी लोग ग्रामीण क्षेत्रों में रहते है। कृषि अब भी आजीविका का मुख्य साधन बना हुआ है। 

विश्व जल दिवस-2021 पर संयुक्त राष्ट्र की ताजा रिपोर्ट में विश्व बैंक की रिपोर्ट का हवाला देकर कहा गया है कि 30 वर्षों का एक विश्लेषण यह बताता है कि भारत में बारिश में गड़बड़ी या वर्षा के झटके सीधा श्रमिकों के मेहनताने पर चोट पहुंचाते हैं। लंबे समय तक टिका रहने वाला सूखा लंबी बेरोजगारी का कारण बन सकता है। अक्सर यह पलायन की भी वजह बनता है। ग्रामीण क्षेत्रों से लोग शहरी क्षेत्रों की तरफ रुख करते हैं। 

जबकि यह ध्यान रखने लायक है कि गैर कृषि रोजगार बेहद सीमित है। पानी के इस झटके से महिलाओं को बड़ी विपदा का शिकार होना पड़ता है। वैश्विक स्तर पर 43 फीसदी महिलाएं कृषि श्रमिक हैं और अफ्रीका व एशियाई देशों में महिला कृषि श्रमिकों की संख्या 50 फीसदी तक है। 

वर्षा आधारित क्षेत्रों और सिंचाई व्यवस्था वाले क्षेत्रों में खाद्य उत्पादन के लिए पानी की सुरक्षा में सुधार गरीबी में भी सुधार ला सकता है साथ ही प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तरीके से लिंगभेद को मिटाने में कारगर हो सकता है। पानी के सुधार से खेती का दायरा भी बढ़ाया जा सकता है और फसलों को विफल होने से भी बचाया जा सकता है। और कई तरह की फसलें लगाई जा सकती हैं। 

रिपोर्ट में बताया गया है कि पानी की सुरक्षा पलायन पर रोक के साथ ज्यादा मेहनताना रोजगार के अवसर को बढ़ा सकते हैं और स्थानीय स्तर पर खाद्य उत्पादन और उसकी कीमत को भी बेहतर बना सकते हैें।

यूएन की रिपोर्ट में पानी की कमी से से पैदा होने वाली समस्या और उसकी खूबी की विस्तृत सूची बनी है। बहरहाल पानी के विविध और बेहतर इस्तेमाल से ही इस संकट से लड़ा जा सकता है।  

Related Stories

No stories found.
Down to Earth- Hindi
hindi.downtoearth.org.in