केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने आज राज्यसभा में बताया कि 16 मार्च 2021 तक कोविड-19 वैक्सीन का टीका लगाने वाले कुल 89 व्यक्तियों की मौत हुई हैं। वर्तमान साक्ष्यों के अनुसार, अब तक हुई मौतों में से किसी भी मौत के लिए कोविड-19 टीकाकरण को जिम्मेदार नहीं ठहराया गया है।
उपभोक्ता मामलों, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के राज्य मंत्री रावसाहेब दादाराव दानवे ने इस बात से इनकार किया कि सरकार इथेनॉल उत्पादक फसलों की खेती करने वाले किसानों को सीधे सब्सिडी देती है।
देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग (दीएसी और एफडब्ल्यू) के माध्यम से सरकार देश के 28 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम) को लागू कर रही है। ताकि देश में चावल, गेहूं, दालें, मोटे / पोषक अनाज, व्यावसायिक फसलें (कपास, जूट और गन्ना), तिलहन की उत्पादकता में वृद्धि हो सके। इस बात की जानकारी आज दादाराव दानवे ने लोकसभा में दी।
उन्होंने सदन में यह भी बताया कि देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम) एक फसल उत्पादन उन्मुख योजना है जिसे इथेनॉल के उत्पादन के उद्देश्य से लागू नहीं किया गया है।
वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान, 18 मार्च, 2021 तक 369 करोड़ से अधिक व्यक्ति दिवस सृजित हुए हैं, जो वित्त वर्ष 2019-20 में इसी अवधि के दौरान उत्पन्न रोजगार से लगभग 40 फीसदी अधिक है। वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान, अब तक 1.77 करोड़ से अधिक नए जॉब कार्ड जारी किए गए हैं, जो वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान जारी किए गए नए जॉब कार्डों की कुल संख्या से 154 फीसदी अधिक है। चालू वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान, महात्मा गांधी एनआरईजीएस के तहत 10.98 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार दिया गया, जो कि वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान व्यक्तियों को दिए गए रोजगार की तुलना में 39 फीसदी अधिक है। यह ग्रामीण विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने आज लोकसभा में बताया।
कृषि जनगणना 2015-16 के अनुसार, देश में कृषि क्षेत्र से जुड़ी कुल महिलाओं की संख्या 2.044 करोड़ है। कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग बुवाई, कटाई, निराई में लगी महिलाओं की संख्या से संबंधी आंकड़े नहीं रखता है। यह कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज लोकसभा में बताया।
भारत में कृषि जनगणना देश में ऑपरेशनल होल्डिंग्स की संरचना की जानकारी एकत्र करने और समय के साथ होने वाले परिवर्तनों की निगरानी के लिए पांच वर्षों के अंतराल में आयोजित की जाती है। ऑपरेशनल होल्डिंग्स - जिसमें सारी भूमि जो पूरी तरह से या आंशिक रूप से कृषि उत्पादन के लिए उपयोग की जाती है और एक तकनीकी इकाई के रूप में एक व्यक्ति/अकेले या दूसरों के साथ मिलकर, कानूनी रूप से कृषि कार्य किए जाते हैं।
कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने आज लोकसभा में बताया कि इस श्रृंखला में अब तक दस कृषि जनगणनाएं पूरी हो चुकी हैं और कृषि जनगणना 2015-16 नवीनतम है। तोमर ने सदन को यह भी बताया कि नवीनतम कृषि जनगणना के अनुसार, 2010-11 में ऑपरेशनल होल्डिंग्स की कुल संख्या 13.835 करोड़ से बढ़कर 2015-16 में 14.645 करोड़ हो गई है यानी इसमें 5.86 फीसदी की वृद्धि हुई है।
कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज लोकसभा में इस बात से इनकार किया कि देश में किसानों ने उनके लिए प्राकृतिक आपदा मुआवजा संबंधी कोष स्थापित करने की मांग की है। तोमर ने सदन को बताया कि गृह मंत्रालय ने जानकारी दी है कि उनके मंत्रालय में ऐसी कोई मांग नहीं आई है। हालांकि, 12 अधिसूचित प्राकृतिक आपदाओं के कारण प्रभावित किसानों सहित लोगों को राहत देने के लिए, सभी राज्यों में स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फण्ड (एसडीआरएफ) नाम से एक कोष मौजूद है।
सरकार ने 2022 तक उप-स्वास्थ्य केंद्रों (एसएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) में सुधार करके 1.5 लाख स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों (एचडब्ल्यूसी) स्थापित करने की योजना शुरू की है। जिसका उद्देश्य व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए विशेष रूप से ग्रामीण भारत में लोगों के घरों के करीब, स्वास्थ्य सुविधाओं के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है। यह स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्धन ने आज राज्यसभा में बताया।
हर्षवर्धन ने सदन को यह भी बताया कि 70,221 से अधिक एचडब्ल्यूसी पहले ही कार्य कर रहे हैं और लोग इनका लाभ ले रहे हैं। ये केन्द्र न्यायसंगत और सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। इनमें से 40,634 से अधिक एचडब्ल्यूसी को 1 फरवरी 2020 से संचालित किया जा रहा है, यानी कोविड-19 महामारी की अवधि के दौरान से।
महाराष्ट्र, केरल और पंजाब में कोविड-19 वायरस का कोई नया स्वरूप (स्ट्रेन) नहीं पाया गया है। इन राज्यों में अब तक देखे गए कोविड-19 के मामलों में उछाल सार्स-सीओवी-2 वायरस के कारण है जो पिछले साल की महामारी से चला आ रहा है। यह स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने आज राज्यसभा में बताया।
पुराने थर्मल पावर प्लांट जो केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा अधिसूचित नए उत्सर्जन मानदंडों को पूरा करने में सक्षम नहीं हैं, उन्हें एक निर्धारित समय के भीतर उनके खिलाफ केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सिपीसीबी) द्वारा पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986, के तहत इन संयंत्रों को बंद करने सहित इन पर उचित कार्रवाई की जाएगी। केंद्रीय विद्युत, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा, कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री आर. के. सिंह ने आज राज्यसभा में में बताया।
सिंह ने सदन को यह भी बताया कि राष्ट्रीय विद्युत योजना (एनईपी) ने पहले ही 2027 तक कोयला आधारित संयंत्रों की संभावित सेवानिवृत्ति और नवीकरणीय ऊर्जा और पारंपरिक स्रोतों के आधार पर क्षमता वृद्धि की पुष्टि की है जो देश की बिजली की आवश्यकता को पूरा करने के लिए पर्याप्त होगी।