संसद में आज: सूखे, बाढ़ व चक्रवात की वजह से अप्रैल से नवंबर के बीच 10 लाख हेक्टेयर में लगी फसल को नुकसान

संसद में आज पूछे गए कुछ सवाल के जवाबों में दी गई महत्वपूर्ण जानकारी
आज लोकसभा में कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा सुपारी को कैंसरकारी के रूप में वर्गीकृत किए जाने के बाद सुपारी किसानों के सामने आने वाली चुनौतियों को स्वीकार किया
आज लोकसभा में कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा सुपारी को कैंसरकारी के रूप में वर्गीकृत किए जाने के बाद सुपारी किसानों के सामने आने वाली चुनौतियों को स्वीकार किया
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आईसीएआर द्वारा विकसित की गई फसलों की नई किस्में

संसद के शीतकालीन सत्र का आज, यानी मंगलवार को छठवां दिन है। सदन में उठाए गए एक सवाल के जवाब में, कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज लोकसभा में जानकारी देते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन और कुपोषण से निपटने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने साल 2024 तक फसलों की 524 नई किस्में और संकर तथा बागवानी फसलों की 167 नई किस्में विकसित की हैं

इनमें अनाज की 246 किस्में शामिल हैं, जिनमें चावल (126), गेहूं (22), मक्का (51) और छोटे बाजरे (21) शामिल हैं। विकसित की गई बागवानी फसलों की 167 किस्मों में फल (40), सब्जियां (70) और फूल (16) शामिल हैं।

चौहान ने बताया कि 34 खेती की फसलों और 27 बागवानी फसलों की 109 विशेषता-विशिष्ट किस्में 11 अगस्त, 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्र को समर्पित की गई।

इन फसलों की किस्मों के विकास में जलवायु परिवर्तन के प्रति अनुकूलन और पोषण में वृद्धि को प्राथमिकता दी गई। जिसके चलते 455 किस्में विभिन्न जैविक और अजैविक तनावों के प्रति सहनशीलता या प्रतिरोध प्रदर्शित करती हैं। इनमें से, 92 किस्मों को विशेष रूप से सूखा, बाढ़, जलभराव, गर्मी, कम तापमान, लवणता और फास्फोरस की कमी जैसी चरम अजैविक चुनौतियों के लिए असाधारण लचीलापन के लिए विकसित किया गया है। इसके अलावा 32 किस्मों को बेहतर पोषण गुणों के साथ सुधार किया गया है, जो प्रमुख आहार संबंधी कमियों को दूर करता है।

ग्राम पंचायत आवेदन पोर्टल किया लॉन्च

आज, सदन में पूछे गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में, पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह ने लोकसभा में कहा कि पंचायती राज मंत्रालय ने ग्राम पंचायतों (जीपी) में बनाई गई संपत्तियों के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने और निधियों के उपयोग की योजना बनाने के लिए ग्राम पंचायत आवेदन पोर्टल लॉन्च किया है।

सिंह ने बताया कि यह नया उपकरण ग्रामीण शासन में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देते हुए स्थानीय नियोजन में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए बनाया गया है। उन्होंने कहा कि इस पहल ने पहले ही उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल कर ली हैं, खासकर उत्तर प्रदेश में, जहां इसके कार्यान्वयन से स्थानीय विकास नियोजन में महत्वपूर्ण सुधार हो रहा है।

प्राकृतिक आपदाओं के कारण नुकसान

प्राकृतिक आपदाओं के कारण होने वाले नुकसान को लेकर सदन में उठाए गए एक सवाल के जवाब में आज, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने आज लोकसभा में बताया कि मंत्रालय बाढ़ और भूस्खलन सहित किसी भी आपदा के कारण होने वाले नुकसान के आंकड़े केंद्रीय रूप से नहीं रखता है। हालांकि विभिन्न राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, 27 नवंबर, 2024 तक मौसम संबंधी आपदाओं ने कम से कम 2803 लोगों की जान ले ली और 10.23 लाख हेक्टेयर फसल क्षेत्र को प्रभावित किया।

