रामलीला मैदान में किसान महापंचायत, एमएसपी की मांग को लेकर आंदोलन तेज करने का फैसला

एसकेएम ने सभी वर्गों से किसानों और श्रमिकों के चल रहे संघर्ष को 'संयुक्त पीपुल्स आंदोलन' में बदलने की अपील की
The Ramlila Maidan Mahapanchayat. Photo: Vikas Coudhary / CSE
The Ramlila Maidan Mahapanchayat. Photo: Vikas Coudhary / CSE
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संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने 14 मार्च 2024 को राजधानी दिल्ली में आयोजित किसान महापंचायत में सभी फसलों पर सी2+50 प्रतिशत पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) लागू नहीं करने और किसानों के लिए व्यापक ऋण माफी के लिए भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ अपनी लड़ाई तेज करने का संकल्प लिया।

37 किसान संगठनों के संयुक्त मंच एसकेएम ने अपने प्रस्ताव को "कॉर्पोरेट, सांप्रदायिक, तानाशाही शासन" के खिलाफ एक संकल्प पत्र कहा।

उन्होंने सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठनों से किसानों और श्रमिकों के चल रहे संघर्ष को 'संयुक्त पीपुल्स आंदोलन' में बदलने की अपील की।

एसकेएम के आह्वान पर 14 मार्च को सैकड़ों किसान, जिनमें ज्यादातर पंजाब से थे, दिल्ली के रामलीला मैदान में महापंचायत के लिए एकत्र हुए। एमएसपी पर कानून सहित किसानों की मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव डालने के लिए रैली का आयोजन किया गया था।

एसकेएम ने केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सिंघू, टिकरी और गाजीपुर सीमाओं पर 2020-21 में एक साल तक चलने वाले आंदोलन का नेतृत्व किया था। केंद्र ने बाद में नवंबर 2021 में कानूनों को रद्द कर दिया।

दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों को इस शर्त पर महापंचायत आयोजित करने की अनुमति दी थी कि 5,000 से अधिक लोगों को इकट्ठा होने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उपस्थित लोगों को ट्रैक्टर ट्रॉली लाने की भी मनाही थी और उन्हें मैदान में कोई मार्च आयोजित नहीं करना था।

भाजपा द्वारा अपने उम्मीदवारों की पहली सूची में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को खीरी लोकसभा सीट देने के विरोध में 23 मार्च, 2024 को भारत भर के सभी गांवों में 'लोकतंत्र बचाओ दिवस' के रूप में मनाने के लिए 14 मार्च को महापंचायत भी बुलाई गई थी।

टेनी का नाम 2020 में किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान सुर्खियों में आया था, जब उनके बेटे आशीष मिश्रा टेनी पर एसकेएम ने उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्र के लखीमपुरी खीरी में चार किसानों को कुचलने का आरोप लगाया था।

उधर हरियाणा पंजाब के संघू बॉर्डर पर किसान मजदूर संघर्ष समिति और संयुक्त किसान मोर्चा (अराजनैतिक) का धरना जारी है। ये किसान भी एमएसपी गारंटी कानून बनाने के साथ-साथ अन्य मांगें कर रहे हैं।

इस आंदोलन के 31वें दिन किसान नेता सुरजीत सिंह फूल, चमकौर सिंह उस्मानवाला, मलकीत सिंह गुलामीवाला, अमरजीत रारा, सुखदेव सिंह भोजराज ने कहा किसान मजदूर मोर्चा का एक प्रतिनिधिमंडल 21 फरवरी को पंजाब की धरती पर हरियाणा पुलिस द्वारा बेरहमी से पीटे गए किसान प्रीतपाल सिंह से सुबह पीजीआई चंडीगढ़ में मिला। उन्होंने कहा कि प्रीतपाल सिंह अब अच्छी हालत में हैं, डॉक्टरों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि जल्द ही उन्हें आईसीयू से छुट्टी मिल जाएगी।

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