छत्तीसगढ़ में भी घुसा टिड्डी दल, किसान सचेत

31 मई की शाम छह बजे टिड्डियों ने मध्यप्रदेश के सीधी जिले से छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में प्रवेश किया
फोटो प्रतीकात्मक है।
फोटो प्रतीकात्मक है।
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छत्तीसगढ़ में भी टिड्डियों ने धावा बोल दिया है। कोरिया जिला के भरतपुर तहसील में घोरधरा गांव में टिड्डियों ने हमला बोला। यह इलाका मध्यप्रदेश के सीधी जिले की सीमा से सटा है और यहीं से टिड्डियों ने छत्तीसगढ़ में प्रवेश किया। 

कोरिया जिले के कलेक्टर एसएन राठौड़ ने बताया कि 31 मई की शाम छह बजे टिड्डियों ने इस गांव के खेतों पर हमला बोला। कृषि, उद्यानिकी और राजस्व विभाग के अमले को कहा गया है कि वे मौके पर जाकर टिड्डियों को भगाने की व्यवस्था करें। किसानों को पहले ही सचेत रहने को कहा गया था। 

इससे पहले 27 मई को चेतावनी जारी की थी कि मध्यप्रदेश के सिंगरौली से टिड्डी दल छत्तीसगढ़ राज्य के सीमावर्ती जिले कोरिया, सूरजपुर और बलरामपुर में प्रवेश कर सकता है, लेकिन उस समय टिड्डी दल ने अपना रास्ता बदल दिया था।

टिड्डियों के नियंत्रण के संदर्भ में राज्य सरकार इंदिरा कृषि विश्व विद्यालय से सहयोग ले रही है। कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति संजय पाटिल के मुताबिक - छत्तीसगढ़ में फिलहाल ये टिड्डी कितना नुकसान करेंगें यह कहना मुश्किल है। क्योंकि ये इनकी संख्या और दिशा दोनों पर निर्भर है।

ये अगर गोंदिया होते हुए छत्तीसगढ़ में प्रवेश करते हैं तो सबसे पहले डोंगरगढ़ राजनांदगांव बेल्ट पड़ता है जो कि सघन जंगल क्षेत्र है, जहां हरियाली खाने के चक्कर में यह अटक सकते हैं जिससे इनकी गति कम हो जाएगी, चूंकि रेगिस्तानी टिड्डी हैं तो अंडा देने इनको रेगिस्तान के तरफ ही जाना होता है इसलिए यह कहा जा सकता है कि छत्तीसगढ़ में इनका कम प्रभाव पड़ेगा।

मध्यप्रदेश में हुए टिड्डी दलों के हमले के बाद से छत्तीसगढ़ सरकार ने हरकत में आ चुकी है। कृषि विभाग को केन्द्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केन्द्र (इंटीग्रेटेड पेस्ट मैनेजमेंट) ने मध्य प्रदेश से सटे जिलों के लिए एडवाइजरी जारी कर सभी कलेक्टरों को आपदा प्रबंधन मद से टिड्डी दल के नियंत्रण के लिए इंतजाम करने को कहा है।

राज्य सरकार ने जिला स्तर पर कंट्रोल रूम बनाने के निर्देश दिए हैं। राज्य ने किसानों के लिए टोल फ्री नंबर 18002331850 जारी किया है जिसपर टिड्डी दल की स्थिति की जानकारी दी जा सके। छत्तीसगढ़ में इस समय दलहन और तिलहन फसलें लगी हुई हैं जिसे टिड्डी दल से काफी नुकसान हो सकता है।

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