गांव के रतन मंडल बताते हैं कि, "गांव में 2019 में लगभग 30 से 35 किसान पूर्ण रुप से जैविक खेती के रूप में जुड़ चुके थे। लेकिन फिर लाभ नहीं होने और अनुदान के परेशान होने की वजह से लगभग 25 किसान इस योजना से हट चुके हैं। अभी भी गांव के 5-7 जमींदार किसान जैविक खाद के नाम पर अनुदान तो नियमित ले रहे हैं, लेकिन जैविक खेती नहीं कर रहे हैं।"