27 नवंबर 2024 तक, असम, आंध्र प्रदेश, मिजोरम, केरल, नागालैंड, त्रिपुरा, गुजरात, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, बिहार, हिमाचल प्रदेश और ओडिशा समेत तमाम राज्यों के लिए 2024 के दौरान प्राकृतिक आपदाओं के कारण होने वाले नुकसान का मौके पर आकलन करने के लिए कुल 12 अंतर-मंत्रालयी केन्द्रीय दल (आईएमसीटी) गठित किए गए हैं।

पीएम-किसान योजना का क्रियान्वयन

आज कृषि और किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने एक प्रश्न के उत्तर में लोकसभा में कहा कि भारत सरकार की एक प्रमुख पहल पीएम-किसान योजना फरवरी 2019 में माननीय प्रधानमंत्री द्वारा भूमिधारक किसानों की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए शुरू की गई थी। इस योजना के माध्यम से, किसानों को हर साल 6,000 रुपये की वित्तीय सहायता तीन समान किस्तों में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) मोड के माध्यम से उनके आधार से जुड़े बैंक खातों में सीधे हस्तांतरित की जाती है।

चौहान ने बताया कि यह योजना का मजबूत डिजिटल बुनियादी ढांचा देश भर के किसानों को लाभ की निर्बाध डिलीवरी सुनिश्चित करता है, जिससे बिचौलियों की भागीदारी समाप्त हो जाती है। उन्होंने कहा कि पंजीकरण और सत्यापन प्रक्रिया में पारदर्शिता की प्रतिबद्धता के साथ, सरकार ने इसकी शुरुआत से अब तक 18 किस्तों में किसानों को 3.46 लाख करोड़ रुपये से अधिक का वितरण किया है।

डब्ल्यूएचओ द्वारा सुपारी का वर्गीकरण

आज लोकसभा में कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा सुपारी को कैंसरकारी के रूप में वर्गीकृत किए जाने के बाद सुपारी किसानों के सामने आने वाली चुनौतियों को स्वीकार किया और उन्हें दूर करने के लिए चल रहे प्रयासों की रूपरेखा प्रस्तुत की। यह वर्गीकरण मुख्य रूप से सुपारी और गुटखा जैसे मिश्रणों को लेकर किए गए शोध पर आधारित था, जिसमें अन्य चीजों के साथ सुपारी भी शामिल होती है।

चौधरी ने कहा कि डब्ल्यूएचओ द्वारा प्रकाशित कई शोध पत्रों में कार्यप्रणाली संबंधी सीमाएं हैं, जिसके कारण इनके निष्कर्ष नहीं निकले हैं। इसलिए बढ़ती चिंताओं के जवाब में, सरकार ने सुपारी और मनुष्य के स्वास्थ्य पर साक्ष्य-आधारित शोध नामक एक व्यापक अध्ययन की योजना बनाई है।

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा किए जाने वाले इस अध्ययन में लगभग 16 प्रमुख संस्थान शामिल होंगे, जिनमें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर)-कोशिकीय एवं आणविक जीव विज्ञान केंद्र (सीसीएमबी) और भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) आदि शामिल हैं।

लखपति दीदी और स्वयं सहायता समूह

लखपति दीदी और स्वयं सहायता समूह को लेकर सदन में उठाए गए एक सवाल की लिखित जवाब में, ग्रामीण विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी ने आज लोकसभा में बताया कि लखपति दीदी योजना से कम से कम 1,15,00,274 महिलाएं लाभान्वित हुई हैं।

कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय की नमो ड्रोन दीदी योजना का लक्ष्य 2023-24 से 2025-26 तक डे-एनआरएलएम के तहत 15,000 एसएचजी के सदस्यों को ड्रोन प्रदान करना है। उनके अनुसार, वर्ष 2023-24 में, उर्वरक कंपनियों ने अपने स्वयं के संसाधनों के माध्यम से एसएचजी के सदस्यों को 503 ड्रोन वितरित किए हैं।

मंत्री ने बताया कि डे-एनआरएलएम (दीनदयाल अंत्योदय योजना - राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन) के तहत हस्तक्षेप के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) में महिलाओं की वित्तीय स्वतंत्रता पर प्रभाव मूल्यांकन अध्ययनों से अनौपचारिक ऋणों पर निर्भरता में 20 फीसदी की कमी आई है।

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