रबी सीजन 2024-25: सरसों के रकबे में पांच लाख हेक्टेयर की गिरावट, गेहूं का रकबा बढ़ा

पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 313.00 लाख हेक्टेयर की तुलना में इस वर्ष लगभग 319.74 लाख हेक्टेयर में गेहूं की खेती की गई
रबी सीजन 2024-25: सरसों के रकबे में पांच लाख हेक्टेयर की गिरावट, गेहूं का रकबा बढ़ा
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चालू रबी सीजन की बुआई के आंकड़ों ने एक बार फिर देश के कृषि क्षेत्र की गुलाबी तस्वीर सामने आई है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने 30 दिसंबर 2024 तक रबी फसलों के अंतर्गत बुवाई क्षेत्र कवरेज की प्रगति जारी की है। जो बताती है कि अब तक रबी फसल की बुवाई 614 लाख हेक्टेयर से अधिक हो चुकी है।

विभाग की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 313.00 लाख हेक्टेयर की तुलना में इस वर्ष लगभग 319.74 लाख हेक्टेयर में गेहूं की खेती की गई। जबकि रबी सीजन में गेहूं का सामान्य रकबा 312.35 लाख हेक्टेयर है।

खास बात यह है कि रबी की लगभग सभी फसलों का रकबा बढ़ गया है, लेकिन तिलहन खासकर सरसों के रकबे में बड़ी गिरावट आई है। विभाग के आंकड़े बताते हैं कि रेपसीड और सरसों का सामान्य रकबा 79.16 लाख हेक्टेयर है, लेकिन चालू सीजन में 88.50 लाख हेक्टेयर में सरसों की बुआई हुई है, जबकि पिछले साल 93.73 लाख हेक्टेयर थी।

कुल तिलहन की बुआई की बात करें तो तिलहन का सामान्य रकबा 87.02 लाख हेक्टेयर है, सरकार के प्यासों के चलते पिछले साल 101.37 लाख हेक्टेयर में तिलहन की फसल लगाई गई थी, परंतु चालू सीजन में 96.15 लाख हेक्टेयर में ही लग पाई है।

दलहन की बुआई में सुधार हुआ है, लेकिन सामान्य क्षेत्रफल से अभी भी काफी कम है। चालू सीजन में 136.13 लाख हेक्टेयर में दलहन की खेती की गई हैे, जबकि पिछले सीजन में 136.05 लाख हेक्टेयर में ही हुई थी, हालांकि सामान्य रकबा 140.44 लाख हेक्टेयर है।

चने का रकबा भी सामान्य से अभी कम है। चने का रकबा 100.99 लाख हेक्टेयर है। जबकि चालू सीजन में 93.98 लाख हेक्टेयर में चने की बुआई हो चुकी है, जबकि हालांकि साल का चने का रकबा 93.17 लाख हेक्टेयर था। मसूर का सामान्य रकबा 15.13 लाख हेक्टेयर है, जबकि चालू सीजन में 17.43 लाख हेक्टेयर है और पिछले साल का रकबा 17.76 लाख हेक्टेयर था।

मटर का सामान्य रकबा 6.50 लाख हेक्टेयर है, चालू सीजन में 8.94 लाख हेक्टेयर है जबकि पिछले साल का 8.98 लाख हेक्टेयर था।

उड़द की दाल का रबका भी सामान्य से काफी कम है। सामान्य रकबा 6.15 लाख हेक्टेयर है, जबकि चालू सीजन में 4.22 लाख हेक्टेयर में उड़द की दाल की बुआई हो चुकी है, पिछले साल यह आंकड़ा 4.79 लाख हेक्टेयर था।

 श्री अन्न एवं मोटे अनाज की बुआई का रकबा भी पिछले साल के मुकाबले बढ़ा है। चालू सीजन में 48.55 लाख हेक्टेयर की बुआई हो चुकी है। जबकि पिछले साल 47.77 लाख हेक्टेयर में बुआई हुई थी। हालांकि सामान्य रकबा 53.46 लाख हेक्टेयर है।

ज्वार का सामान्य रकबा 24.37 लाख हेक्टेयर है। वर्तमान सीजन में 22.24 लाख हेक्टेयर में ज्वार की बुआई हो चुकी है, जबकि पिछले साल 22.52 लाख हेक्टेयर में ज्वार लगाया गया था।

मक्का की बुआई पिछले साल के मुकाबले बढ़ी है। पिछले साल 17.53 लाख हेक्टेयर में मक्के की बुआई की गई थी, जबकि पिछले साल 18.93 लाख हेक्टेयर में मक्का लगाया गया था। हालांकि सामान्य रकबा 22.11 लाख हेक्टेयर है।

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