संसद में आज: कृषि में ड्रोन को बढ़ावा देने के लिए 141.39 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित

26 मार्च, 2025 तक थैलेसीमिया के लिए जांचे गए 15,87,903 लोगों में से कुल 5,037 की पहचान रोगग्रस्त और 50,462 की पहचान थैलेसीमिया के वाहक के रूप में की गई है।
सरकार ने सदन में बताया कि किसानों को सब्सिडी पर 544 किसान ड्रोन की आपूर्ति और किसानों को ड्रोन सेवाएं प्रदान करने के लिए 1595 किसान ड्रोन सीएचसी की स्थापना के लिए राज्य सरकारों को धनराशि जारी की गई है।
सरकार ने सदन में बताया कि किसानों को सब्सिडी पर 544 किसान ड्रोन की आपूर्ति और किसानों को ड्रोन सेवाएं प्रदान करने के लिए 1595 किसान ड्रोन सीएचसी की स्थापना के लिए राज्य सरकारों को धनराशि जारी की गई है।
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संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण का आज अंतिम दिन है, इसी बीच सदन में पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में आज, कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने राज्यसभा में कहा कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग (डीएएंडएफडब्ल्यू) किसानों द्वारा किसान ड्रोन को अपनाने को लेकर बढ़ावा दे रहा है।

कृषि यंत्रीकरण पर उप-मिशन (एसएमएएम) के तहत, 2021-22 से 31 मार्च, 2025 तक, किसान ड्रोन को बढ़ावा देने के लिए 141.39 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की गई है, जिसमें किसान ड्रोन की खरीद और 100 कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके), 75 भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) संस्थानों और 25 राज्य कृषि विश्वविद्यालयों (एसएयू) के माध्यम से किसानों के खेतों पर उनके प्रदर्शनों के आयोजन के लिए आईसीएआर को जारी किए गए 52.50 करोड़ रुपये शामिल हैं।

ठाकुर ने बताया कि आईसीएआर के संस्थानों ने 296 ड्रोन खरीदे हैं और इन संस्थानों ने मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का पालन करते हुए 30,235 हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करते हुए पोषक तत्वों, उर्वरकों और कीटनाशकों के अनुप्रयोगों पर 27,099 ड्रोन का उपयोग किया है। किसानों को सब्सिडी पर 544 किसान ड्रोन की आपूर्ति और किसानों को ड्रोन सेवाएं प्रदान करने के लिए 1595 किसान ड्रोन सीएचसी की स्थापना के लिए राज्य सरकारों को धनराशि जारी की गई है।

देश में टीबी की माइक्रोस्कोपी जांच

सदन में उठाए गए एक सवाल के जवाब में आज, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने लोकसभा में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा कराए गए सर्वेक्षण का हवाला दिया। पटेल ने कहा कि आईसीएमआर के द्वारा 2019 से 2021 तक भारत में राष्ट्रीय टीबी प्रसार सर्वेक्षण आयोजित किया गया था।

सर्वेक्षण में पाया गया कि स्मीयर माइक्रोस्कोपी प्रति लाख आबादी पर 160 टीबी मामलों का पता लगा सकती है, जबकि न्यूक्लिक एसिड एम्प्लीफिकेशन टेस्ट (एनएएटी) प्रति लाख आबादी पर 301 टीबी मामलों का पता लगा सकता है।

उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत देश के सभी राज्यों के जिलों में आणविक निदान क्षमता को मजबूत करने के लिए एनएएटी प्रयोगशालाओं की संख्या 2015 में 121 से बढ़ाकर 2025 में 8,540 कर दी गई है।

ईवी चार्जिंग स्टेशन लगाने और फेम-तृतीय चरण के क्रियान्वयन के लिए लक्ष्य निर्धारित

ईवी चार्जिंग स्टेशन को लेकर सदन में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में आज, भारी उद्योग राज्य मंत्री भूपतिराजू श्रीनिवास वर्मा ने राज्यसभा में बताया कि मंत्रालय के द्वारा ईवी चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए कोई देशव्यापी लक्ष्य निर्धारित नहीं किए गए हैं।

ऊर्जा दक्षता ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार, एक अप्रैल, 2025 तक, पिछले पांच सालों के दौरान टियर एक, दो और तीन शहरों में कुल 26,367 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन लगाए गए हैं।

देश में थैलेसीमिया के मामले

सदन में उठे एक सवाल के जवाब में आज, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने लोकसभा में राष्ट्रीय पोर्टल के आंकड़ों का हवाला दिया। उन्होंने कहा राज्यों द्वारा अपडेट किए गए आंकड़ों के अनुसार, 26 मार्च, 2025 तक थैलेसीमिया के लिए जांचे गए 15,87,903 लोगों में से कुल 5,037 की पहचान रोगग्रस्त और 50,462 की पहचान थैलेसीमिया के वाहक के रूप में की गई है।

सिकल सेल रोगों का उन्मूलन

सिकल सेल रोगों के संबंध में पूछे गए एक और प्रश्न के लिखित उत्तर में आज, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने लोकसभा में बताया कि राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन (एनएससीएईएम) की शुरुआत प्रधानमंत्री द्वारा एक जुलाई, 2023 को मध्य प्रदेश से की गई थी।

पटेल ने कहा कि मिशन का उद्देश्य सभी सिकल सेल रोग रोगियों को सस्ती, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण देखभाल प्रदान करना, जागरूकता सृजन के माध्यम से एससीडी के प्रसार में कमी लाना, जनजातीय क्षेत्रों के प्रभावित जिलों में साल 2025-26 तक शून्य से 40 वर्ष की आयु के सात करोड़ लोगों की लक्षित आधार पर जांच और केंद्रीय मंत्रालयों और राज्य सरकारों के सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से परामर्श देना है।

शीत लहर की वजह से स्वास्थ्य को खतरा

सदन में उठाए गए एक सवाल के जवाब में आज, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने लोकसभा में कहा कि सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने के लिए, मंत्रालय शीत लहर वाले क्षेत्रों में चरम सर्दियों के मौसम से पहले शीत लहर और पाले के बारे में सार्वजनिक स्वास्थ्य सलाह प्रसारित करता है।

जाधव ने बताया कि इन सलाहों का उद्देश्य आम जनता, जिसमें कमजोर वर्ग भी शामिल हैं, को निवारक उपायों और सुरक्षा दिशा-निर्देशों के बारे में जानकारी देना है। प्रभावित क्षेत्रों में राज्य स्वास्थ्य विभाग व्यापक जागरूकता सुनिश्चित करने के लिए ऑडियो, विज़ुअल और प्रिंट मीडिया के माध्यम से इन सलाहों का अनुवाद, अपडेट और वितरण करने के लिए जिम्मेवार हैं।

प्रभावी मौसमी तैयारियों के लिए, राज्य स्वास्थ्य विभागों को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) द्वारा जारी किए गए कार्य योजना की तैयारी के लिए राष्ट्रीय दिशा-निर्देशों के साथ अपनी रणनीतियों को शामिल करने की सलाह दी जाती है।

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