पीएम किसान सम्मान: राजस्थान में कितने किसानों को मिले 2,000 रुपए?

केंद्र सरकार का दावा है कि कोरोना महामारी और लॉकडाउन से निपटने के लिए किसानों को किसान सम्मान निधि पहले दी जा रही है
फोटो: विकास चौधरी
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कोरोना संक्रमण के दौर में केन्द्र सरकार द्वारा दी जा रही किसान सम्मान निधि का लाभ अब तक सभी किसानों को नहीं मिल पाया है। राजस्थान में रजिस्टर्ड कुल किसानों मे से 53.95 फीसदी को ही चौथी किस्त अब तक मिली है। किसानों का कहना है कि उनके मोबाइल पर सिर्फ योजना से संबंधित प्रचार सामग्री के मैसेज आ रहे हैं, लेकिन जब वे बैंक जा रहे हैं तो उन्हें यह कहकर वापस भेजा जा रहा है कि पैसा खातों में नहीं आया है। 

जयपुर जिले के तुंबीपुरा गांव के रहने वाले किसान हरजी राम (50) को केन्द्र सरकार द्वारा अप्रैल में भेजी गई किश्त नहीं मिली है। हरजी राम को अब तक सिर्फ तीन ही किश्त योजना के तहत मिली हैं। उन्हें 18 अक्टूबर 2019 को दो हजार रुपए मिले थे। इसके बाद उन्हें किसान सम्मान निधि के तहत कोई राशि नहीं मिली है। हरजी राम ने 29 मार्च 2019 को इस योजना में रजिस्ट्रेशन कराया था। वे कहते हैं, ‘रजिस्ट्रेशन  के बाद दो-तीन बार तो पैसे खाते में जमा हुए, लेकिन उसके बाद मुझे एक पैसा भी नहीं मिला है। मेरे मोबाइल में हर रोज योजना के प्रचार वाले मैसेज आते हैं। जब मैं चेक करने बैंक जाता हूं तो वहां पता चलता है कि राशि खाते में जमा नहीं हुई है।’

8 बीघा खेती के मालिक हरजी राम कहते हैं, “ नकदी का संकट बहुत हो रहा है। मुझे खेत में मूंग बोनी है, लेकिन पैसे नहीं होने के कारण बीज नहीं ला पा रहा। खेत जोतने के लिए ट्रैक्टर तो है, लेकिन डीजल के लिए पैसे नहीं हैं।”

वे आगे बताते हैं, “मेरे पास दो गाय और 4 भैंस हैं। खाने के लिए तूड़ा (गेहूं का भूस) तो है, लेकिन इसमें मिलाने के लिए खड़ और अन्य चीजें नहीं हैं।”

हरजी राम की तरह ही तीजा देवी, बारां जिले की इंद्रा देवी को भी पीएमकेएसवाई की राशि नहीं मिली है। 

वहीं, केन्द्र सरकार का दावा है कि कोरोना संक्रमण में लॉक डाउन के दौरान देशभर में अब तक 8.89 करोड़ किसानों को 17,793 करोड़ रुपए की मदद कर चुकी है। 25 अप्रैल तक केन्द्र सरकार की वेबसाइट पर दिए आंकड़ों के मुताबिक राजस्थान में नवंबर 2019 तक 63,84,175 किसान इस योजना के तहत रजिस्टर्ड हैं। इनमें से सिर्फ 34,44,646 किसानों को चारों किश्त पहुंची हैं। यानी कुल रजिस्टर्ड किसानों में से महज 53.95 प्रतिशत किसानों तक ही केन्द्र सरकार की मदद पहुंची है। 

हालांकि केन्द्र की घोषणा के बाद कुछ किसानों को अप्रैल महीने में 2 हजार रुपए की किस्त प्राप्त भी हुई है। किसान नेताओं का कहना है कि प्रक्रिया बहुत धीमी है। राजस्थान में किसान नेता रामपाल जाट कहते हैं, ‘पहली बात तो हम पीएम किसान सम्मान निधि योजना के ही खिलाफ हैं। क्योंकि यह किसानों के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाने वाली योजना है। दूसरी बात जिस तरह से सरकार ने दूसरे उद्योग और वर्गों को राहत दी है, वैसा किसानों के लिए कुछ नहीं किया। इस योजना की अगली किश्त मई महीने में मिलनी ही थी। सरकार ने बस इसे एक महीने पहले जमा कर दिया है, लेकिन अब भी बहुत सारे किसानों को यह राशि नहीं मिल पाई है। उन्हें बैंकों से खाली हाथ लौटना पड़ रहा है।’

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